गांव के तालाबों पर अतिक्रमण की काली छाया, कैसे होगा जल संरक्षण
संवाद सूत्र कुलां गर्मियों में जल संकट को देखते सरकार व प्रशासन को तालाब याद आ जाते है
संवाद सूत्र, कुलां :
गर्मियों में जल संकट को देखते सरकार व प्रशासन को तालाब याद आ जाते हैं। इस दौरान आम लोग भी इनके सुधार की मांग उठाने लगते है। लेकिन प्रत्येक वर्ष सिर्फ गर्मियों में तालाब के सुधार की मांग उठती है, लेकिन सुधार कभी नहीं हुआ। प्रत्येक वर्ष ढाक के तीन पात की स्थिति बन रहती है। कुलां क्षेत्र के अधिकांश गांवों के तालाबों पर लोगों ने अतिक्रमण किया हुआ है। इससे आमजन को परेशानी यह है कि गांव की पानी निकासी की समस्या विकराल हो गई। गांव के मुख्य रास्तों पर पानी भरा रहता है।
ग्रामीणों का कहना है कि जल संरक्षण के लिए तालाबों का सहेजना जरूरी है, लेकिन गांव के ही कुछ लोग सरपंचों व पंचायती राज विभाग के अधिकारियों की शह के चलते तालाब की जगह पर कब्जा कर रहे है। जो तालाब कभी पांच से 10 एकड़ में होते थे, अब वे सिमटकर 2 एकड़ में भी नहीं रहे। ऐसा ही चलता रहा तो गांवों में बने तालाब सिर्फ कागजों में सिमट कर रहे जाएंगे। गांव जापतेवाला व गुल्लरवाला में वर्षो पूर्व बने जोहड़ इन दिनों पूरी तरह से दूषित हो चुके हैं। जोहड़ में दूषित पानी व गंदगी भरे होने से आसपास दूषित भरा माहौल रहता है। इन गांवों के ग्रामीणों के अनुसार कई वर्षो से जोहड़ की सफाई नहीं हुई है। स्थिति यह है कि जोहड़ ओवरफ्लो होने से दूषित पानी सड़कों पर जमा होता रहता है। जोहड़ की दुर्गंध की वजह से यहां से गुजरना भी मुश्किल है। ग्रामीणों ने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में मानसून दस्तक देंगी। इससे परेशानी बढ़ जाएगी।
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पंचायत ने दो वर्ष पूर्व की थी अतिक्रमण को लेकर शिकायत
कुलां के तालाब पर कुछ दबंगों द्वारा कब्जा किया हुआ है। ग्राम पंचायत द्वारा करीब दो वर्ष पूर्व अतिक्रमण की शिकायत प्रशासन को दी गई थी। इस पर विभाग द्वारा हालांकि अतिक्रमणकारियों को दो बार कब्जा हटाने के नोटिस भी जारी किए गए थे। जबकि कब्जाधारक किसी सूरत में कब्जा हटाने को तैयार नहीं है। पंचायत भी कब्जा हटाने के लिए गंभीर नहीं है। पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि अतिक्रमण का मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
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गांव शकरपुरा में दशकों से कब्जाधारक आबाद :
गांव शकरपुरा में कुछ लोगों द्वारा दशकों से जोहड़ की करीब 3 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण किया हुआ है। स्थिति यह है कि कागजों में तो पंचायत की 3 एकड़ भूमि में जोहड़ है। जबकि धरातल पर अतिक्रमण के चलते जोहड़ इन दिनों विलुप्त हो चुका है। गांव में गंदे पानी की निकासी को लेकर ग्राम पंचायत द्वारा रंगोली नाले से पाइपलाइन जोड़ी गई है। ग्रामीणों द्वारा अतिक्रमण की शिकायत बार-बार उच्च अधिकारियों को दी गई है। इसके अलावा शिकायत सीएम विडो में भी दी गई है। सीएम विडो में शिकायत देने उपरांत हालांकि राजस्व विभाग द्वारा यहां दो बार कब्जा हटाने की कार्रवाई की गई है। जबकि कुछ समय बाद ही कब्जाधारक फिर से कब्जा जमा लेते हैं।