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पटाखों के गोदाम पर लगे ताले, एनजीटी के आदेश पर हुई कार्रवाई

जिले में बढ़ते प्रदूषण के बीच आमजन के लिए राहत की बात यह है कि इस दीपावली पर आतिशबाजी नहीं होगी। इससे प्रदूषण का बढ़ा हुआ ग्राफ कुछ कम होगा। मंगलवार शाम को प्रशासन के दिशा-निर्देशानुसार पुलिस ने भट्टू रोड पर बने पटाखों के गोदाम बंद करवा दिए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 07:17 AM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 07:17 AM (IST)
पटाखों के गोदाम पर लगे ताले, एनजीटी के आदेश पर हुई कार्रवाई
पटाखों के गोदाम पर लगे ताले, एनजीटी के आदेश पर हुई कार्रवाई

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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जिले में बढ़ते प्रदूषण के बीच आमजन के लिए राहत की बात यह है कि इस दीपावली पर आतिशबाजी नहीं होगी। इससे प्रदूषण का बढ़ा हुआ ग्राफ कुछ कम होगा। मंगलवार शाम को प्रशासन के दिशा-निर्देशानुसार पुलिस ने भट्टू रोड पर बने पटाखों के गोदाम बंद करवा दिए। अब ये पटाखों के गोदाम दीपावली के बाद ही खोले जाएंगे। पहले खोलेंगे तो इनके खिलाफ एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमानुसार जुर्माना का प्रावधान है। वहीं गोदाम संचालकों का आरोप है सरकार को पटाखों की बिक्री या बजाने पर रोक लगाने का फैसला पहले करना था। उन्होंने लाखों रुपये के पटाखे खरीद लिएए अब उन्हें परेशानी हुई है।

जिले में हर वर्ष दीपावली पर्व पर लोग 4 से 5 करोड़ रुपये के पटाखे लोग फूंक देते थे। इससे खतरनाक प्रदूषण बहुत अधिक बढ़ जाता था। जो पराली के बढ़े हुए प्रदूषण के साथ मिलकर आमजन का जीना मुश्किल कर देता है। ऐसे में इस बार दीपावली पर पटाखे नहीं बजाने से आमजन के रुपये बचेंगे वहीं प्रदूषण नहीं होगा। जिले में पटाखों के 14 गोदाम हैं। जिसमें से अकेले 5 फतेहाबाद में हैं जो अब बंद है।

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हर साल पटाखे बजाने से होते थे हादसे :

गत वर्ष ठाकर बस्ती निवासी अनूप पटाखे बजा रहा था। लेकिन इस दौरान उसके हाथ में ही पटाखा बज गया। उसे ठीक होने में 5 महीने लग गए। इसी तरह हंस कालोनी में आतिशबाजी से राजेंद्र के घर के पास बने छप्पर में आग लग गई। गनीमत ये रही कि बड़ा हादसा नहीं हुआ। वैसे हर साल पटाखे जलाने से झुलसने के अनेक मामले आते है। गत वर्ष स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 9 मामले आए। जिसमें 4 फतेहाबाद में थे। वहीं 2 टोहाना व 3 रतिया में थे। ये वे मामले है जो इलाज के लिए नागरिक अस्पताल में आए। अनेक लोग निजी अस्पतालों में इंलाज करवा लेते हैं। जो बाद में रिकार्ड में नहीं आते।

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अब नहीं लगेंगी पटाखों की स्टॉल :

दीपावली पर्व प्रशासन हर साल पटाखों की स्टाल लगाने के लिए ड्रा निकालते है। इस बार भी आवेदन मांगे गए थे। लेकिन मंगलवार को ड्रा निकालने थे। इसी बीच एनजीटी के आदेश आ गए। अब न तो जिले में कोई गोदाम खुला रहेगा न ही पटाखों के लिए स्टॉल लगाई जाएगी।

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बढ़ा हुआ प्रदूषण गोदाम संचालकों पर पड़ा भारी :

एनजीटी ने आदेश दिया था कि एनसीआर में पटाखे बिल्कुल बंद रहेंगे। वहीं जिन जिलों में प्रदूषण का ग्राफ अधिक है। वहां पर दीपावली पर पटाखे नहीं बजाए जाएंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार व वहां के प्रशासन को जिम्मेदारी थी। बेशक फतेहाबाद जिला एनसीआर में नहीं है लेकिन फतेहाबाद जिले का प्रदूषण का ग्राफ 500 के करीब बना हुआ हैं। सोमवार को ग्राम एक बार तो 738 तक पहुंच गया। वहीं मंगलवार को प्रदूषण का अधिकतम स्तर 526 दर्ज किया गया। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि प्रदूषण का ग्राफ इतना नहीं होता तो पटाखे बजाने की छूट दी जा सकती थी। लेकिन अब स्थिति भयानक है। छूट किसी भी सूरत में नहीं दी जा सकती।

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दैनिक जागरण ने उठाया था आवासीय कालोनी में गोदाम चलने का मुद्दा :

दैनिक जागरण ने 10 नवंबर के अंक में 'आवासीय कालोनी में पटाखे के गोदाम, हादसे का बना डर' शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर मुद्दा उठाया था। इसके बाद एनजीटी के आदेश व दैनिक जागरण अभियान की खबर पर संज्ञान लेते हुए भट्टू रोड पर आवासीय कालोनी में चल रहे पटाखों के गोदाम बंद करवा दिए। इतना ही नहीं स्टाल के लिए होने वाला ड्रा भी स्थगित कर दिया।

----------------------------- एनजीटी के आदेश हैं कि जहां पर प्रदूषण का ग्राफ अधिक है वहां पर दीपावली पर बजाने वाले पटाखों पर पूर्णत रोक रहे। अपने जिले में धान के अवशेष जलने के कारण प्रदूषण का ग्राफ बहुत अधिक बढ़ा हुआ है। ऐसे में दीपावली पर पटाखे बजाने से बहुत अधिक खतरनाक स्तर पर ग्राफ पहुंच जाएगा। ऐसे में एनजीटी के आदेशानुसार गोदामों को बंद करवा दिया है। हालांकि अभी तक सरकारी पत्र नहीं मिला है।

- कुलभूषण बंसल, एसडीएम। -------------------

::::::पटाखे न बजाने की अपील::::

दीपावली पूर्व पर मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ऐसे में हमारे पूर्वज पहले घी के दीप जलाते थे। मां लक्ष्मी की विशेष पूजा- अर्चना के साथ राम दरबार भी स्थापित किया जाता था। अब पटाखे बजाकर लोग प्रदूषण फैलाते है। जो गलत है। ऐसे में अब प्रशासन का निर्णय बेहद सहरानीय है। पटाखे न जलाने से प्रदूषण कम होगा।

- डिपी जैन, गृहणी, टोहाना

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पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण का ग्राफ लगातार बढ़ा हुआ है। सुबह व शाम को तो स्मॉग के चलते आंखों में जलन आम बात हो गई। अब एनजीटी के आदेश से बड़ी राहत मिली है। अन्यथा कुछ लोग सारी रात पटाखे बजाकर प्रदूषण फैलाकर बुरा हाल कर देते है। दीपावली पर्व पर भगवान राम की पूजा करते हुए मनाना चाहिए। इससे हमारे जीवन में बड़ा बदलाव आता है।

- रितू शर्मा, छात्रा, बीघड़ रोड।


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