शिक्षा को राजनीति के केंद्र में लाने का पाठ पढ़ा गए दिल्ली के सरकार
मणिकांत मयंक, भट्टू मंडी (फतेहाबाद) पिछले करीब दो-तीन माह के दौरान हरियाणा मे
मणिकांत मयंक, भट्टू मंडी (फतेहाबाद)
पिछले करीब दो-तीन माह के दौरान हरियाणा में दस जनसभा अथवा मी¨टग कर चुनावी ताल ठोंक चुके दिल्ली में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल ने एकबार फिर भारतीय राजनीति को शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे बुनियादी मुद्दों से जोड़ा है। यहां जिले के भट्टू शहर स्थित अनाज मंडी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए दिल्ली के सरकार अर¨वद केजरीवाल ने राजनीतिक दलों तक यह पैगाम दिया कि शिक्षा जैसे अभिन्न सामाजिक सरोकार को भी मुद्दा बनाकर राजनीति की जा सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आम आदमी पार्टी देश का पहला ऐसा राजनीतिक दल है जिसने स्कूल के नाम पर वोट मांगने की पहल की है। केजरीवाल ने इस अहम मुद्दे पर हरियाणा की भाजपा सरकार को भी कठघरे में ला खड़ा। साथ ही, एक डॉक्यूमेंटरी फिल्म के जरिये शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्रों में दिल्ली सरकार की उपलब्धियों का
आइना भी दिखाया।
करीब 45 मिनट के अपने संबोधन में अर¨वद केजरीवाल हरियाणा में शिक्षा की दुर्दशा के हवाले सत्ताधारी भाजपा, कांग्रेस व इनेलो-तीनों पर राजनीतिक तौर पर हमलावर रहे। उन्होंने कहा कि तीन साल पहले वर्ष 2015 में जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी उस समय दिल्ली के स्कूलों की भी वैसी ही दशा थी,जैसी आज हरियाणा
के स्कूलों की है। पर आज वहां के स्कूलों की काया बदल गई है। यह चमत्कार संभव था। आम आदमी पार्टी की सरकार के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने स्कूलों में जाकर तथा वहां खड़े रहकर हालात बदल दिये। आलम यह कि एक भी प्राइवेट स्कूल को फीस नहीं बढ़ाने दिये। भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। यह सब एसी रूम में बैठे रहने से नहीं होता। केजरीवाल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को कठघरे में लाते हुए पहले तो सवाल किया कि तीन साल में हमारी सरकार स्कूलों को ठीक कर सकती तो यहां क्यों नहीं? फिर खुद ही जवाब देते हुए कहा-मैं बताता हूं। चार साल में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल 11 करोड़ हवाई यात्रा पर खर्च कर दिये। जमीन पर उतरेंगे तब तो स्कूलों की दशा ठीक होगी। केजरीवाल ने सीख देते हुए कहा- गांव-गांव में जाना पड़ेगा, जनता के बीच जाकर दुख-दर्द समझना होगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में हरियाणा सरकार को घेरते हुए अर¨वद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में मोहल्ला क्लिनिक देखने दुनियाभर से लोग आते हैं। यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र के जनरल सेक्रेटरी भी आए। लेकिन खट्टर हल्ला क्लिनिक दिखाई देता है। वह ऐसा बोलकर देश की भावना का मजाक उड़ा रहे हैं। जबकि अमीर-गरीब सभी यहां लाभ उठा रहे हैं।
केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर भी तंज कसे। कहा, ईमानदार सरकार पांच साल में देश को नंबर वन बना सकती है। उन्होंने आश्वस्त भाव से कहा कि हरियाणा में भी बदलाव की ओर लोगों का रुझान है। कारण कि कांग्रेस-इनेलो-भाजपा की सरकारों ने लोगों को कुछ नहीं दिया। अब आम आदमी पार्ट ही एकमात्र विकल्प है।
------------------------------------------------------------------------------
अच्छी शिक्षा से ही भारत माता की जय : सिसोदिया
दिल्ली सरकार के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि भारत माता की जय तभी सार्थक जब गरीबों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल पाएगी। यहां की सरकार देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। बच्चे बुरी हालत में पढ़ रहे हैं। सरकारी स्कूलों के जाले हटाने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे हरियाणा के स्कूलों में आने की जानकारी पर कुछ हरकत हुई है। आने की सूचना पर ऐसा है तो सरकार बनने पर क्या हो सकता है? इस सरकार ने 1100 स्कूल बंद करवा दिये। 30 प्रतिशत टीचर हरियाणा से हैं। यहां अब तक धर्म व जात-पात के नाम पर राजनीति हुई है। आम आदमी पार्टी ने दिखा दिया है कि कैसे स्कूली शिक्षा को राजनीति के केंद्र में लाया
जा सकता है। उन्होंने आहवान किया कि एजूकेशन को प्राथमिकता देने वालों की सरकार बनाएं।
------------------------------------------------------
शर्माजी, ये स्कूल ही हमारे लिए मंदिर-मस्जिद
केजरीवाल ने हरियाणा के शिक्षामंत्री के उस बयान पर पलटवार किया जिसमें उन्होंने कहा था कि केजरीवाल की दुकान का सामान खत्म हो गया है। केजरीवाल ने कहा, शर्माजी, ये स्कूल आपके लिए दुकान है। हमारे तथा हमारी सरकार के लिए यही मंदिर और मस्जिद है। आपकी नाक के नीे प्राइवेट स्कूलों ने गुंडागर्दी चला रखी है।
------------------------------------------------------------------
प्रदेश में दस लाख घरों तक लगेंगे बोर्ड
दिल्ली के मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल ने कहा कि प्रदेश के पांच लाख घरों में हमारे परिवार के सभी आम आदमी पार्टी के सदस्य का बोर्ड लगा हुआ है। अब इसे बढ़ाकर दस लाख तक ले जाएंगे।
------------------------------------------------------------------------
यूं ही नहीं भरते दम दिल्ली के सरकार
दोनों प्रदेशों की स्थिति पर तुलनात्मक रिपोर्ट
----------------------------------------
आबादी
दिल्ली : 1 करोड़, 90 लाख
हरियाणा : 2करोड़ 53 लाख
------------------------------
बजट में शिक्षा पर प्राथमिकता
हरियाणा : कुल बजट का 10.9 प्रतिशत अर्थात 13,978 करोड़
दिल्ली : कुल बजट का 26 प्रतिशत अर्थात 13,997 करोड़