तालाब अनदेखी का हो रहा शिकार, पानी की जगह उग गई घास
संवाद सूत्र भिरडाना तालाब हमारी धरोहर मानी जाती है। लेकिन समय बदलने के साथ ही हम अपनी
संवाद सूत्र, भिरडाना :
तालाब हमारी धरोहर मानी जाती है। लेकिन समय बदलने के साथ ही हम अपनी इस धरोहर को खोते जा रहे है। अब भी समय अगर हम संभल गए तो हम इस धरोहर को फिर से जिदा कर सकते है। इसके लिए ग्रामीणों व प्रशासन को मिलकर प्रशासन करना चाहिए। हालांकि प्रशासन ने तालाबों के जीर्णाेद्धार के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि हर हाल में इन तालाबों को साफ सुथरा बनाया जाएगा। इसके चारों तरफ पौधरोपण किया जाएगा। लेकिन गांव भिरडाना में ऐसा कुछ नहीं है। यहीं की ग्राम पंचायत तालाबों की तरफ कोई ध्यान तक नहीं दे रही थी। गांव में तीन तालाब थे। लेकिन अब केवल एक ही बचा है उस पर भी लुप्त होने का संकट मंडरा रहा है।
गांव भिरडाना के बस स्टैंड के पास बना तालाब केवल तालाब ही बनकर रह गया है। इसके अंदर पानी न होने की बजाए घास उगी हुई है। घास इतनी अधिक है कि इसके अंदर जहरीले जानवर पनप रहे है। शाम के समय से जहरीले जीव गांव के अंदर आ रहे है और लोगों को काट भी रहे है। ऐसे में कुछ लोगों ने तो पंचायत से यहां तक भी कह दिया है कि इस तालाब को बंद करवा दे। लेकिन यह तालाब बंद हो गई तो हमारे बुजुर्गो की निशानी भी चली जाएगी।
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ये कहना है बुजुर्गो का
गांव भिरडाना के रामसिंह, सूरजाराम, सुखदेव सिंह ने बताया कि किसी जमाने मे तालाब गांव की शान हुआ करते थे। आधुनिकता की चकाचौंध ने गांवों को अपनी संस्कृति से भी दूर कर दिया। आबादी और क्षेत्रफल के लिहाज से बडे़ गांवो मे शुमार गांव भिरडाना मे किसी समय में तीन तालाब हुआ करते थे। बदलते जमाने के साथ गांव के तालाब भी विलुप्त होने लगे हैं। गांव के पंचायत भवन के तालाब के अधिकतर हिस्से पर तो कुछ कब्जाधारियों ने अपने मकान बना लिए है। इसके अलावा बस स्टैंड के पास जो तालाब है उसके अंदर घास इतना है कि पानी नहीं डाला जा सकता। ग्रामीणों ने बताया की इस तालाब का पानी पहले लोग पीते थे। लेकिन अब तो यहां जहरीले जानवर पनप रहे है।
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मनरेगा से हो सकती है सफाई
ग्रामीणों की माने तो इस तालाब की सफाई करवानी जरूरी है। अगर तालाब में पानी होगा तो गर्मी के दिनों में यहां पर ठंड भी अधिक होगी। जिससे लोगों को गर्मी से राहत भी मिलेगी। अगर गांव में किसी दिन पानी की दिक्कत आती है तो लोग पशुओं के लिए भी इस पानी का प्रयोग कर सकते है। वहीं भवन निर्माण के लिए भी लोग इस पानी का इस्तेमाल कर सकते है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। अगर जल्द ही पंचायत ने कोई कदम नहीं उठाया तो यह तालाब इतिहास बनकर रह जाएगा।
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जल्द ही इस तालाब की सफाई करवाई जाएगी। मनरेगा का काम शुरू होने वाला है। बरसात से पहले इसकी सफाई करवा दी जाएगी। एक तालाब पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है। पंचायत विभाग को इसके बारे में सूचना दे दी है। बुजुर्गो की जो निशानी है वो गांव से विलुप्त नहीं होने देंगे।
सुभाष चंद्र,
सरपंच, भिरडाना।