धांगड़ में बस स्टैंड के पास बाईपास पर बनेगी जेल
फतेहाबाद जिले में आखिरकार जेल बनने का रास्ता साफ हो गया है। जिला बनने
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : जिले में आखिरकार जेल बनने का रास्ता साफ हो गया है। जिला बनने के 21 साल बाद फतेहाबाद में जेल बनेगी। जेल विभाग ने धांगड़ में बस स्टैंड के पास भूना हिसार बाईपास पर जमीन चिह्नित की है। इस जमीन को देने के लिए किसानों ने खुद आवेदन किया था।
अब चिह्नित जमीन को लेकर गांव धांगड़ के कुछ किसान अधिकारियों पर गड़बड़ी करने का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि वे भी गांव धांगड़ से हिसार रोड पर जमीन जेल के लिए देना चाहते हैं। उन्होंने दो साल पहले आवेदन किया था। जेल अधिकारियों ने जो जमीन चिह्नित की है, उसके मुकाबले काफी सस्ते रेट की उन्होंने मांग की थी। लेकिन उनकी जमीन का चयन नहीं किया। जेल विभाग के अधिकारियों ने जानबूझकर महंगी जमीन फाइनल की है। इससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान होगा।
जिले के 1790 कैदी हिसार और सिरसा जेल में बंद
जिले के 1790 कैदी हिसार और सिरसा की जेल में बंद हैं। इनमें से बड़ी संख्या में आरोपित कैदी भी हैं। उन्हें प्रत्येक महीने अदालत लेकर आना पड़ता है। इससे सरकार को बहुत अधिक खर्चा आ रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से भी दूसरे जिले के कैदी लाने पर पुलिस को परेशानी होती है। उक्त दोनों जिलों की जेल में अपनी क्षमता से अधिक कैदी मौजूद है। जो व्यवस्था बनाने में परेशानी उत्पन्न करते है। हम 45 लाख रुपये प्रति एकड़ में जमीन देने को थे तैयार
गांव धांगड़ के किसान सीताराम ने बताया कि उनकी जमीन हिसार रोड पर है। करीब 15 किसान अपनी 64 एकड़ जमीन जेल के लिए देना चाहते हैं। इसके लिए दो साल पहले ई-भूमि पोर्टल पर आवेदन किया था। हमारी मांग है कि हमें प्रति एकड़ 45 लाख रुपये का मुआवजा मिले। वहीं अब जेल विभाग के अधिकारियों ने हिसार-भूना बाईपास पर 70 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब जमीन ली है। जबकि जमीन भी सुरक्षा की दृष्टि से सही नही है। जेल के पास पुल व 100 फुट उच्ची पानी की टंकी है। उन्होंने अधिकारियों की शिकायत मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भेजी है। जेल बनाने के लिए दैनिक जागरण ने चलाया था अभियान
जिले में जेल बनने के लिए दैनिक जागरण ने अभियान चलाया था। इस अभियान उसके बाद प्रदेश सरकार ने जेल बनाने की घोषणा की थी। इसके लिए किसानों से जमीन की मांग की थी। किसानों ने उसी समय आवेदन कर दिया था। हमने दोनों जगह के किसानों के आवेदन पर लोकेशन जांची। जिसमें पाया कि हिसार-भूना बाइपास के साथ लगती जगह सही है। रोड के साथ भी जमीन का फ्रंट होने के साथ शहर के पास भी है। ऐसे में पूरी टीम ने उसी जगह को फाइनल किया। टीम में जेल विभाग के आइजी के अलावा जिले के कई अधिकारी शामिल थे। जो किसान जमीन न लेने का आरोप लगा रहे है। उनकी जमीन गांव धांगड़ को पार करेंगे। जमीन रोड के साथ भी नहीं लगती।
शमशेर सिंह दहिया, जेल अधीक्षक, हिसार।