जागरण प्रभाव : व्यवस्था की सवारी से सरकारी स्कूलों में घूमेगा शिक्षा का पहिया
कुलां घर से अधिक दूरी पर स्थित स्कूल में आने-जाने में मशक्कत कर रहें विद्याथि
संवाद सूत्र, कुलां : घर से अधिक दूरी पर स्थित स्कूल में आने-जाने में मशक्कत कर रहें विद्यार्थियों के लिए राहत भरी खबर है। स्कूल से गांव की अधिक दूरी शिक्षा में बाधा न बन सके इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से नई पॉलिसी तैयार की जा रही है। शिक्षा विभाग द्वारा दूर से स्कूल आने वाले बच्चों को साइकिल की सुविधा के साथ ही सेकेंडरी कक्षा की छात्राओं के लिए बस सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है। जल्द ही सभी स्कूलों में यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।
कुलां क्षेत्र में बड़ी संख्या में बच्चों को इसका फायदा होगा। क्षेत्र में कई गांव ऐसे है जिनमें प्राइमरी के बाद विद्यालय नहीं है। वहीं दूसरे गांवों में शिक्षा ग्रहण करने जाने के लिए गांवों में परिवहन सुविधा की भी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में बच्चों को स्कूल में आने जाने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है। गांववासी भी लंबे समय से इस सुविधा की मांग कर रहे थे। शिक्षा विभाग अब ग्रामीणों की यह मांग पूरी करने के मूड में नजर आया है। विभाग द्वारा दावा किया गया है कि जल्द ही यह सुविधा ऐसे बच्चों के लिए शुरू कर दी जाएगी।
दैनिक जागरण ने उठाया गया था मुद्दा
क्षेत्र के करीब आधा दर्जन गांवों में प्राइमरी शिक्षा के बाद स्कूल स्थापित न होने से बच्चों को दूर के स्कूल में आने जाने में हो रहीं समस्या को लेकर दैनिक जागरण ने समय-समय पर इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए प्रशासन को चेताने का प्रयास किया है। ज्ञात रहें कि विगत दिनों दैनिक जागरण द्वारा 29 मार्च के अंक में शीर्षक कैसे बनेगा भविष्य यहां तो उच्च शिक्षा बनी एक सपना से समाचार प्रकाशित कर विभाग को चेताया गया था। इन गांवों के बच्चों को मिल सकता है लाभ
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक यह सुविधा उन सभी बच्चों को मुहैया कराई जाएगी जिन्हें गांव से दो किलोमीटर या उससे अधिक दूरी पर स्कूल जाना होता है। बता दें कि क्षेत्र के गांव जाबतेवाला, मघेड़ा, रसूलपुर, भूंदडा व रूपांवाली गांवों में प्राइमरी के बाद स्कूल नहीं है। इन गांवों में बस सुविधा भी नहीं है। यहां के बच्चों को दो किलोमीटर से अधिक दूरी तय कर दूसरे गांव के स्कूल में जाना होता है। इससे उम्मीद है कि इन गांवों के बच्चों को इस योजना से सीधा लाभ होगा। अभिभावकों को जागरूक होने की आवश्यकता
कुलां निवासी समाजसेवी राजकुमार फौजी का कहना है कि स्कूलों में शिक्षित शिक्षकों का स्टाफ होता है। यहां शिक्षा निशुल्क होने के साथ ही मिड-डे मील जैसी अन्य सुविधाएं भी मुहैया होती है। सबसे खास बात यह है कि हाल में ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षित ग्राम पंचायतों का गठन होने के उपरांत सरकारी स्कूलों की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। इसके अलावा शासन द्वारा भी समय-समय पर स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से कदम उठाया जा रहा है।
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जिन गांवों में मीडिल व सेकेंडरी स्कूल नहीं है अथवा इन गांवों के बच्चों को शिक्षा के लिए दूसरे गांव में विद्यालय में जाना होता है। ऐसे बच्चों को आने-जाने में मशक्कत न हो उनके लिए ये सुविधा दी जाएगी। मीडिल स्कूल के बच्चों को साइकिल वितरित करने व ग्यारहवीं-बारहवीं कक्षा की छात्राओं के लिए वैन सुविधा शुरू की जाएगी।
दयानंद सिहाग, जिला शिक्षा अधिकारी फतेहाबाद।