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सोशल ऑडिट से पता चला, ग्रामीणों को नहीं है मनरेगा के बारे में जानकारी

जागरण संवाददाता फतेहाबाद जिले के आठ गांवों में चल रहे स्पेशल सोशल ऑडिट में पता च

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 10:32 PM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 10:32 PM (IST)
सोशल ऑडिट से पता चला, ग्रामीणों को नहीं है मनरेगा के बारे में जानकारी
सोशल ऑडिट से पता चला, ग्रामीणों को नहीं है मनरेगा के बारे में जानकारी

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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जिले के आठ गांवों में चल रहे स्पेशल सोशल ऑडिट में पता चला है कि ग्रामीणों को मनरेगा के साथ पेंशन योजनाओं की जानकारी का अभाव है। अब जिन गांवों में सोशल ऑडिट चल रहा है उन गांवों में जन सुनवाई के लिए बैठक आयोजित होगी। ग्रामीणों की समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाएगा। इसके अलावा योजनाओं की विस्तृत जानकारी भी दी जाएगी। जन सुनवाई का कार्यक्रम आगामी सोमवार को 25 फरवरी को आयोजित किया जाएगा।

जिले में सोशल ऑडिट का कार्य प्रोजेक्ट के दौर पर गांव में बड़ोपल, घोटडू, अहरवां, बबनपुर, म्योंदकलां, सुखलमपुर, कमालवालां व नांगला शामिल हैं। इन गांवों में 20 फरवरी से सोशल ऑडिट का कार्य चल रहा है। बतौर झारखंड से विशेष टीम के सदस्य आकर ऑडिट का कार्य अपनी देखरेख में करवा रहे हैं। उनके साथ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अलावा ग्रामीण विकास के लिए तरूण यानी ग्रवित के सदस्य भी शामिल किए गए हैं।

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पहली बार सोशल ऑडिट हुआ तो मिली जानकारी

गांव में जाकर सोशल ऑडिट पहली बार हो रहा था। इस ऑडिट में ग्रामीणों को पहली बार पता चला है कि मनरेगा के दौरान चोट लगने पर सरकारी खर्चे से इलाज होता है। जहां पर मनरेगा के तहत कार्य किए जा रहे है वहां पर प्राथमिक उपचार के अलावा पेयजल व छाया की व्यवस्था करना प्रशासन व पंचायत का कार्य है। इसी तरह जिला समाज कल्याण विभाग द्वारा दी जा रही पेंशन के बारे में जानकारी नहीं है। ग्रामीणों को इस बारे में बताया जा रहा है। गांव बड़ोपल में सोशल ऑडिट कर रहे टीम इंचार्ज नैनसन व ग्रवित युवा संदीप कस्वां, अंजू, रीटा, भतेरी, कंचन, मंजू ने बताया कि लोगों में जागरूकता आ रही है। गांव में जॉब कार्ड बनने लग गए हैं।

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सोशल ऑडिट होने के बाद सभी गांवों में एक दिन जन सुनवाई होगी। इसमें ग्रामीणों की समस्या सुनते हुए उन्हें दूर किया जाएगा। सोशल ऑडिट से बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है। लोगों में जागरूकता आ रही है।

- अनुभव मेहता, जिला विकास एवं पंचायती राज अधिकारी।

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धांगड़ गांव में सबसे पहले हुआ सोशल ऑडिट

जिले के आठ गांवों में सोशल ऑडिट की ट्रे¨नग देने गांव धांगड़ में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें झारखंड के आए 25 सदस्यीय टीम के अलावा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के सदस्य व ग्रवित युवा भी शामिल थे। धांगड़ में ट्रे¨नग देते हुए सोशल ऑडिट हुआ।

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झारखंड से बेहतर, फिर भी सुधार की आवश्यकता

सोशल ऑडिट करने पहुंचे झारखंड टीम के सदस्यों ने बताया कि पूरे देश में सोशल ऑडिट हो रहा है। फतेहाबाद जिले में अन्य राज्यों के मुकाबले काफी जागरूकता है। लोग खुलकर बोल रहे है। हालांकि अब भी इसमें सुधार की आवश्यकता है। हालांकि अन्य राज्यों के मुकाबले यहां भ्रष्टाचार बहुत कम है। टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि यहां पर लोग अपने हकों के लिए अधिक जागरूक है।


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