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फर्ज की राह पर रवि, पेश कर रहे मिसाल

कोरोना ने परिवार के सदस्यों को एक दूसरे से अलग कर दिया है। कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की मौत के बाद जहां उनके रिश्तेदार दाह संस्कार के समय उनके शव को दूर से ही नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित करते है वहीं नगर परिषद के सफाई कर्मचारी रवि कुमार मृतक के शव के लिए चिता तैयार करने से लेकर उसके दाह संस्कार तक मौके पर उपस्थित होकर सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद लौटते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 May 2021 07:04 AM (IST)Updated: Sun, 30 May 2021 07:04 AM (IST)
फर्ज की राह पर रवि, पेश कर रहे मिसाल
फर्ज की राह पर रवि, पेश कर रहे मिसाल

संवाद सहयोगी, टोहाना :

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कोरोना ने परिवार के सदस्यों को एक दूसरे से अलग कर दिया है। कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की मौत के बाद जहां उनके रिश्तेदार दाह संस्कार के समय उनके शव को दूर से ही नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित करते है वहीं नगर परिषद के सफाई कर्मचारी रवि कुमार मृतक के शव के लिए चिता तैयार करने से लेकर उसके दाह संस्कार तक मौके पर उपस्थित होकर सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद लौटते हैं। पिछले एक साल से वो इस कार्य को कर रहे है। अभी तक संक्रमित न होकर पूरी निष्ठा से कार्य कर रहे है। सबसे बड़ी बात ये है कि नप कर्मचारियों ने अपने स्वजनों को सूचना तक नहीं दी है कि वो कोरोना संक्रमितों से मरने वाले लोगों के शव का अंतिम संस्कार करवा रहे है। लेकिन पिछले दिनों स्वजनों को पता चला तो उन्हें डांटा नहीं शाबाशी मिली थी।

25 वर्षीय रवि कुमार को जैसे ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा किसी कोरोना संक्रमित की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार करने के निर्देश मिलते है, तो वह अपनी टीम के सदस्यों के साथ संबंधित स्वर्ग आश्रम में पहले ही पहुंचकर चिता तैयार कर शव को उसपर रखने से लेकर संस्कार तक वहीं उपस्थित रहते है। मृतक का शव अग्नि में पूरी तरह से दाह हो सके। रवि कुमार बताते है कि इस कार्य में उसका सहयोग रविद्र कुमार, विक्रम, रामभगत व शील कुमार भी दे रहे हैं। कई बार तो वह पूरा दिन इसी कार्य में व्यस्त रहते है और अपने घर भी नहीं जा पाते। इसलिए वह सूचना मिलने पर स्वयं पीपीई किट पहनते है और अपने साथियों को किट पहनाकर स्वयं सुरक्षित होने के बाद ही मृतक के शव का संस्कार करवाने में अपनी भूमिका निभाते है। कई बार सुबह साढे छह बजे तो कई बार रात को 10 बजे भी कोरोना संक्रमित मृतक का संस्कार करने जाना पड़ता है। जबकि कई बार उन्हें एक दिन में तीन से चार शवों का भी अंतिम संस्कार करवाया है। इस दौरान वह पूरी तरह से सुरक्षित होने के बाद भी थकावट व सुस्त हो जाते है, लेकिन गर्म पानी से नहाना और फल-फ्रूट का सेवन तथा नारियल पानी पीकर अपनी रोग-प्रतिरोग क्षमता बढ़ाते रहते हैं। रवि कुमार के इस कार्य की सराहना करते हुए पिछले वर्ष तत्कालीन एसडीएम नवीन कुमार ने उसे 15 अगस्त पर सम्मानित किया था। जबकि नगर परिषद प्रशासन भी उसका उत्सावर्धन कर चुका है।

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पिछले साल उन्होंने 20 शवों का अंतिम संस्कार किया था और इस बार वो 43 शवों का अंतिम संस्कार कर चुके र्ह। उनकी पूरी टीम सहयोग कर रही है। अभी तक कोई कर्मचारी संक्रमित भी नहीं हुआ है। ऐसे में पूरी सुरक्षा रखेंगे तो हम इस संक्रमण से बच सकते है। रवि कुमार, नगरपरिषद कर्मचारी टोहाना।


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