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नियमों का पालन करेंगे तो हादसा होने का खतरा भी रहेगा कम

वाहन चलाते समय नियमों का पालन करेंगे तो हादसा होने का डर

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 10:30 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 10:30 PM (IST)
नियमों का पालन करेंगे तो हादसा होने का खतरा भी रहेगा कम
नियमों का पालन करेंगे तो हादसा होने का खतरा भी रहेगा कम

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद:

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वाहन चलाते समय नियमों का पालन करेंगे तो हादसा होने का डर भी कम हो जाएगा और हमारा सफर भी शानदार होगा। जो व्यक्ति नियम का पालन नहीं करता है उसे हर समय यम का डर लगा रहता है। इसके अलावा सिस्टम में भी कुछ खामियां हैं जिसे दूर किया जाना जरूरी है। अगर किसी को लाइसेंस बनवाना है तो उसे छह महीने के लिए लर्निग लाइसेंस मिल जाएगा। इस दौरान केवल उससे कुछ सवाल पूछे जाते है और छह महीने के लिए लाइसेंस तैयार हो जाता है। इसके अलावा कुछ लोग हैवी लाइसेंस तो प्राप्त कर लेते है लेकिन वाहन तक नहीं चलाने आते। अगर ऐसे चालक कोई वाहन चलाते है तो हादसा होने का डर भी हमेशा रहता है।

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लाइसेंस जारी करने में बरती जाए सावधानी

पहले लाइसेंस के लिए कोई टेस्ट नहीं होता था। लेकिन अब टेस्ट भी होने लग गया है। लेकिन इसमें भी खामियां है। इसके अलावा सभी प्रकार के नियमों की जानकारी वाहन चालक को होनी चाहिए।

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वाहन चलाते समय इन नियमों का रखे ध्यान

-तेज आवाज पर संगी न सुने।

-स्कूल क्षेत्रों में गति सीमा का ध्यान रखे।

-फोन का उपयोग न करे।

-पैदल चलने वाले यात्रियों की क्रा¨सग पार न करना।

-फुटपाथ पर ड्राइ¨वग न करें।

-प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल न करें।

-एंबुलेंस को रास्ता दे। ये है जुर्माने का प्रावधान

-डिफेक्टिव नंबर प्लेट 100 रुपये

- बिना सीट बेल्ट के ड्राइ¨वग 100 रुपये।

- गलत जगह पार्क करना 100 रुपये।

- रेड लाइट जंप करना 100 रुपये।

- इंडिकेटर दिए बगैर मुड़ना 100 रुपये।

- प्रेशर हॉर्न का प्रयोग 100 रुपये।

-बिना हेलमेट पहने वाहन चलाना या पीछे बैठना 100 रुपये।

-ओवरस्पी¨डग 400 रुपये।

- बिना लाइसेंस के ड्राइ¨वग 500 रुपये।

- नाबालिग का ड्राइ¨वग करना 500 रुपये।

- ड्राइ¨वग के दौरान मोबाइल पर बात 1000 रुपये।

- ट्रैफिक इंस्पेक्टर से दु‌र्व्यवहार 1000 रुपये।

- बिना इंश्योरेंस के ड्राइ¨वग 1000 रुपये।

- बिना रजिस्ट्रेशन गाड़ी चलाना 2000 रुपये।

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पहले की तुलना में अब लाइसेंस अधिक जांच कर बनाया जाता है। पहले लर्निग लाइसेंस बनता है और उसके बाद उसका टेस्ट होता है। टेस्ट में पास होने के बाद ही उसे लाइसेंस दिखाई जाता है। अगर फिर भी कोई कमी है तो उसे दुरूस्त किया जाएगा।

::सतबीर जांगु

अतिरिक्त उपायुक्त एवं एसडीएम फतेहाबाद।


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