खरना के साथ शुरू किया 36 घंटे का व्रत
संवाद सहयोगी टोहाना छठ महापर्व को लेकर पूर्वांचलवासियों में उत्साह का माहौल दिखा। वी
संवाद सहयोगी, टोहाना : छठ महापर्व को लेकर पूर्वांचलवासियों में उत्साह का माहौल दिखा। वीरवार को व्रतियों ने खरना के साथ ही 36 घंटे का उपवास शुरू किया। वीरवार को श्रद्धालुओं ने पूजा से संबंधित सामाग्री की खरीदारी की।
वीरवार को व्रतियों ने उपवास रख गुड़ की खीर व रोटी का प्रसाद तैयार किया। जबकि सूर्यास्त के बाद उसे ग्रहण कर 36 घंटे का व्रत शुरू किया। श्रद्धालु 20 नवंबर को पूरा दिन बिना अन्न-जल के व्रत जारी रखते हुए सांय को पानी में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे। वहीं पूरी रात व्रत रखकर अगले दिन 21 नवंबर को सुबह उगते हुए सूर्य की आराधना के बाद अर्घ्य देंगे। उसके बाद उनके द्वारा यह व्रत समाप्त किया जाएगा। इस पर्व को लेकर महिलाओं ने घरों में ही रहते हुए छठी मईया के गीत गाये।
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छठ व्रत के लिए सामग्री अन्य शहर से खरीद कर लाये
छठ पूजा को लेकर व्रत धारण करने वाले व्रती को व्रत के लिए काफी सामान की जरूरत पड़ती है। यह व्रत करने वालों की टोहाना क्षेत्र में संख्या बहुत ही कम है। ऐसे में उन्हें पूरा सामान ना मिलने के कारण अन्य शहर में जाकर सामान खरीदना पड़ा। बिहार राज्य के समस्तीपुर जिले के गांव रोसरा निवासी मुरारी ने बताया कि वह कैथल से व्रत के लिए सूप, फल, सीताफल सहित अन्य सामान वहां से लाये है। जबकि टोहाना से भी कुछ सामान खरीद किया है लेकिन पूरा सामान उन्हें यहां नहीं मिला। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में छठ व्रत से सम्बंधित सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। जबकि व्रत की प्रक्रिया भी उनके परिवार के सदस्यों द्वारा शुरू कर दी गई है।
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रेलवे स्टेशन पर छठ पूजा के दिनों में रहती थी चहल-पहल मगर अब है छाया हुआ सन्नाटा
छठ पूजा को लेकर बिहार व उत्तर प्रदेश को जाने वाले प्रवासी लोगों के लिए रेल मार्ग एक उत्तम साधन रहता था। कोरोना महामारी के चलते 22 मार्च को बंद हुई रेलगाडि़यों के बाद सरकार ने अनलॉक के दौरान 11 सितंबर से टोहाना-दिल्ली रेलमार्ग पर अवध असम एक्सप्रेस रेलगाड़ी चलाकर जहां दिल्ली-बठिडा जाने वाले यात्रियों को राहत प्रदान की थी। वहीं बिहार व उत्तरप्रदेश के लोगों की भी इसी गाड़ी से आगमन शुरू हो गया था। केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों के लागू करने के बाद किसान आंदोलन के चलते कुछ ही दिन बाद यह रूट बदल दिया गया था। तब से इस रेलवे स्टेशन पर फिर से रेलगाडिय़ों का आवागमन बंद होने से सन्नाटा छाया हुआ है। जबकि रेलवे के टिकट वितरण कर्मचारी व आरक्षण इंचार्ज प्रतिदिन डयूटी करके लौट जाते है।
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टोहाना में कोरोना महामारी के बाद 14 सितंबर से अवध असम एक्सप्रेस के आगमन से रेलवे स्टेशन पर रौनक लौट आई थी। किसान आंदोलन के चलते इस गाड़ी का रूट बदलने के बाद यहां अब कोई पूछताछ करने के लिए भी नहीं आता। जबकि इन दिनों छठ पूजा को लेकर भी बिहार व उत्तरप्रदेश राज्यों को जाने व आने वालों का तांता लग जाता था। इस बार रेल सुविधा ना होने के कारण प्रवासी लोग इसी क्षेत्र में रहते हुए छठ पर्व मना रहे है।
- नवीन कुमार, आरक्षण खिड़की इंचार्ज, टोहाना।