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नरमा का अधिक उत्पादन बढ़ाने को लेकर कृषि विज्ञान केंद्र लगाएगा सेमिनार

गत वर्ष प्रदेश में कपास का उत्पादन बहुत कम हुआ था। यह बस अचानक बीमारी आने के चलते हुआ। इस बार उत्पादन कम न हो। इसके लिए कृषि विश्वविद्यालय हिसार की देखरेख में कृषि विज्ञान केंद्रों को कपास पर जागरूकता शिविर लगाने के आदेश जारी किए है। ये शिविर कृषि व केवीके मिलकर लगाएंगे। जिले में एक-एक शिविर लगाए जाएंगे। इसके बाद जरूरत के अनुसार शिविर लगेंगे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 07:58 AM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 07:58 AM (IST)
नरमा का अधिक उत्पादन बढ़ाने को लेकर कृषि विज्ञान केंद्र लगाएगा सेमिनार
नरमा का अधिक उत्पादन बढ़ाने को लेकर कृषि विज्ञान केंद्र लगाएगा सेमिनार

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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गत वर्ष प्रदेश में कपास का उत्पादन बहुत कम हुआ था। यह बस अचानक बीमारी आने के चलते हुआ। इस बार उत्पादन कम न हो। इसके लिए कृषि विश्वविद्यालय हिसार की देखरेख में कृषि विज्ञान केंद्रों को कपास पर जागरूकता शिविर लगाने के आदेश जारी किए है। ये शिविर कृषि व केवीके मिलकर लगाएंगे। जिले में एक-एक शिविर लगाए जाएंगे। इसके बाद जरूरत के अनुसार शिविर लगेंगे।

ढाणी बिकानेरी में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों का कहना है कि कपास व नरमा की खेती करने वाले किसानों के लिए जागरूकता शिविर के आदेश आ गए हैं। जल्द ही कृषि विभाग हरियाणा सरकार के संयुक्त तत्वाधान में कपास के सभी जिलों में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इसका पहला चरण 13 से 28 अप्रैल तक पूरा कर लिया जाएगा। फतेहाबाद में भी कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा। इस शिविर में कृषि विभाग से जुड़े सभी अधिकारी, एटीएम, बीटीएम एवं कृषि सुपरवाइजर को प्रशिक्षित किया जाएगा।

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इस तरह करें बिजाई :

केवीके के कृषि वैज्ञानिक डा. सरदूल मान ने कहा कि किसान बीटी नरमा का सिफारिश किया हुआ बीज ही लें। प्रति एकड़ के हिसाब से दो पैकेट की बिजाई करें। कतार से कतार व पौधे से पौधे की दूरी 100 गुणा 45 सेंटीमीटर या 67.5 गुणा 60 सेंटीमीटर रखें। किसान बीटी नरमा की बिजाई 15 मई तक अवश्य पूरा कर लें। पूर्व से पश्चिम की दिशा में बीटी कपास की बिजाई लाभकारी होती है। बीटी कपास की बिजाई के समय एक एकड़ में एक बैग यूरिया, एक बैग डीएपी, 30 से 40 किलो पोटाश व 10 किलो जिक सल्फेट (21 फीसद) खेत की तैयारी के समय अवश्य डालें। बीटी कपास में जहां खुला पानी लगता है वहां पहला पानी बिजाई के 45-50 दिन या इसके बाद ही लगाएं।

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