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भावपूर्ण विवेकी बुद्धि से किया गया कर्म प्रभु की उपासना है : दिव्यानंद

जागरण संवाददाता फतेहाबाद बोझ भरी जिदगी से बचने के लिए हमें श्री कृष्ण की कर्म योग कला स

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 11:57 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 06:19 AM (IST)
भावपूर्ण विवेकी बुद्धि से किया गया कर्म प्रभु की उपासना है : दिव्यानंद

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : बोझ भरी जिदगी से बचने के लिए हमें श्री कृष्ण की कर्म योग कला सीखनी होगी। आज जितना कर्म के नाम पर काम पर जोर दिया जा रहा है, उतना ही कर्म करने की कला लगभग समाप्त हो गई है, जिसे गीता जी के कर्म योग साधना में हमें सीखना होगा।

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यह बात श्री रघुनाथ मंदिर शिव चौक फतेहाबाद में आयोजित श्री गीता जयंती महोत्सव एवं निशुल्क नेत्र चेकअप एवं स्क्रीनिग शिविर में डा. स्वामी दिव्यानंद महाराज ने कही। इस दौरान रतिया के विधायक लक्ष्मण नापा ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में मार्केट कमेटी सचिव संजीव सचदेवा, प्रधान टेकचंद मिढ़ा, ओमप्रकाश सरदाना, अनिल सरदाना, सुशील कुमार बिश्नोई, दीवानचंद नागपाल मुख्य रूप से उपस्थित रहे।


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