पराली में लगाई आग, महिला सहित 8 किसानों पर मामला दर्ज, अब तक 80 के खिलाफ हुई कार्रवाई
इस समय धान कटाई व कढ़ाई का समय चल रहा हैं। अगले महीने से
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
इस समय धान कटाई व कढ़ाई का समय चल रहा हैं। अगले महीने से किसान गेहूं की बिजाई भी शुरू कर देंगे। ऐसे में किसान धान निकलवा रहे हैं और जो खेत में अवशेष या पराली बच रही है उसको आग भी लगा रहे हैं। जिसका असर प्रदूषण से मापा जा सकता है। हालांकि पिछले साल की अपेक्षा इस बार प्रदूषण का स्तर कम है। लेकिन आने वाले समय में और अधिक बढ़ने की उम्मीद है। मंगलवार को अधिकतम एयर क्वालिटी इंडक्स (एक्यूआइ) 320 दर्ज किया गया। इसके अलावा समय के अनुसार बदलता भी रहा। सुबह के समय एक्यूआइ 250 था। लेकिन दोपहर को यह 320 हो गया है। वहीं शाम होती गई एक्यूआइ भी कम होता गया। पिछले साल एक्यूआइ 600 के करीब था। लेकिन इस बार आधा है। वही धुआं न फैलने का एक मुख्य कारण ये भी है कि मौसम में गर्मी होने के साथ हवाएं भी चल रही है। अगर नमी अधिक होगी तो धुआं भी नहीं उड़ेगा। कृषि विभाग के आंकड़ों पर नजर डाले तो अब तक 80 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है। वही जिले में 160 जगहों पर आग लगने की लोकेशन भी हरसेक ने भेजी है।
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दैनिक जागरण भी कर रहा जागरूक
जिला प्रशासन के साथ दैनिक जागरण भी किसानों को जागरूक कर रहा है। जो किसान इस बार पराली नहीं जला रहा है उसकी स्टोरी प्रकाशित कर दूसरे किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। वहीं खेतों में डेमो का आयोजन हो रहा है ताकि किसान जागरूक हो। पिछले साल भी दैनिक जागरण के प्रयास से कम पराली जली थी और इस बार भी ऐसा हो रहा है।
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मंगलवार को महिला सहित 8 किसानों पर दर्ज हुआ मामला
मंगलवार को कृषि विभाग के अधिकारियों की शिकायत पर महिला सहित 8 किसानों पर मामला दर्ज किया है। कृषि विभाग को हरसेक से 160 जगह पर पराली में आग लगने की शिकायत भी आ चुकी है जिसको ट्रेस कर रहे है। अभी तक 60 ऐसी शिकायत है जो गलत मिली है। हालांकि हरसेक केवल वही डाटा लेता है जहां आग लगी होती है। लेकिन कुछ जगह घास में भी अगर किसान आग लगाते है तो उसकी लोकेशन भी मिल जाती है। सदर थाना पुलिस ने कृषि विभाग के अधिकारी मोनू की शिकायत पर गांव तेलीवाड़ी में एक महिला सहित तीन लोगों के खिलाफ पराली में आग लगाने की शिकायत दर्ज करवाई है। अधिकारियों ने कहा कि जब खेतों का निरीक्षण किया तो इनके खेतों में पराली में आग लग रही थी। वही रतिया पुलिस ने कृषि अधिकारी संदीप की शिकायत पर बादलगढ़ के किसान पर पराली में आग लगाने का मामला दर्ज किया है। कृषि अधिकारियों ने 15 अक्टूबर को खेतों का निरीक्षण किया तो खेतों में आग लगी हुई थी। वही भूना पुलिस ने एडीओ विनय कुमार की शिकायत पर गांव डूल्ट में पराली में आग लगाने का मामला दर्ज किया है। इसके अलावा भूना पुलिस ने ही कृषि अधिकारी संजय की शिकायत पर जांडलीखुर्द में पराली में आग लगाने पर एक किसान पर मामला दर्ज किया है। रतिया पुलिस ने कृषि अधिकारी महेंद्र व रजनी की शिकायत पर ढाणी कनाल व मुंशीवाली में किसानों द्वारा पराली में आग लगाने का मामला दर्ज किया है।
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मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स की स्थिति
सुबह साढ़े 4 बजे : 252
सुबह साढ़े 5 बजे : 225
सुबह साढ़े 8 बजे : 288
सुबह साढ़े 10 बजे : 320
दोपहर साढ़े 3 बजे : 310
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एयर क्वालिटी में प्रदूषण की मात्रा
पीएम 10 : 275
पीएम 2.5 : 125
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क्या है पीएम 2.5 व पीएम 10
पर्टिकुलेट मैटर यानि पीएम-10 ये वो कण हैं, जिनका व्यास 10 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होता है। ये कण हवा में आक्सीजन को प्रभावित करते हैं। जब इन कणों का स्तर वायु में बढ़ जाता है, तो सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन इत्यादि समस्याएं होने लगती है। पीएम-10 के स्तर का बढऩे का कारण आंधी के अलावा आगजनी, फैक्टरियों से निकलने वाला धुआं इत्यादि भी होता है।
:::पीएम 2.5::::
वे छोटे कण जिनका व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या कम होता है। यह कण ठोस या तरल रूप में वातावरण में होते हैं। इसमें धूल, गर्द और धातु के सूक्ष्म कण शामिल हैं।
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एयर क्वालिटी कहां तक ठीक
एयर क्वालिटी कैसी है
1-100 अच्छी
100-200 ठीक-ठाक
200- 300 खराब
300-400 बहुत खराब
400- 500 खतरनाक
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अब जरा आंकड़ों पर डालें नजर
किसानों के खिलाफ दर्ज मामले : 80
जिले में पराली जलाने की मिली लोकेशन : 160
मंगलवार को किसानों पर दर्ज हुआ मामला : 8
जिले में कहां अधिक जल रही पराली : रतिया, टोहाना व जाखल।
पिछले साल कितने किसानों पर दर्ज हुआ था मामला : 481
पराली में आगजनी को रोकने के लिए कितने कर्मचारियों लगाई ड्यूटी: 700
जिले में कितने किसानों को किया गया गिरफ्तार : 0
कितने के खिलाफ लगाया जुर्माना : 0
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पराली में आग लगाने पर क्या है जुर्माना
-दो एकड़ तक 2500 रुपये।
-दो से पांच एकड़ तक पांच हजार रुपये।
-पांच से अधिक एकड़ भूमि के लिए 15 हजार रुपये।
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पिछले साल की अपेक्षा इस बार कम पराली जली हैं। वहीं कृषि अधिकारी खेतों में जाकर किसानों को समझा रहे है। वहीं जिला प्रशासन की तरफ से किसानों को पराली प्रबंधन के लिए यंत्र भी उपलब्ध करवाए गए है। इसलिए सभी किसानों से अपील है कि वो पराली में आग ना लगाए।
डा. नरहरि सिंह बांगड़,
उपायुक्त, फतेहाबाद।