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गेहूं के फाने जलाने से बाज नहीं आ रहे धरतीपुत्र

सरकार द्वारा खेतों में फसली अवशेष जलाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। अवशेष जलाने वाले किसानों पर जुर्माना व सजा का भी प्रावधान है लेकिन इसके बावजूद क्षेत्र में किसान इन दिनों खेतों में गेहूं के फाने जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। बृहस्पतिवार को क्षेत्र में कुलां-टोहाना मार्ग के साथ लगते खेतों में कुछ किसानों द्वारा फानों में आग लगा दी गईं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 07:39 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 07:39 AM (IST)
गेहूं के फाने जलाने से बाज नहीं आ रहे धरतीपुत्र
गेहूं के फाने जलाने से बाज नहीं आ रहे धरतीपुत्र

संवाद सूत्र, कुलां :

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सरकार द्वारा खेतों में फसली अवशेष जलाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। अवशेष जलाने वाले किसानों पर जुर्माना व सजा का भी प्रावधान है, लेकिन इसके बावजूद क्षेत्र में किसान इन दिनों खेतों में गेहूं के फाने जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। बृहस्पतिवार को क्षेत्र में कुलां-टोहाना मार्ग के साथ लगते खेतों में कुछ किसानों द्वारा फानों में आग लगा दी गईं। जिससे आग फैलकर सड़क किनारे झाड़ियों तक पहुंच गई। इससे मुख्य मार्ग पर धुआं फैलने से वाहन चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। यहां तक कि सड़क पर धुआं फैलने से दृश्यता कम होने से आमने सामने दो बाइकों की टक्कर हो गईं। जिससे बाइक सवार एक बच्चा घायल भी हो गया। इन दिनों क्षेत्र में गेहूं कटाई का कार्य मुकम्मल हो चुका है। अधिकतर किसानों ने इस बार गेहूं कटाई कंबाइन से कराई है अथवा तत्पश्चात रिपर से तूड़ा भी बनवाया है। इसके बाद खेत में बहुत कम अवशेष बचते हैं। धरतीपुत्र खेतों को शीघ्र खाली करने के फेर में अवशेषों को अग्नि की भेंट चढा़ रहे हैं।

बृहस्पतिवार को कुलां-टोहाना मार्ग पर के समीप सड़क के साथ लगते कुछ किसानों ने फानों में आग लगाई। इससे आग फैलने से सड़क किनारे झाड़ियों में पहुंच गई अथवा रोड पर धुएं का गुब्बार छा गया। इससे सड़क किनारे लगे कुछ पेड़ भी झुलस गए। पेड़ों में पक्षियों के घोंसले होते हैं। इस तरह से आग लगाने से पक्षियों के घोंसले भी जल गए।

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खेतों में फसली अवशेष जलाने पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाया हुआ है। यदि कोई किसान अवशेष जलाता हुआ मिलता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किसान ये न सोचे कि उन्हें कोई देख नहीं रहा है, बल्कि सरकार सैटेलाइट के माध्यम से नजर रख रही है।,

मुकेश महला, एसडीओ, कृषि विभाग टोहाना


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