पशु मेले का स्थान फिर से बदला, अब रतिया रोड पर अयाल्की के पास लगेगा
जागरण संवाददाता फतेहाबाद जिले में लगने वाला प्रसिद्ध पशु मेले का अब फिर से स्थान बदल गया ह
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
जिले में लगने वाला प्रसिद्ध पशु मेले का अब फिर से स्थान बदल गया है। अब से रतिया रोड पर स्थित गांव अयाल्की के पास पशु मेला लगेगा। इसके लिए मेला प्रबंधक कमेटी ने गांव अयाल्की की पंचायत से करीब 22 एकड़ जमीन पांच साल के लिए पट्टे पर ली है। अब आगामी पांच साल तक मेला बिना किसी रोकटोक के पट्टे पर ली गई जगह पर ही लगेगा।
पिछले कुछ वर्षो में हिसार- सिरसा बाइपास के पास खाली पड़े हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के ग्राउंड पशु मेला लगाता था। जिला स्तरीय प्रबंधन एवं निगरानी कमेटी को अब स्थाई जगह मिल गई है। रतिया रोड स्थित गांव अयाल्की की ग्राम पंचायत ने कमेटी को साढ़े 22 एकड़ जमीन पट्टे पर दी है। कमेटी ने पंचायत से उक्त जमीन 5 साल के लिए पट्टे पर ली है। इस साल कमेटी पंचायत को 4 लाख 56 हजार 500 रुपये देगी तथा इसके बाद हर साल 10 फीसदी बढ़ाकर पंचायत को दिए जाएंगे। विदित रहे कि पशु मेले की शुरुआत जिले में 60 साल पहले हुए थी। शुरूआत में पशु मेला रतिया चुगी के पास लगता था। इसके बाद वहां से मेला शिफ्ट होकर पुराना बस स्टैंड के पास लगने लग गया। एक दशक पहले पशु मेला लघु सचिवालय के बाहर स्थित सेक्टर की जगह पर लगता था। इसके बाद मेले को शहर बाहर बाइपास पर शिफ्ट कर दिया। अब फिर से स्थान बदला है।
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मेला ग्राउंड पर ये करवाए गए काम
मेला प्रबंधक कमेटी बीडीपीओ कार्यालय के मागदर्शन में काम करती है। इस कमेटी ने पट्टे पर ली गई पंचायत की जमीन पर चारों ओर तारबंदी की है। इसके अलावा मेला ग्राउंड में सावर्जनिक शौचालय का निर्माण किया है। पेयजल की व्यवस्था भी की गई है। पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था के लिए जोहड़ खुदवाया गया है। पशुओं को उतारने व चढ़ाने के लिए रैंप बनाए गए है।
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प्रत्येक रविवार आते हैं 2 हजार पशु :
जिले में हर रविवार को पशु मेला लगता है जिसमें किसान व व्यापारी पशुओं की खरीद- फरोख्त करते हैं। हर रविवार को मेले में लगभग 2 हजार पशु बिकने व खरीदने के लिए आते हैं। इससे सरकार को प्रति वर्ष लाखों रुपये की आय होती है। इसके अलावा क्षेत्र में दुधारू पशुओं का रेट में किसानों को बढि़या मिलता है। वहीं मेले की वजह से अनेक लोगों को रोजगार मिला हुआ है। जिसमें से ट्रक व कैंटर चालक प्रमुख है। इनके मार्फत यूपी व बिहार के व्यापारी अपने खरीद हुए पशु लेकर जाते है।
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फीस बढ़ने से बढ़ गई टैक्स चोरी :
प्रदेश सरकार ने पशु मेले में फीस बढ़ा दी है। इससे खरीदार के साथ पशुपालक भी परेशान है। वजह है कि मेले में इंट्री करते ही पशुपालक से प्रत्येक पशु से 100 रुपये की इंट्री फीस ली जाती है। वहीं इसके बाद जब पशु बेचा या खरीदा जाता है तो उसे रिकॉर्ड में दर्ज करवाते समय उसकी कीमत का 4 फीसदी विभाग को जमा करवाना होता है। इसमें 3 फीसदी खरीदार को तथा 1 फीसदी राशि पशु बेचने वाले को देनी होती है। यह बहुत अधिक बनती है। यदि किसी ने एक लाख की पशुपालक ने भैंस बेच दी तो इससे करीब 4 हजार रुपये टैक्स बनता है जो बहुत अधिक है। अधिक टैक्स होने की वजह से चोरी बढ़ गई। जिसका लाभ कमेटी के सदस्यों को मिल रहा है।
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इस रविवार से पशु मेला गांव अयाल्की के पास रतिया रोड पर लगेगा। इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है। मेले में सभी प्रकार की व्यवस्था कर दी है। पशु मेले में से क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलता है वहीं पशुपालकों के पशुओं के दाम भी उन्हें बढि़या मिल रहे है।
- मुखत्यार सिंह बाजीगर, चेयरमैन, ब्लाक समिति, फतेहाबाद