सरकार तो सिर्फ पौधे लगवा सकती है, संरक्षण हमें ही करना पड़ेगा
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद: हम अपने आसपास की तमाम समस्याओं के लिए सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद: हम अपने आसपास की तमाम समस्याओं के लिए सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। हां, सरकार को जिम्मेदार बताने में सुविधा जरूर होती है, क्योंकि हमें कुछ करना नहीं पड़ता। लेकिन बहुत सारे मसले हैं, जिनका समाधान जनता के स्तर पर ही हो सकता है। पर्यावरण संरक्षण भी ऐसी ही मुहिम है। विश्व पर्यावरण दिवस पर दैनिक जागरण की ओर से आयोजित विचार गोष्ठी में पर्यावरण प्रेमियों ने बहुत सारे सुझाव रखे। लेकिन सबसे अहम सुझाव यही रखा कि समाज की भागीदारी के बगैर पर्यावरण संरक्षण नहीं हो सकता। वन विभाग की इतनी भागीदारी कम नहीं है कि हर साल हजारों की तादाद में पौधे लगाता है। पौधरोपण के बाद यह जिम्मेदारी आमजन की रह जाती है कि उन पौधों को समय पर पानी दे व आग आदि से सुरक्षा दे। मगर दुर्भाग्यपूर्ण है कि हर साल सैकड़ों पौधे किसानों के अपने स्वार्थ की वजह से झुलसा दिए जाते हैं। इतना ही नहीं, और भी कई ऐसी छोटी छोटी आदतें हैं, जिन्हें बदलने की जरूरत है।
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लोगों में जागरूकता जरूरी : सतीश बिश्नोई
सिटी सीनियर सैकेंडरी स्कूल भिरडाना से प्रि¨सपल सतीश बिश्नोई ने कहा कि आज अगर वातावरण प्रदूषित हो रहा है तो वह केवल लोगों की लापरवाही के कारण ही है।विभाग व सरकार की नीतियां तब तक सफल नहीं होगीं जब तक आमजन में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता नहीं आएगी। इसलिए वन विभाग को लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है। लोगों को प्रदूषण से होने वाले नुकसान के बारे मे अवगत करवाना होगा।
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पौधों की सुरक्षा हेतू चाहिए ट्री गार्ड: सुभाष चंद्र
गांव भिरडाना के सरपंच सुभाष चन्द्र ने कहा कि वन विभाग व सामाजिक संस्थाएं पौधरोपण तो करती हैं, लेकिन जब तक पौधे बड़े नहीं होते, उन्हें आवारा पशुओं से खतरा बना रहता है। इसलिए वन विभाग को छोटे पौधों पर ट्री गार्ड अवश्य लगाने चाहिए ताकि उनकी सुरक्षा होती रहे। इसके लिए वह भिरडाना ग्राम पंचायत की ओर से प्रस्ताव भी वन विभाग को भेजेंगे। उनकी ओर से भूना रोड से भिरडाना रोड तक पौधे लगाए जाएंगे।
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पराली का प्रबंधन बहुत जरूरी: रमेशचंद बजाज
प्रगतिशील किसान रमेशचंद बजाज ने कहा कि वह खुद खेती करते हैं, इसलिए किसानों की दिक्कतों को समझते हैं। किसान कभी नहीं चाहता कि पेड़ पौधों को नुकसान हो। मगर फसलों के अवशेष का प्रबंधन करना बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य है। उन्हें धान की पराली से निपटने के लिए बहुत मुशकिल आती है। सरकार व कृषि विभाग को चाहिए कि किसानों को आग लगाने से रोकने के साथ उन्हें पूरी तरह संसाधन मुहैया करवाए ताकि किसान धान की पराली का प्रबंधन कर सकें।
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पौधों मे पानी डलवाएगी सामाजिक संस्था : राजन ग्रोवर
सामाजिक कार्यकर्ता राजन ग्रोवर ने कहा कि भयंकर गर्मी के चलते पौधे झुलस जाते हैं। इस मौसम में अगर पेड़ पौधों को पानी मिल जाए तो उनके लिए संजीवनी से कम नहीं है। हर व्यक्ति का दायित्व बनता है कि वह अपने आसपास के पेड़ पौधों को पानी दे, ताकि पौधों को सूखने से बचाया जा सके।
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खाली पडी पंचायती भूमि पर लगाए जाएगे पौधे : प्रेमकुमार कारगवाल
धांगड से सरपंच प्रेमकुमार कारगवाल ने कहा कि उनके गांव में ग्राम पंचायत की ओर से खाली पड़ी पंचायती भूमि में पौधे लगाए जाएंगे। हमारा प्रयास यही रहता है कि गांव के आसपास ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए जाएं। पर्यावरण को लेकर ¨चता जताना काफी नहीं होगा। इसके लिए जमीनी स्तर पर प्रयास भी जरूरी हैं।
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पर्यावरण संरक्षण की शिक्षा जरूरी : कड़वासरा
वन्य जीव प्रेमी विनोद कड़वासरा ने कहा कि बच्चों को स्कूली शिक्षा के दौरान वातावरण को शुद्ध व स्वच्छ बनाए रखने संबंधी जानकारी दी जानी चाहिए। यह हमारा नैतिक दायित्व है। इसलिए अन्य विषयों की तरह इस शिक्षा पर भी जोर दिया जाना चाहिए। बच्चों को पर्यावरण प्रदूषण से होने वाले नुकसान बारे बताना चाहिए। क्योंकि जो बात हमें स्कूल में सिखाई जाती है, वह हमे जिदंगी भर याद रहती है।