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ऑटो मार्केट की दुकानों का नहीं मिला रिकॉर्ड, एसडीएम बोले-डीसी के सामने मामला रखें अधिकारी

जागरण संवाददाता फतेहाबाद ऑटो मार्केट में बनी दुकानें अब फिर से सुर्खियों में आ गई ह

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 12:14 AM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 12:14 AM (IST)
ऑटो मार्केट की दुकानों का नहीं मिला रिकॉर्ड, एसडीएम बोले-डीसी के सामने मामला रखें अधिकारी
ऑटो मार्केट की दुकानों का नहीं मिला रिकॉर्ड, एसडीएम बोले-डीसी के सामने मामला रखें अधिकारी

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : ऑटो मार्केट में बनी दुकानें अब फिर से सुर्खियों में आ गई हैं। करीब छह महीने पहले नप अधिकारियों द्वारा कुछ दुकानों का किराया माफ करने का मामला भी अभी विचाराधीन है। सोमवार को ऑटो मार्केट की दुकानों का रिकॉर्ड जांचने के लिए एसडीएम ने नगरपरिषद कार्यालय का निरीक्षण किया। नप अधिकारियों से ऑटो मार्केट के सही मालिकों की सूची भी मांगी। लेकिन अधिकारियों के पास रिकॉर्ड तक नहीं मिला। अधिकारियों ने कहा कि जिन दुकानदारों ने दुकानें खरीदी थी वो आगे से आगे इन दुकानों को बेचते चले गये है। इस कारण हमारे पास इसका रिकॉर्ड नहीं है। एसडीएम ने अब नप अधिकारियों से कहा कि वे डीसी के सामने इस मामले को रखे ताकि जो अब दुकानों के मालिक है उनकी रजिस्टरी हो सके।

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पिछले काफी समय से ऑटो मार्केट के दुकानदार डीसी व एसडीएम से मिल रहे थे कि नगरपरिषद के अधिकारी इन दुकानों की रजिस्टरी नहीं कर रहे है और ना ही कोई रिकॉर्ड बता रहे है। डीसी ने एसडीएम सरजीत नैन को नगरपरिषद का निरीक्षण करके इसका रिकॉर्ड जांचने के लिए कहा। सोमवार को एसडीएम सुबह साढ़े 11 बजे नगरपरिषद कार्यालय में पहुंचे और रिकॉर्ड लाने के लिए कहा।

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ऑटो मार्केट में 321 दुकानें, अधिकतर की अटकी है रजिस्टरी

भूना मोड़ पर ऑटो मार्केट बनी हुई है। इसमें करीब 321 दुकानें है। इनमें से 60 दुकानें नप की हैं। यहां 180 दुकानों की रजिस्टरी तक नहीं है। यहीं कारण है कि अब दुकानदारों को परेशानी आ रही है। ऑटो मार्केट में बनी दुकानों को गाड़ी का काम करने वालों ने खरीदी थी। लेकिन वो आगे से आगे बयाना देकर इसे बेचते चले गए। अब जब सरकार ने इन दुकानों की रजिस्टरी करवाने के आदेश दिए है तो अब दुकानदार परेशान हो गये। रिकॉर्ड न होने के कारण इनकी रजिस्टरी भी नहीं हो रही है।

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अब एसडीएम करेंगे मामले की जांच

एसडीएम को ऑटो मार्केट की दुकानों का रिकॉर्ड न मिलने के बाद अब वे नए सिरे से मामले की जांच करेंगे। नप अधिकारियों को अब डीसी के सामने यह बात रखनी होगी कि रिकॉर्ड न होने की सूरत में रजिस्टरी कैसे होगी। वही प्लानिग बनाई जा रही है जो इनके असली मालिक है उनका भी पता लगाने की कौशिश की जाएगी। अब डीसी जो फैसला लेंगे उसके बाद ही आगामी कार्रवाई होगी। एसडीएम ने खुद माना है जो पहले नप अधिकारी रहे है उनकी लापरवाही रही है।

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ऑटो मार्केट का 28 लाख रुपये का किराया माफ करने का मामला भी चल रहा विचाराधीन

नगर परिषद की ऑटो मार्केट स्थित तीन दुकानों का किराया माफी मामले की जांच डीसी कर रहे है। इस जांच रिपोर्ट में अधिकारियों व दुकान के किराएदारों की मिलीभगत के चलते नगर परिषद को 28 लाख रुपये राजस्व के नुकसान हो गया था। यह दुकानों शहर के एक पार्षद महिला के जेठ व अन्य लोगों के पास है। बता दें कि इन दुकानों को किराए पर लेने वालों ने नगर परिषद अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर खुद को गरीब बताते हुए दुकान का किराया माफ करा लिया। यह किराया मात्र एक शपथ पत्र के आधार पर माफ कर दिया गया था।

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पिछले काफी समय से ऑटो मार्केट में दुकान करने वाले लोग हमारे पास आ रहे थे। रजिस्टरी न होने का हवाला दे रहे थे। इसी को लेकर उन्होंने नगरपरिषद में रिकॉर्ड का निरीक्षण किया है। यहां पर पता चला कि जो असली मालिक थे वो बयाना के आधार पर अपनी दुकानें बचते चले गये। नप के पास इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। अब नप अधिकारियों से कहा गया है कि वे कमेटी बनाकर डीसी के सामने सारा मामला रखे। डीसी जो फैसला करेंगे वो मान्य होगा।

सरजीत नैन,

एसडीएम, फतेहाबाद।


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