वाहन पंजीकरण में गड़बड़ी का मामला, अब फाइल तैयार करने वाला होगा जिम्मेदार
एसडीएम कार्यालय में गलत तरीके से वाहन पंजीकरण होने के मामले की जांच प्रक्रिया तेज हो गई है। शुक्रवार को डीएसपी दलजीत सिंह बेनीवाल ने एसडीएम कार्यालय में जाकर निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने गड़बड़ी से जुड़े कई मामले जांचे। वहीं अब फतेहाबाद के एसडीएम ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए लघु सचिवालय में कार्यरत टाइपिस्टों की बैठक ली।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : एसडीएम कार्यालय में गलत तरीके से वाहन पंजीकरण होने के मामले की जांच प्रक्रिया तेज हो गई है। शुक्रवार को डीएसपी दलजीत सिंह बेनीवाल ने एसडीएम कार्यालय में जाकर निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने गड़बड़ी से जुड़े कई मामले जांचे। वहीं अब फतेहाबाद के एसडीएम ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए लघु सचिवालय में कार्यरत टाइपिस्टों की बैठक ली।
एसडीएम कुलभूषण ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जो भी टाइपिस्ट किसी भी प्रकार की फाइल तैयार करेगा, उसका पंजीकृत नंबर व नाम फाइल पर होना जरूरी होगा। अन्यथा फाइल नहीं ली जाएगी। वहीं पुराने वाहनों का पंजीकरण के दौरान खरीदार व बेचने वाले के साथ टाइपिस्ट का भी फोटो लगाया जाएगा। ताकि गड़बड़ी में शामिल टाइपिस्टों पर कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, फतेहाबाद में सीएम फ्लाइंग के निर्देश पर शहर पुलिस ने फतेहाबाद के एसडीएम रहे चुके तीन अधिकारियों, दो क्लर्क व तीन अन्य लोगों पर मामला दर्ज किया है। पुलिस अब पूरे प्रकरण की जांच कर रही है। पुलिस ने तीनों एसडीएम के खिलाफ एक-एक मामले में गड़बड़ी पकड़ते हुए एफआईआर दर्ज की है। लेकिन एसडीएम कार्यालय अब ऐसे अनेक मामले जांच में मुहैया करवा रहा है। जिसमें पहले से गड़बड़ी हो रही है।
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टाइपिस्टों को नाजर शाखा जारी करते थी लाइसेंस :
उपायुक्त कार्यालय के अधीन कार्य कर रही नाजर शाखा लघु सचिवालय के प्रांगण में बैठने वाले टाइपिस्टों को लाइसेंस जारी करती है। यह लाइसेंस उन्हें उनकी प्रामाणिकता के नाम पर दिया जाता था। अब फतेहाबाद लघु सचिवालय से संबंधित 35 टाइपिस्टों को लाइसेंस दिया हुआ है। उनमें से 20 की फीस नहीं भरी हुई। वहीं नए व्यक्ति को लाइसेंस जारी नहीं होता। करीब 10 वर्ष पहले तक ये लाइसेंस जारी होते थे। अब सरकार बिचौलियों को खत्म करने के लिए सिस्टम ऑनलाइन लागू कर दिए। उसके बाद टाइपिस्टों को लाइसेंस जारी करना बंद कर दिया।
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प्रतिदिन 10 से 15 लोग आते हैं पर्टिकुलर वेरिफिकेशन के लिए :
एसडीएम कार्यालय के कर्मचारियों का कहना है कि प्रतिदिन 10 से 15 लोग अपने वाहन के पर्टिकुलर वेरिफिकेशन के लिए आते हैं। जब वाहन चोरी, दुर्घटना होने के साथ-साथ अनैतिक कार्यों में पकड़े जाने पर पुलिस को इसकी जरूरत पड़ती है। तब संबंधित वाहन मालिक को पर्टिकुलर वेरिफिकेशन ले जाने एसडीएम कार्यालय में आना पडता है। इनमें से आधे से अधिक लोग दूसरे राज्यों से संबंधित होते हैं। उनका अपना पुराना वाहन फतेहाबाद का स्थायी निवासी बनकर पंजीकरण होता है। लेकिन वाहन पंजीकरण के दौरान जो किरायानामा मकान मालिक के तरफ से जारी हुआ होना चाहिए, वह उनकी फाइल में अब भी नहीं लगा हुआ। ऐसे में सरकारी की सख्ती की वजह से उनके भी जांच में नाम शामिल किए जा सकते है।
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कोरोना काल में खूब हुए वाहन पंजीकृत :
गत वर्ष कोरोना काल में खूब वाहन पंजीकृत किए गए। 2019-20 में करीब 10 हजार 50 वाहन पंजीकृत हुए तो वहीं 2020-21 में यह संख्या बढ़कर 11 हजार 200 की हो गई। वाहन पंजीकरण के मामले में यूं कहे पिछले 8 सालों में 10 सीरिज के नंबर पंजीकृत हो गए। 2014 में जे सीरिज शुरू हुई थी। जो अब एस सीरीज चल रही है। एक सीरीज में 9 हजार 999 नंबर होते हैं। यानी पिछले आठ साल में जिले में 95 हजार से अधिक वाहन फतेहाबाद एसडीएम कार्यालय पंजीकृत हुए।
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मैंने शुक्रवार को लघु सचिवालय में फाइल तैयार कर रहे सभी टाइपिस्टों को बुलाकर निर्देश दे दिए है। वे जो भी फाइल तैयार करते है। उस पर उनका नाम के साथ डीसी की नाजर शाखा से जारी पंजीकृत नंबर व फोटो भी लगाए। अन्यथा उनकी फाइल नहीं ली जाएगी। वहीं एजेंसी संचालकों को भी हिदायत जारी कर दी है। मैं मेरे कार्यालय में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होने दूंगा।
- कुलभूषण बंसल, एसडीएम, फतेहाबाद।
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