सात एमपीएचडब्ल्यू कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा एक्ट के तहत मामला दर्ज
सरकार द्वारा एस्मा लगाने के बावजूद पिछले लंबे समय से हड़ताल पर
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
सरकार द्वारा एस्मा लगाने के बावजूद पिछले लंबे समय से हड़ताल पर चल रहे बहुउद्देश्शीय कर्मचारियों के खिलाफ प्रशासन ने आखिरकर कार्रवाई कर दी है। नोटिस देने के बावजूद डयूटी पर न आने वाले कर्मचारियों के खिलाफ प्रशासन ने एक्शन ले लिया है। शुक्रवार देर रात को शहर थाना में सिविल सर्जन डॉ.मनीष बंसल की शिकायत पर एमपीएचडब्ल्यू कर्मचारियों के खिलाफ 7,6 एस्मा एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने सिविल सर्जन की शिकायत पर कर्मचारी वीरपाल कौर, जो¨गद्र कौर, शमशेर, पवन, सुभाष, गुलाब व चंद्रभान के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसकी पुष्टि शहर थाना प्रभारी रोहताश कुमार ने की है। वहीं शुक्रवार सुबह अपनी मांगों को लेकर नागरिक अस्पताल के बाहर धरना दे रहे बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अब नागरिक अस्पताल के बाहर धरना खत्म कर लाल बत्ती चौक स्थित अम्बेडकर पार्क में पड़ाव शुरू कर दिया है। डीएसपी धर्मबीर ने नागरिक अस्पताल के बाहर धरनास्थल पर जाकर कर्मचारियों से नागरिक अस्पताल की 200 मीटर की परिधि से बाहर धरने देने को कहा था। इसके बाद शुक्रवार को स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अब अम्बेडकर पार्क में धरना शुरू किया। कर्मचारियों ने कहा कि वे सरकार की किसी भी दमनात्मक कार्रवाई से नहीं डरेंगे और जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, उनका आंदोलन जारी रहेगा। आज दिए गए धरने की अध्यक्षता राज्य उपप्रधान वीरपाल कौर ने की व संचालन जिला प्रैस प्रवक्ता कुलदीप किरढ़ान ने की।
कर्मचारियों को संबोधित करते हुए राज्य उपप्रधान वीरपाल कौर ने कहा कि ये सरकार की सोची-समझी और कर्मचारियों के आंदोलन को दबाने की एक नापाक कोशिश है, जिसका बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी समय आने पर मुंह तोड़ जवाब देंगे। कर्मचारी आंदोलन को सरकार दमनकारी नीति अपनाकर नहीं दबा सकती। अगर सरकार चाहती है कि जनता को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाएं पुन: बहाल हो तो सरकार हठधर्मिता छोड़ कर कर्मचारियों की जायज मांगों की अधिसूचना जारी करें। बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारियों को आगामी 7 सितंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में एक्ट लाकर पक्का किया जाए, टर्मीनेशन लेटर रद करें और एस्मा कानून वापिस लिया जाए। अगर सरकार द्वारा हमारी मांगे नहीं मानी गई तो अनिश्चितकालीन आंदोलन जारी रहेगा और जनता को होने वाली सभी परेशानियों की सारी जिम्मेवारी हरियाणा सरकार की होगी। आने वाले 2019 के चुनाव में इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा। धरने को सम्बोधित करते हुए सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान भूप ¨सह ने कहा कि ये धरना स्वास्यि कर्मचारियों का नहीं, सर्व कर्मचारी संघ का होगा और हम जब तक आपकी मांगों की अधिसूचना जारी नहीं होगी हम आपके साथ मिलकर संघर्ष करेंगे और सरकार की ये तानाशाही नहीं चलने देंगे। सर्व कर्मचारी संघ के पूर्व प्रधान बेगराज व अध्यापक संघ के नेता मास्टर राजपाल, जिला सचिव सुरेन्द्र चिन्दड़ ने कहा कि स्वास्थकर्मी अपनी हकों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सरकार को स्वास्थ कर्मियों की जायज मांगों को मान लेना चाहिये ताकि ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थय सेवाएं बहाल हो सकें। इस अवसर पर जिला वरिष्ठ उप प्रधान गुलाब कौर, राजरानी, विक्रम, निर्मला देवी, जिला सचिव सुरेन्द्र ¨चदड़, माया देवी, सुनीता, राजेश, राजबीर, शमशेर आदि कर्मचारियों उपस्थित रहे।