बोगस बिल काटने वाली 8 फर्मो के खिलाफ मामला दर्ज
बोगस बिल काटते हुए सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचाने वा
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
बोगस बिल काटते हुए सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचाने वाली आठ फर्मों के खिलाफ कराधान विभाग ने पुलिस को शिकायत दी हैं। पुलिस ने विभाग की शिकायत पर मामला दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है। इन फर्मों ने जीएसटी नंबर लेते हुए दो से तीन महीनों के अंदर करोड़ों रुपये के बोगस बिल काट दिए। जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ। अब कराधान विभाग के आयुक्त ने रोहतक, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, भिवानी, गुरुग्राम ईस्ट, यमुनानगर व पानीपत के अपने विभाग के उपायुक्तों को पत्र भेजकर बोगस फर्म काटने वाली फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए है। इसके बाद सभी बोगस बिल काटने वाली फर्म संचालकों के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी है। अब तक प्रदेश में 44 बोगस बिल काटने वाली फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है, जिसमें से आठ फर्म फतेहाबाद की है।
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फतेहाबाद की इन फर्मों के खिलाफ हुए मामला दर्ज
कराधान विभाग के उपायुक्त डा. वीके शास्त्री ने बताया कि गत 24 दिसंबर को फतेहाबाद के कराधान विभाग के अधिकारियों ने बोगस बिल काटने वाली चार फर्में पकड़ी थी, उसके बाद प्रदेश में कई जगह बोगस बिल काट रही अनेक फर्मों का पर्दाफाश हो गया। अब सरकार के आदेश के बाद उन्होंने सिरसा के बेगूरोड निवासी सुरेंद्र पुत्र संतराम के खिलाफ फतेहाबाद के भूना रोड पर कागजों में गोपीराम एंड इंडस्ट्रीज बनाते हुए 17 करोड़ 59 लाख के 88 बोगस बिल काटने पर मामला दर्ज करवाया है। इसी तरह सरदूलगढ़ पंजाब के सुरेंद्र ने फतेहाबाद में कागजों में मनीष कॉटन इंडस्ट्रीज बनाते हुए 64 बोगस बिल 5 फर्मों को 13 करोड़ 91 लाख रुपये के जारी किए। सरदूलगढ़ के ही विरेंद्र ¨सह ने रतिया में हरिओम कॉटन ट्रेडर्स नामक फर्म बनाकर 94 बोगस बिल सिर्फ 3 फर्मों को 13 करोड़ 66 लाख रुपये के काटे तथा मानसा के निकटवर्ती गांव सरदूलेवाला के देवीलाल ने रतिया में सांई ट्रै¨डग कंपनी बनाकर 23 करोड़ 78 लाख रुपये के 94 बोगस बिल 12 फर्मों के लिए काटने पर पुलिस में मामला दर्ज करवाया है। इसी तरह भूना में भी स्क्रैप के नाम पर जीएसटी नंबर लेकर मैथी व धनिया बेचने के नाम पर 57 करोड़ के बोगस बिल जारी कर दिए थे। फर्म मालिक भादरा निवासी कृष्ण पर मामला दर्ज किया जाएगा।
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मामला दर्ज करवाने से पहले सीआइडी से मांगी थी रिपोर्ट :
सरकार ने बोगस बिल काटने वाली फर्मों पर मामला दर्ज करवाने से पहले सीआइडी से रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें सामने आया कि प्रदेश की अनेक फर्मों ने 1200 करोड़ से अधिक बोगस बिल जारी कर दिए। इससे सरकार को 100 करोड़ से अधिक राजस्व का नुकसान हुआ। ये बोगस बिल काटने वाली फर्म एक दूसरे से जुड़ी हुई थी। इन फर्मों ने आपस में एक दूसरे को बिल जारी किया। कई फर्मों के मालिक भी एक ही व्यक्ति सामने आए। इसके बाद सरकार ने इनके खिलाफ मामला दर्ज करवाने के आदेश दिए।
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जिन फर्मों ने बोगस बिल काटे हैं उनके खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया गया हैं। इसके अलावा जांच करते हुए जिन फर्मों ने बोगस बिल काटने वाली फर्मों के साथ लेनदेन किया, उनके खिलाफ भी शिकायत दी जाएगी।
- डा. वीके शास्त्री, उपायुक्त, कराधान एवं आबकारी विभाग।