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नई शिक्षा नीति व अध्यापकों के पद खत्म करने से खफा जांडली के ग्रामीणों ने स्कूल गेट पर किया जोरदार प्रदर्शन

जागरण संवाददाता फतेहाबाद सरकार की नई शिक्षा नीति और सरकारी स्कूलों में अध्यापकों

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Aug 2022 11:24 PM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2022 11:24 PM (IST)
नई शिक्षा नीति व अध्यापकों के पद खत्म करने से खफा जांडली के ग्रामीणों ने स्कूल गेट पर किया जोरदार प्रदर्शन
नई शिक्षा नीति व अध्यापकों के पद खत्म करने से खफा जांडली के ग्रामीणों ने स्कूल गेट पर किया जोरदार प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : सरकार की नई शिक्षा नीति और सरकारी स्कूलों में अध्यापकों के पद खत्म करने के चलते विद्यार्थियों को हो रही परेशानी के चलते अभिभावकों में सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है। सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी से खफा गांव जांडली कलां के ग्रामीणों ने वीरवार को स्कूल प्रबंधक समिति के प्रधान रमेश जांडली के नेतृत्व में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के बाहर रोष प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन में काफी संख्या में महिलाओं ने भी भाग लिया। ग्रामीणों ने नई शिक्षा नीति का विरोध करते हुए इसे तुरंत वापस लेने और सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए अध्यापकों व अन्य मूलभूत सुविधाओं का प्रबंध करनेकी मांग की है। ग्रामीणों व अभिभावकों के प्रदर्शन की सूचना मिलते ही खंड शिक्षा अधिकारी भूना जगदीश चन्द्र सेवदा मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से बातचीत की। ग्रामीणों ने खंड शिक्षा अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र भी सौंपा।

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प्रदर्शन कर रहे राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एसएमसी प्रधान रमेश जांडली, पूर्व प्रधान सुरेश भैरो, धर्मपाल जांडली, बख्शी राम, रोशन, तरसेम, शमशेर, सुरेश कुमार, मीना, गीता, बाला, सुमन, किताबो देवी, कमलेश, संतरो, सावित्री, मीना, शांति, अनारकली, कैलाशो, पुष्पा, भतेरी, राजपति, सुंदर कौर, सलमा, प्रेमो देवी, पायल, कृष्णा, कैलो देवी, ऊषा, सोनिया आदि ने बताया कि प्रदेश सरकार एक तरफ प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के दावे कर रही है वहीं दूसरी तरफ नई शिक्षा नीति व ट्रांसफर ड्राईव से अध्यापकों के पद खत्म कर सरकारी स्कूलों को बंद करने की साजिश की जा रही है। अध्यापकों के खाली पड़े पदों को तुरंत भरा जाए। नई शिक्षा नीति 2020 को वापस लिया जाए। कक्षा नौंवी से 12वीं तक शिक्षक-छात्र अनुपात 1:40 किया जाए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर सरकारी स्कूलों में अध्यापकों के खाली पदों को नहीं भरा गया तो वे आंदोलन को तेज करने पर मजबूर होंगे।


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