मधुमक्खी पालन व शहद के व्यवसाय के उत्थान के लिए प्रदेश में नया मिशन लागू
जागरण संवाददाता फतेहाबाद किसान खेती बाड़ी सहित अन्य व्यवसायों के साथ-साथ मधुमक्खी पालन को भ
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
किसान खेती बाड़ी सहित अन्य व्यवसायों के साथ-साथ मधुमक्खी पालन को भी बढ़ावा दें ताकि उनकी आमदनी में और ज्यादा इजाफा हो सके। राज्य सरकार ने मधुमक्खी पालकों व शहद के व्यवसाय के उत्थान के लिए प्रदेश में नया मिशन लागू किया है। सरकार द्वारा राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन व हनी मिशन (एनबीएचएम) के अंतर्गत मधुमक्खी पालन, संवर्धन प्रोजेक्ट्स पर अनुदान राशि उपलब्ध करवाई जा रही है। वही जिले में अनेक लोग इस क्षेत्र में काम भी कर रहे है। लेकिन कुछ ही लोग है जो मधुमक्खी व्यवसाय की तरफ रूझान है। अब जिला स्तर पर अभियान भी चलाया जाएगा।
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20 लाख प्रोजेक्ट पर 8 लाख रुपये की सब्सिडी
मधुमक्खी पालन उपकरणों की निर्माण इकाई मद में 20 लाख रुपये के प्रोजेक्ट पर अधिकतम 8 लाख रुपये प्रति परियोजना की अनुदान राशि उपलब्ध करवाई जा रही है। इसी प्रकार से प्रति परियोजना पर पालकों को पंजीकरण एवं बीमा की सुविधा दी गई है। कस्टम हायरिग केंद्र मद में 75 लाख रुपये के प्रोजेक्ट पर अधिकतम 25 लाख रुपये प्रति परियोजना दिया जा रहा है। प्रशिक्षण 200 घंटे के लिए (25 प्रतिभागी प्रति बैच) मद में कौशल विकास के मापदंडों के अनुसार 800 रुपये प्रतिदिन, प्रतिभागी, शहद और उत्पादों का संग्रह, व्यापार, ब्रांडिग, विपणन आदि केंद्र मद में 30 लाख रुपये के प्रोजेक्ट पर अधिकतम 30 लाख रुपये प्रति परियोजना दिया जा रहा है। शहद और अन्य प्रसंस्करण इकाइयां, प्लांट मद में 500 लाख रुपये के प्रोजेक्ट पर अधिकतम 300 लाख रुपये प्रति परियोजना, शहद और अन्य मधुमक्खी, शीत भंडारण आदि मद में 80 लाख रुपये के प्रोजेक्ट पर अधिकतम 40 लाख रुपये प्रति परियोजना तथा टेस्टिग लैब मद में 100 लाख रुपये के प्रोजेक्ट पर अधिकतम 50 लाख रुपये प्रति परियोजना की अनुदान राशि उपलब्ध करवाई जा रही है।
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प्रशिक्षण भी ले सकते कोई भी
मधुमक्खी पालक बी ब्रीडर्स, मधुमक्खी कॉलोनियों, मधुमक्खी के बक्से (सुपर सहित), मधुमक्खी पान उपकरण व प्रशिक्षण के लिए एमआइडीएच योजना के अंदर लाभ ले सकते हैं। उपरोक्त योजना का लाभ लेने व अधिक जानकारी के लिए किसान मधुमक्खी पालक अपने संबंधित जिला उद्यान अधिकारी या उप निदेशक उद्यान, एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र, रामनगर (कुरुक्षेत्र) से संपर्क कर सकते हैं। किसी भी मद में आवेदन के लिए उप निदेशक उद्यान, एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र, रामनगर (कुरूक्षेत्र) पर आइबीडीसीरामनगर एटदीरेट जीमेल डॉट सीओएम पर किया जा सकता है।
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जिले में मधुमक्खी व्यवसाय का विस्तार किया जाएगा। इसके लिए जागरूकता कैंप भी लगाए जाएंगे। लोगों से भी अपील है कि इस और ध्यान दे। जिले में अनेक लोग इस व्यवसाय को कर भी रहे है। लेकिन इसका विस्तार करना जरूरी है।
डा. नरहरि सिंह बांगड़, उपायुक्त।