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स्वास्थ्य सेवाओं को वेंटीलेटर की दरकार

जिले में स्वास्थ्य सेवाएं हमेशा वेंटीलेटर पर रही हैं। डाक्टरों की कमी हमेशा रही साथ ही संसाधन का टोटा भी। इस समय कोरोना संक्रमण कहर बरपा रहा है। स्वास्थ्य विभाग बेहतर व्यवस्था के दावे कर रहा है पर संसाधनों की कमी आने वाले समय में चिंता का सबब बन सकती है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 07:04 AM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 07:04 AM (IST)
स्वास्थ्य सेवाओं को वेंटीलेटर की दरकार
स्वास्थ्य सेवाओं को वेंटीलेटर की दरकार

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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जिले में स्वास्थ्य सेवाएं हमेशा वेंटीलेटर पर रही हैं। डाक्टरों की कमी हमेशा रही साथ ही संसाधन का टोटा भी। इस समय कोरोना संक्रमण कहर बरपा रहा है। स्वास्थ्य विभाग बेहतर व्यवस्था के दावे कर रहा है पर संसाधनों की कमी आने वाले समय में चिंता का सबब बन सकती है।

जिले के नागरिक अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र को अब कोरोना सेंटर बना गया है। यहां पर 10 वेंटीलेटर की सुविधा है तो 20 अतिरिक्त बेड हैं। लेकिन आने वाले समय के लिए ये संसाधन बौने साबित होंगे। इस समय चार मरीज वेंटीलेटर पर हैं तो 4 मरीज कोरोन सेंटर में भर्ती है। अगर कोई आपातकालीन मरीज आते है तो केवल 6 लोगों को ही वेंटीलेटर पर सुविधा मिलने के साथ ही कोरोना सेंटर में 16 मरीज भर्ती हो सकते है। जिस तरह से कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं उसके हिसाब से यहां पर संसाधन जीरो है।

लेकिन राहत यहां पर ये है कि रतिया, टोहाना व फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल में अब हर बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा अवश्य है। ऐसे में अगर आपताकालीन स्थिति आती है तो सामान्य मरीजों के ये बेड खाली करवाए जा सकते है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को अतिरिक्त प्रयास करना होगा।

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स्थिति बिगड़ी तो कम पड़ जाएंगे बेड

जिले में इस समय करीब 1300 से अधिक एक्टिव केस है। इनमें से करीब एक हजार मरीज घर पर इलाज ले रहे है। अगर आने वाले समय में गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ती है तो अस्पताल में बेड की कमी हो जाएगी। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने धर्मशाला व कम्यूनिटी सेंटर को अस्थाई अस्पताल बनाने का प्लान तैयार कर लिया है। इन दोनों स्थानों पर केवल मरीजों को सोने के लिए बेड मिलेगी लेकिन यहां पर ऑक्सीजन की सुविधा मिलना संभव नहीं है। वहीं नागरिक अस्पताल के कोविड सेंटर के बाहर स्वास्थ्य विभाग ने ऑक्सीजन भी पूरी मंगवा ली है। इस समय जिले में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। अगर ऐसे ही मरीज आते रहे तो कमी आ सकती है।

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सामान्य मरीजों को हो सकती है दिक्कत

जिले में अगर मरीज बढ़ते है तो सामान्य मरीजों का इलाज बंद हो जाएगा। पिछले साल सभी सरकारी अस्पतालों में सामान्य ओपीडी बंद कर दी गई और और जो बेड थे वो कोविड मरीजों के लिए खाली कर दिए थे। इस बार भी ऐसा ही लग रहा है। अब केवल गंभीर मरीजों का इलाज हो रहा है। आपरेशन भी ना के बराबर है। गंभीर मरीज मिलने के बाद उसे केवल रेफर किया जा रहा है।

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अब आंकड़ों पर डालें नजर

जिले में आइसोलेशन वार्ड : 1

प्राइवेट अस्पतालों में मिल रहा इलाज : 1

जिले सरकारी अस्पताल है : 3, रतिया, टोहाना व फतेहाबाद

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र : 6

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र : 18

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अब सरकारी अस्पतालों में बेड की व्यवस्था पर डाले नजर

अस्पताल आइसीयू बेड आक्सीजन बेड कुल बेड दरकार

फतेहाबाद 10 50 100 70

टोहाना 01 30 50 30

रतिया 00 20 50 30

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हमारे पास जो संसाधन है उसके अनुसार काम चलाया जा रहा है। वहीं फतेहाबाद में धर्मशाला व कम्यूनिटी सेंटर को अस्थाई अस्पताल बनाने का प्लान चल रहा है। एक दो दिन के अंदर व्यवस्था कर दी जाएगी। कोरोना के मामले बढ़ रहे है। ऐसे में सभी से अपील है कि नियमों का पालन करे।

डा. मनीष बंसल,

सिविल सर्जन, फतेहाबाद।


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