Move to Jagran APP

ई ट्रेडिग के विरोध में मंडी आढ़तियों ने हड़ताल कर किया प्रदर्शन

संवाद सूत्र टोहाना अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन ने ई ट्रेंडिग प्रणाली के विरोध में बुधवार

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Apr 2019 12:10 AM (IST)Updated: Thu, 11 Apr 2019 06:30 AM (IST)
ई ट्रेडिग के विरोध में मंडी आढ़तियों ने हड़ताल कर किया प्रदर्शन
ई ट्रेडिग के विरोध में मंडी आढ़तियों ने हड़ताल कर किया प्रदर्शन

संवाद सूत्र, टोहाना :

loksabha election banner

अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन ने ई ट्रेंडिग प्रणाली के विरोध में बुधवार को अपने-अपने संस्थान बंद कर मार्केट कमेटी में धरना देकर प्रदर्शन किया। वहीं सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। वहीं इस प्रणाली को रद्द ना करने पर 11 अप्रैल को टोहाना में मुख्यमंत्री के रोड शो का विरोध करने की भी चेतावनी दी। यह हड़ताल 5 दिन लगातार जारी रहेगी।

अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान तरसेम बंसल ने कहा कि प्रदेश सरकार उनकी रोजी-रोटी छीनने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जब किसान मंडी आढ़तियों के माध्यम से अपनी फसल बेचने को तैयार है तब वह जबरदस्ती इस काले कानून को थोपकर आढ़ती व किसान के बीच के तालमेल को क्यों खत्म करना चाहती है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि वह जैसे पहले काम हो रहा है वैसे काम करने दें। आढ़ती वर्ग नये कानून के तहत काम करने को तैयार नहीं हैं। वहीं उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस कानून को रद्द नहीं किया तो सभी आढ़ती अपनी-अपनी दुकानों के लाईसेंस सरकार को वापिस कर देंगे। उन्होंने बताया कि उनका बंद 15 अप्रैल तक लगातार जारी रहेगा। वहीं सभी आढ़ती अपने-अपने संस्थान बंद रख प्रतिदिन मार्केट कमेटी में जाकर धरना प्रदर्शन करेंगे।

इस अवसर पर पूर्व प्रधान लक्ष्मण बंसल, रघुबीर सिंह, प्रेम गर्ग, कृष्ण नांगली, रामकुमार, कमलेश जैन, विनोद सिगला, अनिल जैन, सतपाल नन्हेड़ी आदि अनेक आढ़ती उपस्थित थे।

------------------------

किसान बाले-शीघ्र हो समस्या का समाधान

अनाज मंडी में आढ़तियों की हड़ताल के चलते मंडी में किसान अपनी फसल लेकर नहीं आए। इस दौरान एक-दो किसान आए थे लेकिन वह हड़ताल के चलते अपनी फसल वापिस ले गए थे। उनका कहना है कि आढ़ती से उन्हें जब भी रुपये की जरूरत होती है वह उसी समय ले जाते हैं। उनका कहना है कि वह ताजी कमाकर खाते है। हड़ताल के चलते उन्हें अपने घरों को खाली हाथ लौटना पड़ेगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह इस समस्या का समाधान अतिशीघ्र करें ताकि उन्हें भी इस हड़ताल का खामियाजा ना भुगतना पड़े।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.