सरकारी कार्यालयों में प्लास्टिक, थर्मोकोल और फाइबर के बर्तन नहीं होंगे इस्तेमाल
जागरण संवाददाता फतेहाबाद अगर आप सरकारी कार्यालय में जा रहे है तो आपको अब प्लास्टिक
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
अगर आप सरकारी कार्यालय में जा रहे है तो आपको अब प्लास्टिक के बर्तन में चाय या फिर पानी नहीं मिलेगा। बल्कि स्टील व मिट्टी के बर्तन मिलेंगे। यह कदम इसलिए उठाया गया है कि प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल करने से अनेक प्रकार की बीमारियां पनपती है। उपायुक्त ने खुद अपनी जेब से पांच हजार रुपये देकर नए बर्तन खरीदने के आदेश दिए है। वहीं अन्य विभाग के अधिकारियों को भी ऐसा करने के लिए कहा है। चिकित्सक भी मानते है कि प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग करने से कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है।
जिला प्रशासन ने अनूठी पहल करते हुए स्टील व अन्य धातुओं से बने बर्तनों का संग्रह बनाने का निर्णय लिया है। इस संग्रह के लिए उपायुक्त धीरेन्द्र खड़गटा ने 5 हजार रुपये की राशि देकर इसकी स्थापना की शुरूआत कर दी है।
मंगलवार को आयोजित बैठक में उपायुक्त धीरेन्द्र खड़गटा ने कहा कि प्लास्टिक, थर्मोकोल व फाइबर इत्यादि से बने कप, गिलास या खाने की प्लेटों से मनुष्य में कई प्रकार की खतरनाक बीमारियां फैलने का डर रहता है। कई प्रकार की शोध से भी इस प्रकार के बर्तनों से मनुष्य जीवन को होने वाली हानियों का पता चला है। इसके अतिरिक्त इनके इस्तेमाल से शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लग जाते हैं और इन्हें खाकर पशु भी अकाल मृत्यु को प्राप्त होते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की पहल पहले ही फरीदाबाद में की जा चुकी है। बर्तनों के संग्रह की व्यवस्था के लिए फतेहाबाद में किसी समाजसेवी संस्था का सहयोग लिया जाएगा। यदि शहर में किसी भी सामाजिक-धार्मिक या समाजसेवी संस्था को अपना कोई आयोजन करना होगा, तो वह बर्तन संग्रह से निशुल्क बर्तन ले सकेगा और आयोजन की समाप्ति के बाद इन्हें धोकर वापस संग्रह में जमा करवा देगा।
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प्लास्टिक के बर्तन इस्तेमाल करने के लिए लेनी होगी अनुमति
उपायुक्त ने कहा कि भविष्य में इस प्रकार के बड़े आयोजन से पूर्व प्रशासन से अनुमति लेते वक्त भी आयोजनकर्ताओं को प्लास्टिक इत्यादि के बर्तन इस्तेमाल न करने की अंडरटेकिग देनी होगी। उन्होंने अधिकारियों व कर्मचारियों से 50 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक का इस्तेमाल करने वाले दुकानदारों व थोक विक्रेताओं कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए है। जिला प्रशासन के 16 से अधिक ऐसे विभाग है, जिनके पास एक बार इस्तेमाल करने वाले प्लास्टिक, पॉलीथिन के विक्रेताओं पर कार्यवाही करने का अधिकार है। ये सभी विभाग आगामी दिनों में अभियान चलाकर प्लास्टिक, पॉलीथिन विक्रेताओं के चालान करेंगे।
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ये थे मौजूद
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त डा. सुभीता ढाका, नगराधीश राहुल मित्तल, जिप सीईओ डॉ जयबीर यादव, डीडीपीओ अनुभव मेहता, सीएमओ डा. मनीष बंसल, ईओ जितेन्द्र सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।