Move to Jagran APP

परीक्षाओं के रास्ते में व्यवस्था की राहगीरी

जागरण संवाददाता फतेहाबाद रवीश के पापा मदन लाल हैरत में हैं। उन्हें यकीन था कि परीक्षा

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 10:50 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 06:15 AM (IST)
परीक्षाओं के रास्ते में व्यवस्था की राहगीरी
परीक्षाओं के रास्ते में व्यवस्था की राहगीरी

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद

loksabha election banner

रवीश के पापा मदन लाल हैरत में हैं। उन्हें यकीन था कि परीक्षाओं के दिनों में शासन-प्रशासन से धार्मिक स्थलों में बजने वाले लाउडस्पीकर अथवा शादी-ब्याह में शोर मचाने वाले डीजे पर प्रतिबंध के आदेश जारी होंगे। लेकिन यहां तो सवालों में उलझी राहगीरी में बच्चों को लाने का फरमान जारी हो गया। अजब-गजब फरमान से परीक्षाओं के रास्ते में व्यवस्था की राहगीरी आ गई है। लिहाजा, अलग-अलग बोर्ड से दसवीं कक्षा के परीक्षार्थी इस दुविधा में आ गए हैं कि सिर पर परीक्षा, शासन-तंत्र की राहगीरी..आखिर जाएं तो जाएं कहां?

सरकारी व्यवस्था की ओर से दी गई यह उलझन शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जारी की गई है। उपायुक्त को संबोधित एक पत्र के जरिये रविवार को पपीहा पार्क में तय राहगीरी कार्यक्रम में बच्चों की आमद की बात कही गई है। पुलिस अधीक्षक ने प्रशासनिक अधिकारियों, अतिविशिष्ट व्यक्तियों, व आमजन के साथ स्कूल के छात्र-छात्राओं की सहभागिता सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। उन्होंने उपायुक्त से जिला शिक्षा अधिकारी तथा जिला खेल-कूद अधिकारी को इस राहगीरी कार्यक्रम में विभिन्न योगा व खेल-कूद का आयोजन करवाने तथा अधिक से अधिक बच्चों की भागीदारी पारित करवाने का आग्रह किया है। एसपी के इस पत्र से शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ हजारों विद्यार्थी व उनके माता-पिता अथवा अभिभावक भी दुविधा में हैं। दसवीं बोर्ड के परीक्षार्थी राहुल के पिता मोहिदर कहते हैं कि वह तो परीक्षा की घड़ी में अपने बच्चे को कैसे राहगीरी में भेजें, यह तय नहीं कर पा रहे हैं। यह दुविधा हजारों हैं।

-----------------------------------------------------------------

हालांकि राहगीरी में सुबह खेलने वाले बच्चे ही जाते हैं। एग्जाम की वजह से अब वे मॉर्निंग में प्रैक्टिस करने भी नहीं आते हैं। दूर-दराज के स्कूलों को डिस्टर्ब नहीं करते।वैसे इस वक्त विद्यार्थियों का राहगीरी में जाना उचित नहीं है। - दयानंद सिहाग, जिला शिक्षा अधिकारी।

----------------------------------------------

राहगीरी में सहभागिता स्वैच्छिक है, अनिवार्य नहीं। जो आना चाहते हैं आएं, जो न आना चाहते हों न आएं। इस विषय में जानकारी नहीं है। मुझे लगता है कि राहगीरी संबंधी यह चिट्ठी डीएसपी हेडक्वार्टर ने जारी की होगी। - राजेश कुमार, एसपी।

----------------------------------------------------

यह राहगीरी है या राजगीरी : देवेंद्र सिंह दहिया

शिक्षाविद् एवं राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के संरक्षक देवेंद्र सिंह दहिया इस व्यवस्था पर सवाल उठाते हैं। वह शासन-तंत्र से पूछते हैं कि यह राहगीरी है अथवा सत्ता को खुश करने वाली राजगीरी? इन दिनों दसवीं बोर्ड के साथ नौवीं व ग्यारहवीं की परीक्षा भी सिर पर है। कैसे करेंगे विद्यार्थी परीक्षा की तैयारी?

--------------------------------------------------------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.