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दर्जनों पंचायतों को नहीं मिली ग्रांट, विकास कार्य रूके

संवाद सूत्र, समैन : गांवों में इस बार पढ़ी लिखी पंचायत चुनी गई। लोगों ने समझा कि इस बार विकास

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Dec 2017 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 03 Dec 2017 03:00 AM (IST)
दर्जनों पंचायतों को नहीं मिली ग्रांट, विकास कार्य रूके

संवाद सूत्र, समैन : गांवों में इस बार पढ़ी लिखी पंचायत चुनी गई। लोगों ने समझा कि इस बार विकास भी अधिक होगा। लेकिन टोहाना खंड की एक दर्जन ऐसी पंचायतें जिनको केवल कुछ ही ग्रांट मिली है। रुपये न होने के कारण इन गांवों में विकास कार्यों पर ब्रेक लग गया है। इन गांवों के सरपंच विरोध भी जता चुके है। इसके अलावा उच्चाधिकारियों का ज्ञापन भी दे चुके है कि उनके गांव के लिए ग्रांट जारी की जाए। लेकिन ऐसा अभी तक कुछ नहीं हुआ है। इन गांवों के सरपंचों को केवल आश्वासन ही मिल रहा है।

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--विरोध के बावजूद भी नहीं मिली ग्रांट

ऐसा नहीं है कि अपने-अपने गांव के विकास कार्यों को लेकर सरपंच संजीदा नहीं है। गांव में अपना रूतबा-रसूख रखने के लिए हरियाणा सरपंच एसोसिएशन 3 महीने पहले प्रदेश के पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ से झज्जर में मुलाकात कर अपनी आवाज बुलंद कर चुकी है। इसके अलावा गत दो महीने पहले प्रदेश के सभी सरपंच मिलकर भिवानी में रैली भी कर चुके है। सरपंचों का कहना है कि उन्हें इस विरोध के बावजूद विकास कार्यों के लिए ग्रांट नहीं मिली है।

--स्वयं के फंड से चल रहे है गांव में छोटे काम

गांव पारता के सरपंच पवन मेहला ने कहा कि उन्हें राज्य सरकार से बहुत सारी उम्मीदें थी। इसी उम्मीद के मुताबिक उन्होंने चुनावों में ग्रामीणों से कई वादे भी किए लेकिन उन्हें अभी तक राज्य सरकार की ओर से कोई भी पैसा नहीं मिला है। उन्हें निराशा इस बात कि है कि अब वह ग्रामीणों से किए वादों को कैसे पूरा करेंगे। ग्राम पंचायत अपने फंड से ही गांव में कार्य करवा रही है।

गांव नांगला के सरपंच प्रतिनिधि तरसेम ¨सह ने कहा कि अभी तक गांव के विकास कार्य के लिए उनके पास कोई भी ग्रांट आई है। गाजूवाला के सरपंच विजय हरिपाल ने बताया

कि गत वर्ष जिला पंचायत विकास अधिकारी ने जीपीडीपी (ग्राम पंचायत डवलपमेंट प्लान) के तहत गांव के विकास कार्यों से जुड़े प्रस्ताव मांगे थे। लेकिन अभी तक उन्हें इन

विकास कार्यों के लिए किसी भी तरह का कोई भी पैसा नहीं मिला है। गांव पिरथला के सरपंच प्रतिनिधि डा. दलबीर ¨सह ने कहा कि प्रदेश सरकार के विधायक या सांसद के कोटे से उन्हें अभी तक कुछ नहीं मिला है। छोटी-मोटी ग्रांट केन्द्र सरकार की ओर मिलती रहती है। जिससे वह गांव के विकास कार्यों को आगे बढ़ा रहे है। गांव ठरवी के सरपंच रामफल ने बताया कि उनकी पंचायत के पास तो पचास हजार रुपये भी नहीं है। ग्राम पंचायत के पास स्वयं का कोई बड़ा फंड जुटाने का स्त्रोत नहीं है।

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जिला परिषद चेयरमैन भी आरोप लगा छोड़ चुके है पार्टी

राज्य सरकार की ओर से गांवों के विकास कार्यों के लिए पैसा न मिलने के कारण जिप परिषद चेयरमैन प्रतिनिधि कृष्ण नांगली भाजपा पार्टी को छोड़ चुके है। कृष्ण नांगली ने प्रदेश सरकार सहित स्थानीय विधायक पर आरोप लगाते हुए कहा था कि राज्य सरकार ने उन्हें विकास कार्यों के लिए कोई पैसा नहीं दिया।

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सभी गांवों को दी गई है ग्रांट

जिला पंचायत एवं विकास अधिकारी राजेश खोथ ने सरपंचों को विकास कार्यों के लिए पैसा न मिलना बात झूठी है। 14वीं वित्त आयोग के तहत ग्राम पंचायतों को काफी पैसा दिया गया है। इसके लिए राज्य सरकार ने 4 तरह के नियम तय किए है। जिसके अनुसार यह पैसा दिया जाता है। राज्य वित्त आयोग के अलावा डी-प्लान के तहत ग्राम पंचायतों को खूब पैसा दिया गया है। अगर कोई पंचायत आरोप लगा रही है तो उसकी जांच की जाएगी।


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