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सरसों की ऑनलाइन बोली के लिए बढ़ाई तिथि, साइट न चलने के कारण किसान हुए परेशान

जागरण संवाददाता फतेहाबाद सरसों की सरकारी बोली शुरू होने के बाद किसानों को भी उम्

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Apr 2019 11:38 PM (IST)Updated: Sun, 07 Apr 2019 06:40 AM (IST)
सरसों की ऑनलाइन बोली के लिए बढ़ाई तिथि, साइट न चलने के कारण किसान हुए परेशान
सरसों की ऑनलाइन बोली के लिए बढ़ाई तिथि, साइट न चलने के कारण किसान हुए परेशान

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद:

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सरसों की सरकारी बोली शुरू होने के बाद किसानों को भी उम्मीद बढ़ गई है कि उनकी फसल का अच्छा रेट मिलेगा। एक दिन पूर्व ही सरसों फसल की ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने की तिथि 11 अप्रैल तक बढ़ा दी थी। शनिवार को किसानों को उम्मीद जगी कि वे अपनी फसल का रजिस्ट्रेशन करवा लेगे, ताकि अच्छा भाव मिले। किसान सेवा केंद्र में 150 के करीब किसान पहुंचे। लेकिन ऑनलाइन सेवा केंद्र में साइट बंद होने के कारण किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ा। किसानों का कहना था कि फसली सीजन होने के कारण उनके पास समय तक नहीं है। वही उन्हें परेशान किया जा रहा है।

जिस किसान ने सरसों की फसल का रजिस्ट्रेशन किया हुआ है उसकी सरसों 4200 रुपये प्रति क्विटल के हिसाब से खरीदी जा रही है। लेकिन दूसरे किसानों की सरसों 3500 रुपये प्रति क्विटल के हिसाब से बिक रही है। किसानों ने सरकार से मांग की थी कि रजिस्ट्रेशन फिर से शुरू किए जाए।

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11 अप्रैल तक बढ़ाई तिथि

पहले 28 मार्च तक जिन किसानों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया था उसकी फसल की बोली हो रही थी। यही कारण था कि अनेक किसानों ने सरकार से मांग की थी कि इसकी तिथि बढ़ाई जाए। यहीं कारण था कि अब 11 अप्रैल तक सरसों खरीद ऑनलाइन करने की तिथि बढ़ा दी है।

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शनिवार को पहुंचे 150 किसान

अनाजमंडी में स्थित किसान ग्राहक सेवा केंद्र में शनिवार सुबह करीब 150 किसान पहुंच गए। लेकिन साइट न चलने के कारण किसान परेशान हुए। वहां पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि साइट कुछ समय बाद शुरू हो जाएगी। लेकिन दोपहर तक भी ऑनलाइन सेवा शुरू न होने पर किसान वापस चले गए। किसानों ने रोष भी जताया कि किसानों के साथ मजाक किया जा रहा है।

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किसानों का बना दिया मजाक

किसान सेवा केंद्र में पहुंचे रामफल, सुरेश, दिलबाग सिंह, महेश कुमार, सुरेश, हेतराम ने बताया कि सरकार पहले भी सरसों की खरीद थी। अब दोहरे मापदंड अपना लिए है। अगर किसान पढ़े लिखे होते तो वो भी व्यापारियों की जगह होते। सरकार को एक ही रेट रखना चाहिए। कुछ किसान 3500 रुपये प्रति क्विटल के हिसाब से सरसों बेच रहे है तो कुछ की 4200 रुपये प्रति क्विटल। ऑनलाइन का फंडा ही खत्म करना चाहिए। किसानों को सरकार बर्बाद करने पर तुली हुई है। अब फसली सीजन है। किसानों पास समय तक नहीं है। अब रविवार को ग्राहक सेवा केंद्र बंद रहेगा तो वो कैसे ऑनलाइन अपनी फसल करवाएं। उनकी सरसों की फसल खेतों में पड़ी हुई है वहीं मौसम भी खराब है। जब तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं होगा तब तक उनकी फसल नहीं बिकेगी।

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सरकार ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की तिथि खत्म करने के बाद साइट से ऑपशन ही हटा दिया था। सरकार ने घोषणा तो कर दी है लेकिन साइट न चलने के कारण किसान परेशान दिखे। दोपहर बाद साइट चलने की उम्मीद थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पीछे से दिक्कत आने के कारण यह समस्या पैदा आ रही है।

::रमेश कुमार

इंचार्ज किसान ग्राहक सेवा केंद्र फतेहाबाद।


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