अनाजमंडी में आ रहा पंजाब, यूपी और बिहार का धान, 44 लाख रुपये के बिल किए गए जारी
पिछले कुछ दिनों से रतिया की अनाजमंडी में पंजाब, यूपी व बिहार से धान
संवाद सूत्र, रतिया :
पिछले कुछ दिनों से रतिया की अनाजमंडी में पंजाब, यूपी व बिहार से धान आ रहा था। इसका खुलासा खुद अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में किया है। यह धान कौन खरीद रहा था इसके बारे में अधिकारी अब जांच कर रहे है। अगर रिपोर्ट की सही जांच हुई तो मार्केट कमेटी में लगे कई अधिकारियों की छुट्टी हो सकती है। वही रिपोर्ट में सामने आया है कि एक प्राइवेट फर्म यह धान खरीद रही है। उन्होंने 44 लाख रुपये के बिल भी जारी किए है। इस कारण उन्होंने मार्केट फीस की भी चोरी की है।
हरियाणा राज्य कृषि विपणन मंडल जींद के जिला विपणन परिवर्तन अधिकारी हवा ¨सह खोबड़ा ने विभाग के मुख्य प्रशासक को भेजे पत्र में अपने निरीक्षण के अंतर्गत धान के कई ट्रालों की जांच कर लाखों रुपये की मार्केट फीस वसूलने की बात कही है। वहीं उन्होंने रतिया क्षेत्र में अवैध रूप से यूपी, बिहार व पंजाब के धान और चावल का कारोबार किए जाने का मामला भी उजागर किया है। उन्होंने रिपोर्ट में माना है कि इसमें मार्केट कमेटी के अधिकारी भी शामिल है।
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मार्केट कमेटी के अधिकारियों पर लगाए सहयोग न करने के आरोप
अधिकारी हवा ¨सह खोबड़ा ने भेजे गए पत्र में स्पष्ट लिखा है कि उन द्वारा किए जा रहे निरीक्षण के अंतर्गत मार्केट कमेटी रतिया के अधिकारियों द्वारा कोई भी सहयोग नहीं किया जा रहा है और न ही अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। वह अपनी टीम के साथ पिछले 10 दिनों से रतिया रोड, कुलां अन्य क्षेत्रों में नाकाबंदी कर धान की अवैध खरीदारी को लेकर निरीक्षण कर रहे हैं। इस निरीक्षण के तहत पाया गया कि मार्केट कमेटी रतिया से आने वाली धान की अनेक गाड़ियों में मार्केट फीस चोरी रोकने के लिए कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने अपने पत्र में मंडी की अनेक फर्मों का नाम उजागर करते हुए कहा कि संबंधित मंडी की 3 फर्मों से मुच्छल धान की गाड़ियां पकड़ी है और संबंधित फर्मों से करीब डेढ़ लाख रुपये की मार्केट फीस, एचआरडीएफ और जुर्माना आदि बनता हैं और इस के लिए सचिव को विशेष आदेश दिए गए है।
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एक ट्रे¨डग कंपनी खरीद रही है बाहर का धान
जिला प्रवर्तन अधिकारी ने अपने पत्र में फतेहाबाद रोड पर स्थित तहसील के सामने एक अवैध रूप से चल रही ट्रे¨डग कंपनी का भी पर्दाफाश किया है। उन्होंने बताया कि यह कंपनी बिना लाइसेंस के भारी मात्रा में यूपी, बिहार व पंजाब से धान व चावल का कारोबार कर रही हैं। निरीक्षण करने पर पाया गया कि कंपनी द्वारा करीब 44 लाख रुपयों के बिल जारी किए हैं और अलग से मार्केट फीस में राजस्व की चोरी कर अवैध कारोबार किया जा रहा है। इसके लिए स्थानीय सचिव को अवगत करवाते हुए मार्केट फीस, एचआरडीएफ व जुर्माना आदि वसूली के लिए लिखा गया था, लेकिन सचिव द्वारा कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई और न ही सचिव द्वारा निरीक्षण कार्य में कोई सहयोग दिया गया। उन्होंने उच्च अधिकारियों को निरीक्षण रिपोर्ट सौंपते हुए आगामी कार्रवाई के लिए लिखा गया है।
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कर रहे पूरा सहयोग : सचिव
इस संदर्भ में जब मार्केट कमेटी के सचिव चरण ¨सह गिल से बात की तो उन्होंने बताया कि जिला विपणन अधिकारी के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा जो निरीक्षण किया जा रहा है उसमें पूरा सहयोग किया जा रहा है। कुछ कार्रवाई उन द्वारा उनके क्षेत्र से बाहर की जा रही हैं, जिसमें सहयोग असंभव है। सचिव ने फर्जी कंपनी के बारे में बताया कि वह मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में है और उन द्वारा ही कार्रवाई की गई है।
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अधिकारी नहीं कर रहे सहयोग : खोबड़ा
हरियाणा राज्य कृषि विपणन मंडल जींद के जिला विपणन परिवर्तन अधिकारी हवा ¨सह खोबड़ा ने बताया कि वे पिछले दस दिनों से रतिया अनाजमंडी के अलावा खरीद केंद्र का निरीक्षण कर रहे है। बाहर से धान आ रहा है। स्थानीय अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वही सचिव द्वारा भी कोई सहयोग नहीं किया जा रहा है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी है।