भाखड़ा नहर के किनारे बनी सड़क, सुरक्षा दीवार न होने के कारण दुर्घटना की संभावना
संवाद सूत्र जाखल जाखल क्षेत्र में बहने वाली भाखड़ा नहर में हर समय हजारों क्यूसेक पानी बहता
संवाद सूत्र, जाखल : जाखल क्षेत्र में बहने वाली भाखड़ा नहर में हर समय हजारों क्यूसेक पानी बहता रहता है। इस नहर के किनारे से सड़क भी गुजर रही है। यहां से हर दिन सैकड़ों की संख्या में वाहन गुजरते है। लेकिन नहर किनारे सुरक्षा दीवार तक नहीं है। नियम के अनुसार भाखड़ा नहर के दोनों तरफ सुरक्षा दीवार होनी चाहिए। लेकिन यहां पर ऐसा कुछ नहीं है। जिससे हादसे भी हो रहे है। नहर से पानी लेने के लिए लोग आ रहे है, लेकिन पांव फिसलने के कारण नहर में गिर रहे है। जब हादसा होता है तो अधिकारी दावा करते है कि सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी, लेकिन समय निकलते के साथ अधिकारी सबकुछ भूल जाते है।
जाखल क्षेत्र से करीब 20 किमी क्षेत्र से भाखड़ा नहर गुजर रही है। इसके साथ सुरक्षा दीवार भी नहीं है। ऐसे में अधिकारियों की चूक कहे या फिर अनदेखी, लेकिन इसका खामियाजा आमजनों को भुगतना पड़ रहा है। ऐसा नहीं कि अधिकारियों के पास शिकायत नहीं पहुंची। शिकायत के बावजूद समाधान नहीं हो रहा है।
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ये कहना है लोगों का
ग्रामीण हरदेव, भल्ला, जरनैल सिंह, बलदेव, जग्गी, लाभ सिंह, अमित, सतीश कुमार ने बताया कि नहर के साथ ही सड़क है। ऐसे में हर दिन यहां से सैकड़ों वाहन भी गुजरते है। कुछ लोग पैदल भी जाते है, ऐसे में नहर के किनारे पहुंच जाते है। वहीं अनेक लोग पशुओं को लेकर भी पहुंच जाते है। जिससे हादसा होने का डर रहता है। एक साल पहले दो भैंस भी नहर में गिर गई थी और मौत हो गई। वहीं पिछले दिनों एक व्यक्ति नहर से पानी निकाल रहा था तो पांव फिसल गया और वह बह गया। इससे पहले भी कई हादसे हो चुके है, लेकिन न तो अधिकारी ध्यान दे रहे है और न यहां के नेता। क्या है नियम
नियम के अनुसार नहर किनारे दीवार होनी चाहिए।
-अगर दिवार नहीं है तो पास में सड़क नहीं होनी चाहिए।
-दीवार न बनाई जाये तो लोहे की रेलिग लगी होनी चाहिए।
-वही नहर के किनारे कर्मचारी गश्त करते रहने चाहिए।
-नहर के आसपास दुर्घटना संभावित क्षेत्र के बोर्ड लगे होने चाहिए। क्या कहते हैं अधिकारी
हमारी तरफ से उच्चाधिकारियों को प्रस्ताव भेजा गया है। उम्मीद है कि जल्द ही इस पर फैसला हो जाएगा। यहां पर हादसे भी होते है। इसी को मद्देनजर रखते हुए कई बार मांग उठाई जा चुकी है। जैसे ही अनुमति मिल जाती है तो काम शुरू कर दिया जाएगा।
मनीष शर्मा, कार्यकारी अभियंता सिचाई विभाग।