वित्त विकास निगम दे रहा है अनुसूचित जाति के परिवारों को आर्थिक सहायता
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : हरियाणा अनुसूचित जाति एवं वित्त विकास निगम द्वारा राज्य के अनुसू
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : हरियाणा अनुसूचित जाति एवं वित्त विकास निगम द्वारा राज्य के अनुसूचित जाति के सदस्यों के आर्थिक विकास के लिए अनेक योजनाएं लागू की है। अनुसूचित जाति से संबंधित या सफाई कर्मचारी है और स्वयं रोजगार शुरू करना चाहते है उनके लिए हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम आर्थिक सहायता प्रदान करता है।
यह जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम अनुसूचित जाति के उन परिवारों को जिनकी वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्र में 49 हजार रूपए तथा शहरी क्षेत्रों में 60 हजार रूपए से अधिक न हो तथा जिनके नाम बीपीएल सर्वे सूचि में हो, ऐसे परिवार के लोगों को विभिन्न आय उपार्जन योजना के लिए 1 लाख 50 हजार रुपये की वित्तिय सहायता बैकों के माध्यम से उपलब्ध करवाता है। इस योजना के अधीन निगम द्वारा कुल योजना लागत का 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में, 10 प्रतिशत मार्जिन मनी के रूप में तथा शेष राशि बैंक के माध्यम से दिलवाई जाती है। उन्होंने बताया कि मार्जिन मनी 4 प्रतिशत वार्षिक दर पर दी जाती है, जिसकी वसूली साढे 5 वर्ष में छ: माही बराबर किस्तों में की जाती है। पहले छह मास में केवल ब्याज की वसूली की जा रही है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के सहयोग से चलाई जा रही योजनाओं के अंतर्गत अनुसूचित जाति के उन परिवारों को जिनकी वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्रों में 98 हजार रुपये तथा शहरी क्षेत्रों में 1 लाख 20 हजार रुपये है उनकों आय उपार्जन के लिए 30 लाख रूपए तक के ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। इस योजना के तहत अनुदान राशि भी दी जाती है। इस योजना के तहत ऋण की वसूली 3 से 10 वर्षो में योजना की प्रकृति के अनुसार मासिक, त्रैमासिक और छमाही किस्तों में की जाती है। निगम द्वारा वर्ष 2017-18 के दौरान 8 हजार अनुसूचित जाति के परिवारों को विभिन्न आय उपार्जन योजनाओं के तहत 81 करोड़ रूपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाएगा। जिसमें 7 करोड़ 95 लाख रुपये की अनुदान राशि शामिल है। उन्होंने बताया कि सितंबर माह तक 1688 व्यक्तियों को विभिन्न आय उपार्जन योजनाओं के तहत 10 करोड़ 69 लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई गई है। जिनमें से 1 करोड़ 11 लाख रुपये अनुदान के रूप में दिए गए है।