नियमों की अनदेखी मिली तो नप जाएंगे नप के बाबू
विनोद कुमार फतेहाबाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) प्रदेश के सभी शहरों को मॉडल सिटी बनाने के लिए कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। इसके लिए नगरपरिषद व नगरपालिका के अधिकारियों को एनजीटी ने जो नियम बनाए हैं उनका पालना करवाना होगा। अगर जो नियम नहीं लागू करेगा उसके खिलाफ अब एनजीटी ने कार्रवाई की ठान ली है।
विनोद कुमार, फतेहाबाद :
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) प्रदेश के सभी शहरों को मॉडल सिटी बनाने के लिए कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। इसके लिए नगरपरिषद व नगरपालिका के अधिकारियों को एनजीटी ने जो नियम बनाए हैं उनका पालना करवाना होगा। अगर जो नियम नहीं लागू करेगा उसके खिलाफ अब एनजीटी ने कार्रवाई की ठान ली है। पिछले दिनों पंचकूला में एनजीटी के अधिकारियों ने नगरपरिषद व नगरपालिका के जिम्मेदारी अधिकारियों की बैठक ली थी। जिसमें स्पष्ट कर दिया है कि आपने अपने शहर में क्या काम करवाया है उसकी जानकारी दे। जानकारी देने के साथ ही प्रमाण भी देना होगा। जैसे शहर में सफाई हो रही है तो उसकी फोटो के साथ शहरवासियों द्वारा एक पत्र भी जारी होना चाहिए कि जो शहर में सफाई हो रही है उससे संतुष्ट हैं या नहीं। नियमों की अवहेलना पर सख्त कार्रवाई होगी। ऐसे आदेश होने के बाद अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ गई है।
पिछले एक साल से एनजीटी के अधिकारी शहरों की व्यवस्था को सुधारने का प्रयास कर रहा है। लेकिन फतेहाबाद की दो नगरपरिषद व तीन नगरपालिका में स्थिति इतनी खराब है कि हर कोई परेशान है। एनजीटी के बेसिक नियम अपनाने में अधिकारी आनाकानी कर रहे है। वरिष्ठ अधिकारी आदेश तो दे रहे है लेकिन नियम लागू हो रहे है या इनका फीडबैक तक नहीं लिया जा रहा है।
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एक सप्ताह में ऑनलाइन दस्तावेज करने होंगे अप्लाई
फतेहाबाद नगरपरिषद के अधिकारियों ने कागजात की जांच शुरू कर दी है। एक खाका तैयार किया जा रहा है जिसमें शहर में जो काम करवाये गए है उनका प्रमाण भी साथ लगाया जा रहा है। कागजात पूरे होने के बाद एनजीटी के अधिकारी अगले 10 दिनों के अंदर शहर का निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण के दौरान अगर कोई कमी मिली और कागजों में ओके दिखा रखा है तो संबंधित अधिकारी पर गाज गिरनी तय है।
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एनजीटी के तीन कामों में जिले के शहर पिछड़े हुए
-सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट
-बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट
-प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट
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अब इन कामों पर डाले नजर
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट :
कचरा प्रबंधन प्लांट की घोषणा चार साल पहले की गई थी। यह प्लांट 49 करोड़ रुपये में बनने की घोषणा की थी। नगरपरिषद के अधिकारियों ने भूना रोड पर जमीन भी देख ली है। लेकिन अभी तक इसका टेंडर भी नहीं हुआ है। शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा भी नहीं उठ रहा है। जो राशि तय की गई थी वो भी नहीं ली जा रही है। ऐसे में शहर में सफाई का बुरा हाल है। कूड़ा निस्तारण केंद्र पर कूड़े को डिस्पोज करने की कोई योजना नहीं है।
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प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट :
जिले में नगरपरिषद व नगरपालिका ने पालीथिन पर रोकथाम के लिए कोई अभियान नहीं चला। कुछ समय के लिए चालान किए थे। लेकिन उसके बाद एक भी चालान नहीं हुआ है। अधिकारियों की माने तो अब चालान किए जाएंगे। नंदीशाला में जो पशु मर रहे है उनके पेट में पालीथिन मिल रहा है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि शहरों में पालीथिन पूरी तरह बैन तक नहीं हुआ। खुलेआम बिक रहा है।
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बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट :
बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट तो दूर की बात है। नगरपरिषद ने किसी मेडिकल या फिर किसी अस्पताल का चालान तक नहीं किया है। कूड़े के ढेर में मेडिकल वेस्टेज नजर आ जाएगा। नियम तो ये है कि अगर कोई प्राइवेट अस्पताल संचालक द्वारा कूड़े में मेडिकल वेस्टेज डाला जाता है तो उसका चालान किया जाता है।
नप केवल चेतावनी देकर छोड़ रहा है। ऐसे में निजी अस्पताल संचालक कैसे मानेंगे। वही प्राइवेट अस्पताल संचालकों ने भी बायोमेडिकल वेस्ट उठाने के लिए किसी को टेंडर तक नहीं दे रखा।
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सफाई व्यवस्था के लिए फतेहाबाद नप के पास संसाधन
संसाधन संख्या
टाटा एस 13
रिक्शा 40
हाथ रेहड़ी 30
कर्मचारी 170
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ये है शहर और आबादी
शहर आबादी
फतेहाबाद नगरपरिषद 1 लाख 25 हजार
टोहाना नगरपरिषद 1 लाख
जाखल नगरपालिका 25 हजार
रतिया नगरपालिका। 70 हजार
भूना 30 हजार
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इन शहरों में निकलता है कूड़ा
शहर टन
फतेहाबाद 50
टोहाना 30
रतिया 15
भूना 10
जाखल 10
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जो आदेश दिए है उनको लागू करवाया जाएगा। अब केवल कागजात मांगे है कि शहर में क्या काम करवाये गए है। संबंधित अधिकारियों की ड्यूटी लगा दी है। इन कागजात को ऑनलाइन चढ़ा भी दिया है। अब अधिकारी शहरों का निरीक्षण करेंगे।
अमित कौशिक
कार्यकारी अभियंता नगरपरिषद फतेहाबाद।