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पात्र लोगों को दिलवाया जाए प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना का लाभ : उपायुक्त

फतेहाबाद (विज्ञप्ति) प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना की जिला स्तरीय बैठक उपायुक्त महावीर कौशिक की अध्यक्षता में हुई। बैठक में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) बारे विस्तार से चर्चा की गई और संबंधित विभाग को दिए निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए गहनता से विचार विमर्श किया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Jul 2021 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 08 Jul 2021 07:00 AM (IST)
पात्र लोगों को दिलवाया जाए प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना का लाभ : उपायुक्त
पात्र लोगों को दिलवाया जाए प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना का लाभ : उपायुक्त

फतेहाबाद (विज्ञप्ति) : प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना की जिला स्तरीय बैठक उपायुक्त महावीर कौशिक की अध्यक्षता में हुई। बैठक में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) बारे विस्तार से चर्चा की गई और संबंधित विभाग को दिए निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए गहनता से विचार विमर्श किया गया।

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उपायुक्त महावीर कौशिक ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना को एक महत्वाकांक्षी योजना बताते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत लागू की गई योजना है। इस योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को दिलवाया जाए। उपायुक्त ने पीएमएफएमई योजना के लाभपात्र व्यक्तियों को प्राथमिकता के आधार पर ऋणी उपलब्ध करवाने के साथ-साथ लोगों को इस बारे जागरूक करने के निर्देश भी दिए। उपायुक्त ने कहा कि योजना के अंतर्गत अधिकतम 10 लाख रुपये तक का अनुदान सहायता के रूप में परियोजना के लिए प्रदान किया जाता है, जिसमें 35 प्रतिशत सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। खाद्य प्रसंस्करण में नये सूक्ष्म उद्यम स्थापित करने एवं बढ़ावा देने के लिए जिला में वन-डिस्ट्रीक्ट-वन-उत्पाद के तहत सिट्रस (खट्टे फलों) उत्पाद का चयन किया गया है। इसके अलावा असंगठित क्षेत्र में भी विभिन्न प्रकार के प्रसंस्करण में काम कर रहे सूक्ष्म उद्यम भी लाभ लेने के पात्र हैं। उन्होंने योजना से संबंधित कृषि, बागवानी, उद्यम, डेयरी, मत्स्य आदि विभागों को पीएमएफएमई योजना के लिए आवेदन आमंत्रित करने का लक्ष्य दिया और इसका निर्धारित अवधि में पूरा करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।

इस दौरान एमएसएमई केंद्र के सहायक निदेशक गुरप्रताप सिंह, डीडीए डा. राजेश सिहाग, डीएचओ डा. कुलदीप श्योराण, डीएफओ संदीप बेनीवाल, एलडीएम उमाकांत चौधरी आदि अधिकारी मौजूद रहे।


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