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आज से आशा वर्कर हड़ताल पर, स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा असर

जागरण संवाददाता फतेहाबाद आशा वर्कर आज से हड़ताल पर जा रही हैं जिससे स्वास्थ्य विभाग

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 07:00 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 06:13 AM (IST)
आज से आशा वर्कर हड़ताल पर, स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा असर
आज से आशा वर्कर हड़ताल पर, स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा असर

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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आशा वर्कर आज से हड़ताल पर जा रही हैं जिससे स्वास्थ्य विभाग में हलचल पैदा हो गई है। कोरोना संकट में जब भी कोरोना मरीज मिलता है वहां पर सर्वे करने के लिए सबसे पहले आर्शा वर्कर हीं पहुंचती है। लेकिन अब चार दिनों तक हड़ताल पर रहने के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ेगा। कर्मचारियों ने सिविल सर्जन को ज्ञापन सौंपकर एलान कर दिया है कि वो किसी भी सूरत में काम पर नहीं आएगी। ये आशा वर्कर अपने अपने खंड में धरना देकर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेगी।

अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर आशा वर्कर्स ने मंगलवार से चार दिन की हड़ताल शुरू कर दी है। आशा वर्कर्स 13 अगस्त तक हड़ताल पर रहेगी। फतेहाबाद में आशा वर्कर्स यूनियन की बैठक प्रधान शीला शक्करपुरा की अध्यक्षता में हुई जिसका संचालन सुमन धारनियां ने किया। बैठक को सीटू जिला सचिव ओमप्रकाश अनेजा, जिला कैशियर बेगराज, राजबाला दहमन, रजनी धांगड़ आदि ने भी संबोधित किया।

बैठक के बाद यूनियन का प्रतिनिधिमंडल सिविल सर्जन से मिला और उन्हें मांग पत्र सौंपा। आशा वर्कर्स यूनियन की जिला प्रधान शीला शक्करपुरा ने कहा कि विभाग और सरकार आशा वर्करों की मांगों और समस्याओं को लेकर बिलकुल गंभीर नहीं है। वे पहले ही हड़ताल कर चुकी है लेकिन सरकार द्वारा उनकी मांग व समस्याओं का समाधान न किए जाने से खफा होकर उन्हें अब दोबारा हड़ताल करनी पड़ रही है।

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इन मांगों को लेकर की जा रही हड़ताल पर

-गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए सरकारी स्वास्थ्य के ढांचे को मजबूत किया जाए।

- एनएचएम को स्थायी किया जाए।

- आठ एक्टिविटी का काटा गया 50 फीसद भी तुरंत वापस लागू किया।

-कोविड-19 में काम कर रही आशाओं को जोखिम भत्ते के तौर पर 4 हजार रुपये दिए जाए।

- गंभीर रूप से बीमार एवं दुर्घटना की शिकार आशाओं को सरकार के पैनल अस्पतालों में इलाज की सुविधा दी जाए।

-आशाओं को सामुदायिक स्तरीय स्थाई कर्मचारी बनाया जाए।

-जब तक उन्हें पक्का कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक हरियाणा सरकार द्वारा न्यूनतम वेतन दिया जाए।

-आशा वर्करों को ईएसआइ एवं पीएफ की भी सुविधा देने हेल्थ वर्कर का दर्जा दिया जाए।

-21 जुलाई 2018 को जारी किए गए नोटिफिकेशन के सभी बचे हुए निर्णय को लागू करने की भी मांग की गई है।

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जिले में 830 आशा वर्कर हड़ताल पर

जिले में इस समय 830 आशा वर्कर काम पर है। ऐसे में एक साथ सभी आशा वर्कर हड़ताल पर जाने के कारण मुश्किल अधिक हो जाएगी। ग्रामीण क्षेत्र में आशा वर्कर ही स्वास्थ्य विभाग की सबसे बड़ी स्त्रोत होती है। इस समय जहां भी कोरेाना के मरीज मिल रहे है अधिकारी आशा वर्करों से ही परिवार व आसपा के लोगों का डाटा लेते है। अगर इन चार दिनों में कोरोना के अधिक मामले आ गए तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ जाएगी।

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आशा वर्कर मंगलवार से हड़ताल पर जा रही है। जिले में 830 आशा वर्कर है। वे अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर जा रही है। सिविल सर्जन को ज्ञापन भी दिया है। कुछ काम प्रभावित तो होगा लेकिन काम चलाया जाएगा।

नरेंद्र खरब

कोऑर्डिनेटर आशा वर्कर फतेहाबाद।


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