जहां से पकड़ी चोरी, वहां तक नहीं पहुंच सकी एसईटी
जागरण संवाददाता फतेहाबाद प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन में अवैध तरीके से शराब बेचने के
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन में अवैध तरीके से शराब बेचने के मामले की जांच के लिए एसईटी यानी स्पेशल इन्क्वायरी टीम का गठन किया हुआ है। लेकिन 14 दिनों से अधिक बीत जाने के बाद भी इस टीम के कदम अभी तक फतेहाबाद में नहीं पड़े। ऐसा तब है जबकि प्रदेश में पहली बार लॉकडाउन के दौरान अवैध तरीके से शराब बेचे जाने का खुलासा फतेहाबाद जिले के आबकारी विभाग के उपायुक्त वीके शास्त्री ने किया था। उसके बाद प्रदेश सरकार जागी। दूसरी जगह भी जांच करवाई। फिर अन्य मामले पकड़ में आए।
डीईटीसी फतेहाबाद ने राजनीतिक दखल वाले दो बड़े शराब कारोबारियों को आवंटित एल 1 व एल 13 में शराब के गोदाम के स्टॉक की जांच की। रिपोर्ट तैयार करते वक्त यह सामने आया कि दोनों शराब कारोबारी लॉकडाउन में 20 हजार से अधिक शराब की पेटियां बेचते हुए करीब 10 करोड़ रुपये का अवैध कारोबार कर गए। डीईटीसी ने यह रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को 28 मई को भेज दी थी। इसके बाद हरियाणा में दूसरे जगह शराब तस्करी के मामले भी उजागर हुए। उसके बाद सरकार ने जांच के लिए एसईटी का गठन किया। लेकिन गठन के बाद अभी तक एसईटी फतेहाबाद नहीं पहुंची।
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राजनीति संरक्षण से सवालों में एसईटी की कार्यप्रणाली
आबकारी विभाग ने लॉकडाउन में जिन शराब के तीन गोदामों की जांच की। उनमें सामने आया कि तीन गोदाम दो फर्मों के हैं। फर्म के मालिक बड़े राजनेता है। अब भी एक पार्टी से भी जुड़े हुए हैं। सवाल यह उठ रहा कि सरकार भी इन पूर्व राजनेताओं को राहत देने की कोशिश कर रही है। यही अहम वजह है कि एसईटी फतेहाबाद तक नहीं पहुंची है। जबकि टीम को जांच ही फतेहाबाद से शुरू करनी थी। विदित रहे कि फतेहाबाद श्री विनायक एसोसिएट के एल-1 (अंग्रेजी शराब के गोदाम) व एल 13 (देशी शराब के गोदाम) तथा डिस्कवरी फर्म के एल-13 से दो बार हुई जांच में 20 हजार शराब की बेटी कम मिली। जिनमें 2 लाख 40 हजार शराब की बोतलें थीं। ये गोदाम में स्टॉक लॉकडाउन के दौरान कम हुआ। आरोप है कि गोदाम मालिकों ने ये बोतलें 10 करोड़ रुपये से अधिक में मार्केट में बेच दी।
------------------- मैंने उच्चाधिकारियों के दिशानिर्देश पर में शराब के गोदामों की जांच की थी। जिसमें से करीब 20 हजार शराब की पेटियां कम मिलीं। गोदाम में लॉकडाउन के दौरान कम मिली शराब की पेटियों की रिपोर्ट उसी दौरान उच्चाधिकारियों को भेज दी थी। अब गोदाम मालिकों पर कार्रवाई करना उच्चाधिकारियों का काम है।
- वीके शास्त्री, उपायुक्त, आबकारी विभाग।