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सीएम दरबार पहुंची भाजपा जिलाध्यक्ष बलदेव ग्रोहा की वेदना

- गणतंत्र दिवस समारोह में नहीं मिला अपेक्षा के अनुरूप सम्मान सीएम के ओएसडी को दी शिकायत

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 10:33 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 10:33 PM (IST)
सीएम दरबार पहुंची भाजपा जिलाध्यक्ष बलदेव ग्रोहा की वेदना
सीएम दरबार पहुंची भाजपा जिलाध्यक्ष बलदेव ग्रोहा की वेदना

- गणतंत्र दिवस समारोह में नहीं मिला अपेक्षा के अनुरूप सम्मान, सीएम के ओएसडी को दी शिकायत जागरण संवाददाता, फतेहाबाद

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प्रोटोकाल कहता है, अगर प्रधानमंत्री किसी कार्यक्रम में हों तो संबंधित दल के जिलाध्यक्ष को ही मंच साझा करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। लेकिन जब प्रशासनिक व्यवस्था में अनदेखी हो तो ऐसे जिलाध्यक्ष का दर्द स्वाभाविक ही सरकार के मुखिया तक पहुंच जाता है। कुछ ऐसी ही वेदना यहां सत्ताधारी दल भाजपा के जिलाध्यक्ष बलदेव ग्रोहा ने मुख्यमंत्री दरबार तक पहुंचाई है। गणतंत्र दिवस समारोह में उन्हें अपेक्षा के अनुरूप सम्मान (बैठने का स्थान) नहीं मिला। पहले ही प्रशासनिक अधिकारियों की उपेक्षा की कार्यकर्ताओं की शिकायत तथा शहर में इस प्रकरण की वायरल चर्चा से व्यथित बलदेव ग्रोहा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल तक पहुंचाई है।

बलदेव ग्रोहा वीरवार सुबह ही पूरे प्रकरण को समेटकर चंडीगढ़ रवाना हो गए। हालांकि उनके पहुंचने से पहले ही सीएम कहीं निकल गए थे। फिर भाजपा जिलाध्यक्ष ने सीएम के ओएसडी भूपेश्वर दयाल को नगराधीश को शिकायत दी। उन्होंने कहा है कि जिलाध्यक्ष स्तर का सम्मान उन्हें नहीं दिया गया। प्रशासन की ओर से व्यवस्था संभाल रहे नगराधीश सुरेश कुमार के इंतजाम पर उन्होंने और भी सवाल उठाए हैं। हालांकि जिला प्रशासन के मुखिया डीसी प्रदीप कुमार ने अपने अधिकारी का बचाव करते हुए इस प्रकरण को इतनी बड़ी बात होने से इन्कार किया है। मैं तो कार्यकर्ताओं के साथ रहा हूं। देखने गया था कि कैसा इंतजाम है। यह भी कोई व्यवस्था थी? तीन बार सीट चेंज करना पड़ा। दूसरी बात यह कि प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सहित पार्टी के किसी वरिष्ठ पदाधिकारी अथवा नेता को गणतंत्र दिवस समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था। अगर कोरोना ही कारण था तो तो केवल भाजपा के लोगों के लिए? - बलदेव ग्रोहा, भाजपा जिलाध्यक्ष यह तो कोई बात नहीं होती। इसमें इतनी बड़ी बात ही क्या है? फ्रंट रो (अगली पंक्ति) में सीट दी गई थी। अब इससे बढि़या क्या हो सकता था? अगर और कोई बात हो तो कह नहीं सकता। - प्रदीप कुमार, डीसी फतेहाबाद।


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