अभी से डराती है जलभराव और सीवर की व्यवस्था
सतभूषण गोयल, टोहाना : बरसात का मौसम शुरू होते ही शहर के कई क्षेत्र जहां बरसाती पानी से लबालब हो जा
सतभूषण गोयल, टोहाना :
बरसात का मौसम शुरू होते ही शहर के कई क्षेत्र जहां बरसाती पानी से लबालब हो जाते हैं वहीं सीवरेज प्रणाली ठप्प होने से सीवरेज का गंदा पानी भी क्षेत्र में बदहाली का वातावरण पैदा कर देता हैं। जून की गर्मियों के बाद मानसून के आगमन से पहले ही टोहाना के कई क्षेत्र ऐसे है वहां के बा¨शदों को सीवरेज ओवरफ्लों व बरसाती पानी की निकासी को लेकर भय सताने लग जाता है। जिससे उनका जीवन नारकीय बन जाता हैं। यह संकट क्षेत्रवासी वर्षो से झेलते आ रहे हैं। लेकिन प्रशासन द्वारा इस दिशा में कोई स्थाई प्रबंध नहीं किये जाने से क्षेत्रवासी मौजूदा प्रशासन व सत्ताधारियों को कोसते नजर आते हैं।
शहर के मुख्य क्षेत्र मिलन चौक, पुरानी सब्जी मंडी, रामनगर, जमालपुर रोड, रतिया रोड, भूना रोड पर स्थित गलियां, बस स्टैंड, डांगरा रोड आदि ऐसे क्षेत्र है जोकि थोड़ी देर की बरसात के बाद बरसाती पानी से लबालब हो जाते हैं। वहीं इन क्षेत्रों में सीवरेज व्यवस्था ठप्प होने से सीवरेज का गंदा पानी सड़कों पर फैल जाता है। वहीं यह गंदा पानी घरों व दुकानों में घुसने से वातावरण दूषित हो जाता है। प्रशासन द्वारा वर्षाें पूर्व डाली गई सीवरेज की पाईपें मौजूदा समय में नाकाफी साबित हो रही है। हालांकि शहर की आबादी लगातार बढ़ रही है लेकिन सीवरेज के पानी की निकासी के प्रबंधों में बढ़ोतरी ना होने से क्षेत्र की जनता सीवरेज के गंदे पानी का ओवरफ्लों होकर सड़कों पर फैलने का दंश पिछले लंबे समय से झेलती आ रही हैं। जबकि प्रशासन द्वारा निकासी के पुख्ता प्रबंध ना किये जाने से मिलन चौक के पास स्थित कक्कड़ अस्पताल को मजबूरी वशा वहां से पलायन करना पड़ा। जबकि अन्य संस्थानों में फर्शो को ऊंचा उठाया गया है ताकि वह बरसाती व सीवरेज के गंदे पानी का शिकार ना हो। क्या कहते है अधिकारी
इस संदर्भ में जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आदर्श ¨सगला ने बात की तो उन्होंने बताया कि पहले निकासी की समस्या काफी थी लेकिन अब इस समस्या पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। उन्होंने बताया कि रतिया रोड व मिलन चौक के पानी की निकासी कर उसे दमकौरा डिस्पोजल के माध्यम से रंगोई नाले में डाला जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि समय-समय पर सीवरेजों की सफाई करवाई जा रही हैं। वहीं ब्लॉकेज खोलने के लिए मशीन तथा निकासी के लिए कर्मचारी पूरी तरह से मुस्तैद हैं। उन्होंने बताया कि थोड़ी सी बरसात के बाद बरसाती पानी कुछ देर बाद निकल जाता है जबकि तेज व ज्यादा देर चली बरसात के बाद निकासी का कार्य दो घंटे में हो जाता है। उन्होंने बताया कि निकासी के लिए पंप सैंट व जनरेटर सैट भी उपलब्ध है।