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भूमि के मालिकाना हक को लेकर किसानों ने कैबिनेट मंत्री बबली के आवास पर शुरू किया धरना, आज आएंगे चढ़ूनी

संवाद सहयोगी टोहाना भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी ग्रुप ने वीरवार को अपनी मांगों को लेकर

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Aug 2022 11:25 PM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2022 11:25 PM (IST)
भूमि के मालिकाना हक को लेकर किसानों ने कैबिनेट मंत्री बबली के आवास पर शुरू किया धरना, आज आएंगे चढ़ूनी

संवाद सहयोगी, टोहाना : भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी ग्रुप ने वीरवार को अपनी मांगों को लेकर कैबिनेट मंत्री देवेंद्र सिंह बबली के आवास पर दो दिवसीय धरना शुरु किया। जिसमें उन्होंने हरियाणा सरकार से शामलात देह व जुमला मुस्तरका मालकान भूमि का मालिकाना हक काश्तकार व काबिज काश्तकारों को देने की मांग उठाई। धरने का नेतृत्व कर रहे सुमन हुड्डा, जगदीश पारता, रमेश डांगरा, सूरजा नेहरा, ज्ञान भोडी, महेंद्र पारता आदि ने बताया कि शुक्रवार को इस धरने पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी पहुंचेंगे और किसानों के संघर्ष में शामिल होंगे। धरने के मुद्दे को लेकर बात करते हुए किसान नेताओं ने बताया कि शामलात देह व जुगला मुस्तरका मालकान भूमि के मालिकाना हक काश्तकार किसानों से वापिस लेकर पंचायत को देने के संबंध में हरियाणा सरकार का पत्र सभी जिला उपायुक्तों को जारी हो चुका है,जिसके अनुसार सभी शामलात देह, शामलात देह हम रसद और खेवट व शामलाट देह हसद रसद पैमाना मलकियत व जुमला मुस्तरका मालकान की सभी जमीनों की मालिकाना हक काश्तकार किसानों से वापिस लेकर पंचायत व नगरपालिकाओं के नाम कि या जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश की कुछ तहसीलों में ऐसी उक्त जमीनों के इंतकाल तोड़कर पंचायतों के नाम किए भी गए है और प्रशासन ने काबिज काश्तकारों को जमीन खाली करने के नोटिस भेजने भी शुरू कर दिए है जोकि गलत है जबकि माल रिकार्ड के अनुसार किसान इन जमीनों पर पीढिय़ों से कास्त कर रहे है और देह शामलात की जमीन पर आजादी से पहले भी किसानों का पूरा मालिकाना हक था व किसान इन जमीनों को खरीद बेच सकते थे। किसान नेताओं ने कहा कि गिरदावरी भी कई पीढिय़ों से किसानों के नाम है और जुमला मालकान भूमि जमीन इस्तेमाल के समय किसानों की मालकियत जमीन में से कट लगाकर गांव के सांझे काम के लिए ली गई थी जिसका किसी किसान को कोई भी कीमत व मुआवजा नहीं दिया गया। किसान नेताओं सुमन हुड्डा, जगदीश पारता, रमेश डांगरा, सूरजा नेहरा, ज्ञान भोडी, महेंद्र पारता ने बताया कि यह किसानों ने अपने सांझे कार्य के लिए रखी हुई थी और 1992 में सरकार ने पंजाब विलेज कोमन लैंड रेगुलेशन एक्ट 1961 में संशोधन कर जुमला मुस्तरका मालकान जमीनों को पंचायती जमीन करार दे दिया था । इसके उपरांत सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की और अब सरकार ने पहले रेवेन्यू सलेमेंट के अनुसार सभी मुस्तरका मालकान व शामलात देह की सभी तरह की जमीनों को पंचायतदेह में तब्दील करने का आदेश दे दिया है, जोकि न्याय संगत नहीं है, जिससे उक्त शामलाल देह व जुमला मुस्तरका मालकान जमीनों पर पीढिय़ों से काश्त कर रहे किसान बेदखल हो जाएंगे व उनकी भूमि उनसे छिन जाएगी। किसानों द्वारा दिये गये धरने के संदर्भ में जिला भर की पुलिस कैबिनेट मंत्री के आवास के इर्द गिर्द तैनात हो गई है।

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