3 हजार बसें भी सही से नहीं चला पा रही सरकार : किरमारा
प्रदेश सरकार हरियाणा रोडवेज के बेड़े में 4 हजार बसों क
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
प्रदेश सरकार हरियाणा रोडवेज के बेड़े में 4 हजार बसों का दावा करती हैं, लेकिन उनमें से अब 3 हजार बसें भी नहीं चला रही। इससे रोडवेज का घाटा लगातार बढ़ गया है। सरकार आमजन को परेशान करना चाहती है, तभी सही से बसों का संचालन नहीं कर रहीं। यह आरोप हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष दलबीर किरमारा ने लगाए। वे कर्मचारियों के साथ बैठक कर रहे थे। इस दौरान डिपो प्रधान ईश्वर सहारण व सुभाष बिश्नोई मौजूद रहे। किरमारा ने आरोप लगाया कि ओवरटाइम कम करने के लिए सरकार ने नई रोटेशन बनाई है। जिन गांवों व कस्बों में पहले रोडवेज की पांच से सात बसें प्रतिदिन जाती थी, अब वहां पर एक बस ही जा रही हैं। इससे आमजन को परेशानी आ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की विफलता व ग्रामीणों को आ रही परेशानी बताने के लिए वे गांवों में अभियान चलाएंगे। अब लोग मान रहे है कि रोडवेज कर्मचारियों की वजह से बसें नहीं चल रही, जबकि असल में सरकार नहीं चाहती कि गांवों में बसें चले। यात्रियों को सुविधा मिले। उन्होंने आरोप लगाया कि ओवरटाइम बंद करने, व नाइट स्टे रोकने से रोडवेज का प्रतिदिन चार लाख रुपये से अधिक का घाटा लग रहा है। पिछले एक महीने में अकेले फतेहाबाद डिपो में 1 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है। सरकार रोडवेज को घाटे का सौदा करते हुए निजीकरण को बढ़ावा देना चाहती है, ताकि मंत्रियों व विधायकों की बसें चला सके। उन्होंने कहा कि सरकार ने जल्द ही जनहित में पहले की तरह बसें नहीं चलाई तो रोडवेज यूनियन सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगी। इस मौके पर मोहनलाल सहारण, नरेंद्र सोनी, सुखदेव ¨सह भुल्लर, सुनील कुमार, गायत्री नंदन शर्मा, लीलूराम खान व ओमप्रकाश सहित अनेक सदस्य मौजूद रहे।