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दैनिक जागरण की कृषि पाठशाला में किसानों ने पराली न जलाने की ली शपथ

गांव बरसीन में दैनिक जागरण व प्रशासन की तरफ से कार्यशाला क

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 06:12 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 06:12 PM (IST)
दैनिक जागरण की कृषि पाठशाला में किसानों ने पराली न जलाने की ली शपथ

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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गांव बरसीन में दैनिक जागरण व प्रशासन की तरफ से कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर किसानों को डेमो दिखाकर किसानों को पराली प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। बरसीन गांव के सरपंच रोशनलाल कंबोज पराली प्रबंधन को लेकर किसानों के लिए नजीर बने हैं। दैनिक जागरण के अभियान पराली नहीं जलाएंगे , पर्यावरण को बचाएंगे के तहत वह पराली का समुचित प्रबंधन करके पर्यावरण संरक्षण मे अहम भूमिका दे रहे हैं। सरपंच रोशनलाल की अनूठी पहल को देखते हुए उपायुक्त जयकिशन आभीर ने उनका हौसला बढ़ाने के लिए स्वयं खेत मे जाकर इस कार्य की सराहना की। सरपंच रोशनलाल ने धान कटाई के बाद लगभग 40 एकड़ के खेत मे पराली को जलाने की बजाय स्ट्रा बेलर से गांठें बनवाकर स्वयं के ट्रैक्टर ट्राली से नंदीशाला मे पहुंचा रहे हैं। यह सिलसिला पिछले दो तीन सालों से जारी है। इससे पहले खेत मे जुताई करके पराली के अवशेषों को जमीन के अंदर मिलाते थे। वह थोड़ा कठिन कार्य था लेकिन स्ट्रा बेलर आने के बाद यह थोड़ा आसान हो गया है। इसके इलावा सरपंच रोशनलाल बरसीन लोगों को भी पराली नहीं जलाने को लेकर जागरूक कर रहे हैं।

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ऐसा पैसा किस काम का जो स्वास्थ्य खराब करे : रोशनलाल कंबोज

सरपंच रोशनलाल का कहना है की प्रति एकड़ में 70 हजार रुपयों की धान फसल होती है। अगर दो ढाई हजार रुपये पराली के प्रबंधन करने मे लग जाए तो यह कोई बड़ा खर्चा नहीं है। क्योंकि नरमा या ग्वार की फसल वाले किसान भी कम आमदनी से संतुष्टि करते है तो हम पराली जलाकर साफ सुथरे वातावरण को प्रदूषित क्यों करे।

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पराली जलाकर बचाया पैसा बीमारी पर होता है खर्च : उपायुक्त

सरपंच रोशनलाल कंबोज के खेत मे उपायुक्त जयकिशन आभीर ने कहा की कुछ किसान नासमझी के कारण पराली को आग लगाकर सोच रहे हैं। उन्होंने दैनिक जागरण का भी आभार जताया और कहा कि समाचार पत्र होने के बावजूद अच्छा प्रयास कर रहा है। उपायुक्त ने कहा कि पराली जलाने से होने वाले धुएं से दमा , खांसी व अन्य बीमारिया होने के कारण यह पैसा हम डाक्टरों द्वारा महंगे ईलाज के ऊपर खर्च कर देते हैं।

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पशुओं के लिए है खनिज मिश्रण से कम नहीं है पराली : विक्रम चौधरी

इस दौरान उपायुक्त के साथ पशु चिकित्सक डाक्टर विक्रम चौधरी भी मौजूद रहे। उन्होंने किसानों को पराली के उपयोग के बारे मे वहां पर मौजूद पशुपालकों को कहा की कुछ लोगों मे पराली को लेकर भ्रांति फैली हुई है की पराली पशुओं के लिए हानिकारक है। ऐसा कुछ नहीं है पराली को बारीक करके इसे चारे मे भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह किसी खनिज मिश्रण से कम नहीं है। ऐसा करने से पशुओं को चारा भी मिलेगा और पराली के निदान के साथ हमारा पर्यावरण भी संरक्षित रहेगा।

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ये रहे मौजूद

इस अवसर पर सरपंच रोशनलाल कंबोज, गुरदयाल कंबोज, साहिल जोसन, सूरज कंबोज, पशु चिकित्सक डा. विक्रम चौधरी, अनिल बिश्नोई, बूटा ¨सह, मनदीप, लीलूराम, छोटूराम खिचड़, सुरेन्द्र, जगसीर, कुलदीप, सोनू आदि मौजूद थे।


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