जिले को टीबीमुक्त बनाने में दें सहयोग
उपायुक्त डा. नरहरि सिंह बांगड़ की अध्यक्षता में लघु सचिवालय के सभागार में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत जिला की टीबी फोरम मीटिग हुई। जिसमें टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के बारे में चर्चा की गई। बैठक में वर्ष 2025 तक टीबी को खत्म करने के लक्ष्य को किस प्रकार पूरा करना है इस पर गहनता से विचार विमर्श किया गया और उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
उपायुक्त ने की टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा, अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश
-कहा-जिले के हर अस्पताल में मिल रहा टीबी का इलाज जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
उपायुक्त डा. नरहरि सिंह बांगड़ की अध्यक्षता में लघु सचिवालय के सभागार में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत जिला की टीबी फोरम मीटिग हुई। जिसमें टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के बारे में चर्चा की गई। बैठक में वर्ष 2025 तक टीबी को खत्म करने के लक्ष्य को किस प्रकार पूरा करना है, इस पर गहनता से विचार विमर्श किया गया और उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
उपायुक्त ने कहा कि जिला में टीबी को वर्ष 2025 से पहले जड़मूल से खत्म करने के लिए अथक प्रयास करें। उन्होंने कहा कि टीबी को खत्म करने के लिए सरकार व जिला प्रशासन द्वारा हरसंभव मदद की जा रही है। टीबी का अधूरा इलाज छोड़ने वाले एवं टीबी का इलाज लेने से मना करने वाले सभी मरीजों को पूर्ण इलाज लेने के लिए प्रेरित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उपायुक्त ने ग्राम पंचायतों से कहा है कि जिले को टीबीमुक्त बनाने में अपना पूरा सहयोग दें। सभी टीबी से संबंधित सारी जानकारी ले पाएं और जरूरत पड़ने पर अपने गांव के लोगों को टीबी के प्रति जागरूक कर सकें। गांव के लोगों में टीबी व टीबी मरीज को अभिशाप समझने जैसी धारणाओं को दूर कर सके। बैठक में उपायुक्त ने टीबी क्या है, इसके लक्षण क्या है, इससे कैसे बचा जा सकता है और इसके प्रोग्राम के तहत सरकार द्वारा क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही के बारे में जागरूक करने के लिए कहा।
बैठक में जिला क्षयरोग अधिकारी डा. हनुमान सिंह ने बताया कि विभिन्न प्रचार माध्यमों से सभी टीबी मरीजों को संदेश दिया गया कि वे 11206215600 नंबर को अपने मोबाइल में सेव करके रखें, ताकि नेशनल टीबी कॉल सेंटर टीबी मरीज से संपर्क कर सकें। उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि वे टीबी मरीजों का बैंकों में जीरो बैलेंस पर अकाउंट खोलें ताकि मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत दी जाने वाली राशि पहुंचाई जा सकें।
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टीबी के लक्षण:-
दो सप्ताह से अधिक खांसी, शाम को हल्का बुखार आना, भूख न लगना, वजन का कम होना, रात को सोते समय पसीना आना, बलगम में खून आना।
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टीबी से बचाव के उपाय-
खांसते या छींकते समय अपने मुंह व नाक को स्वच्छ कपड़े से ढ़कें, यदि आपके पास रूमाल या साफ कपड़ा नहीं है, तो बाजू के ऊपरी हिस्से का प्रयोग करें, सार्वजनिक स्थानों पर ना थूकें, उपयोग में लाए गए टिशु को कुड़ेदान में फैंके, अपने हाथों को अच्छी तरह साबुन व पानी से साफ करें।
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क्षयरोग (टीबी) के इलाज से संबंधित मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं:-
जिला फतेहाबाद में खंड स्तर पर फतेहाबाद, भट्टू, भूना, जाखल, रतिया व टोहाना में 6 बलगम जांच केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर बलगम की जांच बिल्कुल मुफ्त की जाती है। सीबीनाट की मुफ्त सुविधा, मुफ्त एलपीए (दवा प्रतिरोधकता जांच) टेस्टिग सुविधा, फ्री एचआईवी एवं डायबीटिज टेस्टिग, सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी की दवाई निशुल्क उपलब्ध है। एमडीआर मरीज के सभी टेस्ट फ्री उपलब्ध हैं। जो व्यक्ति संभावित नये टीबी मरीजों की या संभावित टीबी मरीज खुद अपनी जांच सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर करवाता है और उसमें टीबी पाई जाती है तो ऐसे व्यक्ति/खुद टीबी मरीज को जानकारी के लिए 500 रुपये प्रोत्साहन भत्ता दिया जाता है। टीबी के मरीजों को ईलाज की पूरी अवधि के दौरान 500 रुपये प्रतिमाह पौष्टिक आहार भत्ता सीधे बैंक खातों में दिया जाता है।