आत्मसम्मान के लिए आत्मरक्षा जरूरी: चंद्रकांता
संवाद सूत्र, भट्टूकलां : आत्म सम्मान के लिए आत्मरक्षा बहुत जरूरी है। अगर हम अपने आप की रक्षा क
संवाद सूत्र, भट्टूकलां : आत्म सम्मान के लिए आत्मरक्षा बहुत जरूरी है। अगर हम अपने आप की रक्षा कर पाई तो वो संसार की कोई भी ताकत नहीं जो हमें अपनी मंजिल हासिल करने से रोक सके। यह बात महिला थाना से आई हेडकांस्टेबल चंद्रकांता व पूनम ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में दैनिक जागरण द्वारा आयोजित शिविर में कहीं। उन्होंने कहा कि आज समय बदल चुका है। इसलिए लड़कियों को भी आत्मरक्षा के गुर आने चाहिए। एक समय था जब हम घर से बाहर नहीं निकलती थी। लेकिन आज हर क्षेत्र में आगे है। इसलिए हमें उन इंसानों की सोच बदलनी होगी जो हमारे बारे में बुरा सोचते हैं। अगर कोई हमारा पीछा करता है तो हमें उसका विरोध करना चाहिए न कि छोड़ दें। अगर उसे कुछ कहेंगे नहीं तो उसके हौसले बढ़ जाएंगे।
--छात्राओं को दी ट्रे¨नग
ट्रेनर चंद्रकांता व पूनम ने छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए। उन्होंने बताया कि अक्सर कुछ छात्राओं को गुड टच एव बैड टच के बारे में जानकारी नहीं होती है। कई लोग हमें छूने का प्रयास करता है और हमारी शराफत का गलत फायदा उठाते हैं। इसलिए हमें इसकी जानकारी होनी जरूरी है। सबसे ज्यादा लड़कियों अपने परिवार के किसी सदस्य से ही पीड़ित होती है। इसलिए परिवार के सदस्यों से बचकर रहना चाहिए। अगर उनके साथ किसी प्रकार की अनहोनी हो जाए तो माता पिता को जरूर बताए। अगर हमें इसे नहीं बताएंगे तो जो हमारे साथ ऐसी हरकत कर रहा है उसके हौसले बुलंद हो जाएंगे। इसके अलावा जब हम जा रहे है तो और कोई छूने का प्रयास करेगा तो इसका विरोध करना चाहिए और थप्पड़ मारना चाहिए। अगर फिर भी करता है तो मुंह से काट खाना चाहिए और शोर मचा देना चाहिए। अगर ऐसा करोगी तो आसपास की सहायता भी मिलेगी। इस अवसर पर स्कूल स्टाफ की तरफ से जयप्रकाश शर्मा, सुरजीत कुलडियां, कविता ¨ढगसरा, विनोद कुमार, सुंदरलाल, सतपाल श्योराण, खेमचंद, शिल्पा, ममता, किरण,रमेशकुमार, राजाराम, पुनम, गीतू, शिवशंकर आदि उपस्थित थे।
--जागरण की मुहिम अच्छी
पुलिस विभाग पहले ही अभियान चला रहा था। लेकिन अब दैनिक जागरण का सहयोग मिलने के कारण इस मुहिम को अधिक बल मिल गया है। जहां हम ट्रे¨नग नहीं दे पा रहे है वहां समाचार पत्र पढ़कर भी छात्राएं गुर सीख सकती है। एक समाचार पत्र होने के बावजूद सामाजिक कार्यो में आगे है। इसके अलावा हर नारी को अपनी शक्ति को पहचानना होगा। अगर ऐसा हम कर सकी तो हमें कोई नहीं रोक सकेगा।
--चंद्रकांता, हेडकांस्टेबल एवं ट्रेनर महिला थाना फतेहाबाद।
--समय बदल गया है। समय अब महिलाओं के हाथ में है। महिलाओं के बिना घर नहीं चल सकता है। इसलिए हमें अपनी शक्ति को पहचानना होगा। चांद पर हम जा रहे है। इसके अलावा जहां भी जाओगे महिलाएं आपको नजर आएगी। हम भी आज पुलिस कर्मचारी है। हमारे सामने भी कठिनाई आई। लेकिन हम घबराए नहीं डटकर विरोध किया। इसलिए हमें अपनी दुर्गा शक्ति को पहचानना होगा और आत्मरक्षा के गुर सीखकर आत्मबल प्राप्त करना होगा।
--पूनम, हेडकांस्टेबल एवं ट्रेनर महिला थाना फतेहाबाद।