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इस सप्ताह एनजीटी के अधिकारी शहर का करेंगे निरीक्षण, एक भी नियम नहीं हुआ लागू

विनोद कुमार फतेहाबाद इस सप्ताह नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के अधिकारी शहर का निर

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Sep 2019 12:46 AM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2019 06:50 AM (IST)
इस सप्ताह एनजीटी के अधिकारी शहर का करेंगे निरीक्षण, एक भी नियम नहीं हुआ लागू
इस सप्ताह एनजीटी के अधिकारी शहर का करेंगे निरीक्षण, एक भी नियम नहीं हुआ लागू

विनोद कुमार, फतेहाबाद:

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इस सप्ताह नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के अधिकारी शहर का निरीक्षण करने के लिए आ सकते हैं। करीब चार महीने पहले एनजीटी के अधिकारियों ने फतेहाबाद शहर को मॉडल सिटी बनाने के आदेश दिए थे। मॉडल सिटी तभी बन सकता है जब एनजीटी के नियमों का पालन होगा। लेकिन शहर के अधिकारियों की कार्यप्रणाली को देखकर लग नहीं रहा है कि फतेहाबाद शहर मॉडल सिटी बनने के रास्ते में है। करीब चार महीने पहले नियमों का हवाला देकर इसे लागू करने के आदेश दिए थे। कुछ नियम आधे अधूरे लागू हुए जिसके बाद फीडबैक लेना भी अधिकारी भूल गए है। ऐसे में जब अधिकारियों की टीम शहर का निरीक्षण करेगी तो अधिकारियों को फटकार के साथ जुर्माना भी लगा सकती हैं। एनजीटी के नियम के अनुसार शहर में पालीथिन पर पूरी तरह पाबंदी लगनी चाहिए। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। करीब दो महीने पहले नगरपरिषद के अधिकारियों ने केवल 25 चालान किए थे। उसके बाद न तो चालान की संख्या बढ़ी और ना ही दुकानदारों ने पालीथिन बेचना बंद किया। जिले में अधिकारी पालीथिन सिरसा व हिसार से आ रहा है।

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एनजीटी के आदेश अनुसार इन पर हो काम

-शहर की मुख्य मार्केट में रात के समय हो सफाई।

-शहर के मुख्य मार्ग पर नहीं होना चाहिए कूड़ा दान।

--प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट की करनी थी व्यवस्था।

-सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर काम शुरू होना था।

-बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट पर काम शुरू होना था।

-शहर में डस्टबिन लगाकर उनकी सफाई करवाना।

-शहर के अधिकतर शौचालयों को चकाचक बनाना।

-शहर में लगने वाली रेहड़ियों के लिए अलग से जगह का व्यवस्था करना और सुविधा उपलब्ध करवाना।

-बरसाती पानी को जमीन पर उतारना।

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ये है मौजूदा स्थिति

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट :

कचरा प्रबंधन प्लांट की घोषणा 2014 में मुख्यमंत्री ने की थी। इसके लिए 52 करोड़ रुपये का एस्टिमेट भी जारी हो गया। इसे बनाने के लिए चार बार टेंडर लगाया गया। लेकिन कागजात व अन्य कमी होने के कारण रद करना पड़ा। अब शहर से निकलने वाला कूड़ा बीघड़ रोड पर बने मीट विक्रेता के स्लाटर हाउस के पास डाला जा रहा है। यहां पर न तो गीले व सूखा कूड़ा अलग हो रहा है। इस कूड़े को खत्म करने के लिए नप के पास कोई संसाधन नहीं है। -----------------------------

-प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट :

नगरपरिषद ने प्लास्टिक पर अंकुश लगाने के लिए शुरू में प्रयास किया। लेकिन चालान की संख्या केवल 25 ही रही है। 10 के करीब दुकानदारों ने अभी तक चालान नहीं भरा है। अब भी सब्जी की रेहड़ियों व अन्य दुकानों पर पालीथिन आसानी से मिल जाएगा। ऐसे में इस पर भी नप अधिकारियों को गहनता से काम करना होगा तभी इस पर रोक लग सकती है।

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बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट :

बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट केवल कागजों में ही है। कूड़ा निस्तारण केंद्र का टेंडर नहीं हो रहा तो बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट बनाने का सपना लेना भी दूर की बात है। हालांकि प्राइवेट अस्पताल संचालकों को अपने स्तर पर इस बायोमेडिकल को खत्म करने के आदेश दिए है। लेकिन निजी अस्पताल संचालक कूड़े के साथ ही डाल रहे है। केवल कुछ ही अस्पतालों को चेतावनी दी गई थी चालान एक का भी नहीं किया गया। ----------------------------------------------------

एनजीटी के आदेश के बाद शहर में काम अवश्य हुआ है। हालांकि पूरी तरह लागू करने में अभी समय लगेगा। शहर के अंदर कूड़ादान लगा दिया गया है। अगर सफाई नहीं हो रही तो इसकी जांच की जाएगी। वहीं डंपिग प्वाइंट पर अलग अलग कूड़ा डालने की व्यवस्था भी जल्द कर ली जाएगी। अभी तक तिथि नहीं आई कि अधिकारी कब आ रहे। लेकिन आएंगे जरूर।

कुमार सौरभ,

इंचार्ज, स्वच्छ भारत मिशन, फतेहाबाद।


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