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मूंग, अरहर, अरंड और मूंगफली की खेती करने वाले किसानों को मिलेगी सहायता

्रदेश सरकार द्वारा राज्य में दलहनी व तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में प्रमुख बाजरा उत्पादक जिलों में मूंग अरहर अरंड व मूंगफली की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ चार हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Jun 2021 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 25 Jun 2021 07:00 AM (IST)
मूंग, अरहर, अरंड और मूंगफली की खेती करने वाले किसानों को मिलेगी सहायता
मूंग, अरहर, अरंड और मूंगफली की खेती करने वाले किसानों को मिलेगी सहायता

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में दलहनी व तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में प्रमुख बाजरा उत्पादक जिलों में मूंग, अरहर, अरंड व मूंगफली की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ चार हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं।

प्रदेश के सभी जिलों (विशेषकर प्रमुख बाजरा उत्पादक जिलों में) दलहनी (मूंग, अरहर) व तिलहनी (अरंड, मूंगफली) फसलों की काश्त करने वाले किसानों को खरीफ 2021 के दौरान 4 हजार रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता दी जाएगी। किसानों को अपने खेतों में बाजरा की फसल के स्थान पर दलहनी व तिलहनी फसलों को लगाने के अनेक लाभ हैं। दलहनी फसलों से एक ओर जहां भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है वहीं दूसरी तरफ तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने से खाद्य तेल की उपलब्धता सुनिश्चित होती है। किसानों को दलहनी व तिलहनी फसलों की अधिक पैदावार लेने के लिए बीज का उपचार अवश्य करना चाहिए।

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करवाना होगा पंजीकरण

वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा। पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2021 निर्धारित की गई है। संबंधित किसान उपरोक्त विषय के संदर्भ में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए किसी भी कार्य दिवस को कृषि विभाग के कार्यालय एवं संबंधित कृषि विकास अधिकारी से संपर्क स्थापित कर सकते हैं।

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फसल विविधीकरण के लिए ये सही मौका है। इसलिए किसान दलहनी फसलों पर भी विशेष ध्यान दे। अगर ऐसा करेंगे तो फसलें भी अच्छी होंगी और भूमि की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी।

डा. राजेश सिहाग, उपकृषि निदेशक फतेहाबाद।


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