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बाढ़ संभावित क्षेत्रों का किया निरीक्षण, जांचीं व्यवस्थाएं

मानसून सिर पर है। ऐसे में जिला अधिकारी भी सकते में है। पिछले 11 सालों से बाढ़ तो नहीं आई लेकिन इंतजाम हर साल करने पड़ते है। सबसे अधिक खतरा रतिया व जाखल में रहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला उपायुक्त महावीर कौशिक ने अधिकारियों की टीम के साथ बाढ़ संभावित क्षेत्रों का दौरा कर निरीक्षण किया। उन्होंने चिम्मो रेस्ट हाउस टोहाना में बलियाला रेस्ट हाउस में अधिकारियों की बैठक लेकर बाढ़ से बचाव को लेकर किए गए प्रबंधों की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उपायुक्त ने 25 जून तक बाढ़ बचाव तथा जलजमाव की निकासी से संबंधित कार्यों को पूरा करने के भी निर्देश दिए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 07:01 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 07:01 AM (IST)
बाढ़ संभावित क्षेत्रों का किया निरीक्षण, जांचीं व्यवस्थाएं

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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मानसून सिर पर है। ऐसे में जिला अधिकारी भी सकते में है। पिछले 11 सालों से बाढ़ तो नहीं आई लेकिन इंतजाम हर साल करने पड़ते है। सबसे अधिक खतरा रतिया व जाखल में रहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला उपायुक्त महावीर कौशिक ने अधिकारियों की टीम के साथ बाढ़ संभावित क्षेत्रों का दौरा कर निरीक्षण किया। उन्होंने चिम्मो रेस्ट हाउस, टोहाना में बलियाला रेस्ट हाउस में अधिकारियों की बैठक लेकर बाढ़ से बचाव को लेकर किए गए प्रबंधों की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उपायुक्त ने 25 जून तक बाढ़ बचाव तथा जलजमाव की निकासी से संबंधित कार्यों को पूरा करने के भी निर्देश दिए।

उपायुक्त ने कहा कि जिले में मानसून के दस्तक देने के साथ ही प्रशासन द्वारा बाढ़ राहत को लेकर सभी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। जिले में बाढ़ का पानी किसी प्रकार का नुकसान ना पहुंचाए, इसके लिए प्रशासन ने संबंधित विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटियां लगाकर उन्हें अलर्ट कर दिया है, वहीं जिले में उपलब्ध संसाधनों को भी तैयारी पर रखा गया है। बाढ़ राहत के लिए लघु सचिवालय, रतिया तथा टोहाना में कुल 5 कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। जिले की फतेहाबाद, रतिया, कुलां, जाखल व टोहाना तहसील के कुल 114 गांव ऐसे हैं, जहां बाढ़ आने का खतरा रहता है। उक्त सभी गांवों की पंचायतों को भी जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा पिछले 3 सालों में बाढ़ राहत को सरकार व प्रशासन द्वारा काफी नए निर्माण भी किए गए हैं ताकि खतरे वाले इलाके के लोगों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो।

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ये करवाया गया है कार्य

-गांव साधनवास में पाइपलाइन ड्रेन का निर्माण।

-सिधानी गांव के खेतों में बाढ़ के पानी को रोकने के लिए 10 बोरवेल।

-रंगोई के साथ-साथ पक्की दीवार का निर्माण पूरा।

-पानी निकालने के लिए रंगोई नाले में विभिन्न स्थानों पर 10 आउटलेट।

-नथूवाल, ढेर, हिडालवाला, कानाखेड़ा, म्योंद, रत्ताथेह, दिवाना, लधुवास, मारथला, सिधानी गांव में पाइपलाइन ड्रेन का निर्माण।

-बरेटा ड्रेन पर पुलिस का निर्माण कार्य।

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रंगोई नाले की बढ़ाई गई क्षमता

रंगोई नालों की क्षमता भी बढ़ाई गई है। रंगोई नाले की क्षमता 7 हजार से 8500 क्यूसिक बढ़ाई गई है। इसके अलावा रंगोई खरीफ चैनल की क्षमता 500 क्यूसिक से 675 क्यूसिक तथा रतिया के गांवों में 63 नए रिचार्ज बोरवेल लगाए गए हैं।

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ये जारी किए गए नंबर

-फतेहाबाद के लिए लघु सचिवालय में 01667 230018

-कार्यकारी अभियंता कार्यालय 01667 220105

-टोहाना तहसील 01692 298600

-कार्यकारी अभियंता कार्यालय 01692 230001

रतिया तहसील 01697 251700।

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इन व्यवस्थाओं का लिया जायजा

इस मौके पर सिचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता ओपी बिश्नाोई ने बताया कि जिला में 14 बोट्स, 40 चप्पू, 86 लाइफ जेकेट, 5 मोटर बोट इंजन, 4 ट्राइलर व 30 कुंडे है। इसके अलावा बाढ़ राहत कार्यों में जिले की सभी जेसीबी को अलर्ट पर रखा गया है। भूना में 12, फतेहाबाद में 8, भट्टू में 19, रतिया में 12, टोहाना में 8 व जाखल में 5 जेसीबी को बाढ़ राहत कार्य के लिए अलर्ट किया है। इसके अलावा पानी निकालने वाले 28 डीजल पंप, 10 बिजली चालित पंप तथा 36 वीटी पंप भी रिजर्व रखे गए हैं। बाढ़ आने की स्थिति में कम्यूनिकेशन स्थापित करने के लिए पुलिस विभाग के 116 वायरलेस सेट, 12 पीसीआर गाडिय़ां, 2 एंबुलेंस अलर्ट पर रखी गई हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग की 20 एंबुलेंस, फायर फाइटिग किट, 24 चालक, फतेहाबाद व टोहाना नागरिक अस्पताल, 4 सीएचसी, 18 पीएचसी 1 पालीक्लिनिक भी अलर्ट पर हैं। जिले में बेड 310, लैब 29, ऑपरेशन थिएटर 6, डॉक्टर 69, एएनएम 207, आशा वर्कर्स 826, स्टाफ नर्स 83, फायर ब्रिगेड की 15 गाडिय़ां तैयार है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए जिले के फतेहाबाद की 5, रतिया की 2, टोहाना की 4 तथा जाखल, धारसूल व भूना की 1-1 गाड़ी व जिले के 8 फायर बाइक को अलर्ट पर रखा गया है। इसके अलावा बाढ़ का पानी बढ़ने की स्थिति में पानी निकालने को जिले की 83 नहरें चिन्हित की गई हैं जिनमें विभिन्न माध्यमों से ओवरफ्लो पानी छोड़ा जा सकता है। आपात स्थिति में होमगार्ड के 636 गार्ड की ड्यूटी लगाई है। इसके अलावा रेडक्रास के 100 ब्लड डोनर, 165 वालेंटियर की भी ड्यूटी लगाई गई है।

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इन क्षेत्रों का किया निरीक्षण

उपायुक्त महावीर कौशिक के साथ एसडीएम कुलभूषण बंसल, भारत भूषण बंसल, गौरव अंतिल, अधीक्षण अभियंता ओपी बिश्नोई, डीआरओ प्रमोद चहल, कार्यकारी अभियंता मुनीष शर्मा, संदीप बेनीवाल, एसडीओ लोकपाल जागलान, जेई मनोज कुमार, दीपांशु, मुकेश पंघाल सहित अन्य संबंधित अधिकारियों ने बड़ोपल, अयाल्की, अहरवां, हमजापुर, रतिया, चिम्मो, घासवा, धारसूल कलां व खुर्द, कुलां, दिवाना, रत्ताथेह, मामुपुर, म्योंद कलां, चांदपुरा, ललुवाल, ढेर, लहराथेह, टोहाना सहित 20 गांवों से भी अधिक बाढ़ संभावित क्षेत्रों का दौरा किया।


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