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रिकॉर्ड में धांधली मिली तो पुलिस लेगी बैंक अधिकारी पर एक्शन

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद: गांव भूथन कलां निवासी किसान कृष्ण कुमार की आत्महत्या के मामले

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Dec 2017 03:07 AM (IST)Updated: Fri, 22 Dec 2017 03:07 AM (IST)
रिकॉर्ड में धांधली मिली तो पुलिस लेगी बैंक अधिकारी पर एक्शन

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद: गांव भूथन कलां निवासी किसान कृष्ण कुमार की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। फिलहाल पुलिस आरोपी बैंक अधिकारी राय ¨सह उर्फ राय साहब को गिरफ्तार नहीं करेगी। पहले से मामले से संबंधित रिकॉर्ड जांचा जाएगा। यदि रिकॉर्ड में कोई धांधली पाई जाती है तो उसके बाद पुलिस बैंक अधिकारी के खिलाफ एक्शन लेगी। किसान कृष्ण कुमार का उसका शव बुधवार को गांव के पास स्थित उसके खेत ही बरामद हुआ था। जांच में पता चला कि उसने जहरीला पदार्थ निगल कर जान दी है। उसकी जेब से तीन सुसाइड नोट बरामद हुए थे, जिनमें उसने सहकारी बैंक के एक अधिकारी को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार बताया था। घटना के बाद पुलिस ने मृतक के साले ताराचंद की शिकायत पर अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज कर किया।

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परिवारजनों ने कहा था कि 50 वर्षीय किसान कृष्ण कुमार ने गांव के दी प्राथमिक सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक से करीब 6 लाख रुपये का लोन लिया हुआ था। वर्ष 2010 में उसने यह लोन अपने खेत में सिंचाई की पाइप लाइन बिछाने के लिए लिया था। लोन की राशि दो किस्तों में चुकानी थी। लेकिन वह फिलहाल एक भी किस्त नहीं चुका पाया था। पिछले साल से से लगातार लोन पर ब्याज भी जुड़ रहा था। इस तरह लोन की कुल राशि लगभग 11 लाख रुपये तक पहुंच चुकी थी। इतनी मोटी रकम चुका पाने में कृष्ण असमर्थ था। इस कारण मृतक कृष्ण कुमार मानसिक रूप से परेशान था। बैंक वाले लगातार उसे नोटिस दे रहे थे कि वह जल्द अपना लोन चुका दे, अन्यथा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसी के चलते उसने जहरीला पदार्थ निगलकर अपने ही खेत में जान दे दी। सुसाइड नोट में कहा गया है कि उसके साथ बैंक अधिकारी राय ¨सह ने धोखाधड़ी की थी। इसी आरोप की जांच पुलिस करेगी कि किस तरह की धोखाधड़ी हुई है।

--राय ¨सह की भूमिका तय होना जरूरी

पुलिस का कहना है कि महज सुसाइड नोट के आधार पर किसी को दोषी नहीं माना जा सकता। मृतक ने सुसाइड नोट में एलबीओ राय ¨सह उर्फ राय साहब को मौत का जिम्मेदार बताया है। इसलिए पुलिस पहले लोन से संबंधित रिकॉर्ड चेक करेगी। अगर किसान ने लोन लिया हुआ था और राय ¨सह एक अधिकारी होने के नाते उसे लोन भरने के लिए कह रहे थे तो उसके लिए राय ¨सह को दोषी नहीं कहा जा सकता। एक अधिकारी की सरकारी जिम्मेदारी बनती है कि वह कर्जदारों को समय समय पर नोटिस भेजे और लोन भरवाने के लिए आवश्यक कार्यवाही भी करे। ऐसे में अगर राय ¨सह ने सरकारी ड्यूटी के अंतर्गत कोई एक्शन लिया है तो उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। अगर राय ¨सह व्यक्तिगत हित के लिए परेशान कर रहे थे या कोई धांधली की गई थी तो कार्रवाई होगी।

--पहले जांच की जाएगी: अधिकारी

इस मामले के जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर रमेश कुमार ने बताया कि इस मामले में जांच की जाएगी। बैंक अधिकारी पर धोखाधड़ी का आरोप लगा है। यह बात रिकॉर्ड जांचने के बाद ही तय होगी कि धोखाधड़ी की गई है या नहीं। इसके बाद ही अधिकारी को गिरफ्तार किया जाएगा।


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