Fatehabad News: एक कुत्ते को पकड़ने के लिए मांगे 1500 रुपये, नगर परिषद ने एजेंसी को रुपये कम करने के लिए लिखा पत्र
शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी को लेकर नगर परिषद ने एजेंसी से संपर्क किया है। एजेंसी ने एक कुत्ते को पकड़ने के लिए 1500 रुपये मांगे हैं। नगर परिषद ने एजेंसी को रुपये कम करने के पत्र लिखा है। पिछले कई दिनों से पशुपालन विभाग एस्टिमेट तैयार कर रहा था। वहीं कुत्तों के काटने के मामले हर दिन 10 से 15 आ रहे थे।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद। शहर की गलियों में घूमने वाले आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए नगरपरिषद ने टेंडर खोल दिया है। सिरसा की एजेंसी ने यह टेंडर लिया है। एजेंसी ने कहा कि एक कुत्ता पकड़ने के लिए 1500 रुपये लेगी। लेकिन रेट अधिक होने के कारण नगरपरिषद के अधिकारी अब एजेंसी को पत्र लिखेंगे कि रुपये कम करे। अगर ऐसा हो जाता है तो उम्मीद है कि आने वाले दिनों में शहरवासियों को आवारा कुत्तों से निजात मिल सकता है।
पिछले दिनों पशुपालन विभाग ने चर्चा करने के बाद नगर परिषद ने टेंडर लगाया था। ऐसे में नियम भी बनाए गए है। अगर एजेंसी इन नियमों का पालन नहीं करती है तो उसका टेंडर रद्द भी किया जा सकता है। इस टेंडर को लेने के लिए तीन एजेंसियां आई थी। ऐसे में दीप प्रदीप एजेंसी ने कम रेट भरा था ऐसे में यह टेंडर उसे अलाट कर दिया है, लेकिन राशि अधिक होने के कारण इस पर काम शुरू नहीं हो सकता है। ऐसे में अगले 10 दिनों तक शहरवासियों को इंतजार करना पड़ सकता है।
शहर की बात करें तो मॉडल टाउन में आवारा कुत्तों का झुंड घूम रहा है। ऐसे में महिलाओं व बच्चों पर हमला कर रहे है। यहीं कारण है कि पिछले कई दिनों से शिकायत आने के बाद ही नगर परिषद ने यह कदम उठाया है।
रैबीज के इंजेक्शन लगवाने आ रहे 10 से 15 लोग
जिले की बात करें तो आवारा कुत्तों के काटने के मामले बढ़ते जा रहे है। शहरवासियों के अलावा ग्रामीण भी परेशान है। नागरिक अस्पताल में हर दिन 10 से 15 लोग ऐसे आते है जो डॉग बाइट के कारण परेशान होते है। नागरिक अस्पताल में रैबीज का इंजेक्शन उपलब्ध है। अगर यह न हो तो लोगों को प्राइवेट मेडिकल से एक हजार से 1500 रुपये में खरीदना पड़ रहा है।
अगर इन आवारा कुत्तों को पकड़कर टीकाकरण हो गया तो इससे राहत मिलेगी। वर्ष 2015 में भी यह अभियान चलाया गया था। उम्मीद है कि इन कुत्तों का पकड़कर इनका टीकाकरण किया जाएगा। टीकाकरण का काम पशुपालन विभाग करेगा।
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एजेंसी को इन नियमों का करना होगा पालन
- एजेंसी को खुद ही डाक्टर का इंतजाम करना होगा।
- कुत्ते पकड़ने के बाद उनके बीमार होने से बचाव के लिए दवाइयां का प्रबंध करना होगा।
- ठेकेदार द्वारा रखे गए कर्मचारियों के साथ किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर खुद जिम्मेदार होंगे।
- जहां से कुत्ते पकड़े जाएंगे उन्हें वैक्सीन लगाने के बाद उसी जगह वापस छोड़ना होगा।
- कमेटी के आदेश के बाद ही रुपये का भुगतान किया जाएगा।
- कुत्तों के नसबंदी के बाद उन पर निशान यानी टैग आदि लगाने होंगे।
- कुत्तों को पकड़ने के लिए कर्मचारी चिपटा और तारों का प्रयोग नहीं करेगी।
जानवर में रेबीज होने पर लक्षण
- मुंह से लार टपकती रहती है और बेचैन रहता है।
- आमतौर पर लोगों को काटने दौड़ता है।
- जानवर को सांस लेने में दिक्कत होती है।
- ग्रस्त जानवर की दस दिन के अंदर मौत हो सकती है।
ऐसे करें उपचार
- काटे हुए जगह पर 10 से 15 मिनट तक लगाएं साबुन
- एंटी रेबीज वैक्सीन जरूर लगवाएं।
- घर पर उपचार कम और चिकित्सकों से सलाह अवश्य लें।
फतेहाबाद नगर परिषद के ईओ राजेंद्र सोनी ने कहा कि आवारा कुत्तों को पकड़ने का टेंडर खोल दिया गया है। एजेंसी ने 1500 रुपये दिया है। लेकिन यह राशि अधिक है। ऐसे में एजेंसी को पत्र लिखा गया है वे राशि कम करें। उम्मीद है कि एजेंसी द्वारा राशि कम करते ही वर्क ऑर्डर जारी कर दिया जाएगा।
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