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नौ माह बाद जिला परिषद की बैठक दो को, बजट का मुद्दा छाने के आसार

जागरण संवाददाता फतेहाबाद जिला परिषद की बैठक पिछले 9 महीनों से नहीं हुई। इस दौरान

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 07:32 AM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 07:32 AM (IST)
नौ माह बाद जिला परिषद की बैठक दो को, बजट का मुद्दा  छाने के आसार
नौ माह बाद जिला परिषद की बैठक दो को, बजट का मुद्दा छाने के आसार

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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जिला परिषद की बैठक पिछले 9 महीनों से नहीं हुई। इस दौरान जिला परिषद को विभिन्न मदों से आए 7 करोड़ रुपये चेयरमैन दंपती ने अपने वार्ड में खर्च कर दिए। अब जिला परिषद की बैठक 2 दिसंबर को होगी। इस बैठक में इन रुपयों को लेकर पार्षद बहस करेंगे। गत दिनों सत्र में भी चेयरमैन द्वारा जिला परिषद के बजट की बंदरबांट करने का मुद्दा उठा था। उसके बाद पार्षदों ने बैठक बुलाने की मांग की। अब इस बैठक में चेयरमैन के सामने फिर से पार्षद मुद्दा उठाएंगे।

भाजपा के नेता एवं जिला परिषद के चेयरमैन राजेश कस्वां वार्ड 7 से पार्षद है तो उनकी पत्नी सुनीता कस्वां वार्ड 3 से। जिला परिषद में आए 7 करोड़ रुपये इन दोनों वार्डो में अधिकांश रुपये खर्च हुए है। चेयरमैन ने खुद के वार्ड से अधिक रुपये अपनी पत्नी के वार्ड में खर्च किए है। जबकि अन्य पार्षदों को ग्रांट तक जारी नहीं किए। वार्ड 5 में तो चेयरमैन ने संबंधित पार्षद युक्ति गोदारा से प्रस्ताव लेकर ग्रांट तक जारी नहीं की। इस तरह भाजपा समर्थित पार्षदों के वार्ड में भी 2 से 5 लाख रुपये तक की ग्रांट जारी हुई है।

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जांडवाला सौत्र की भी हुई उपेक्षा :

गांव जांडवाला सौत्र से चार पार्षद बने गए। लेकिन गांव की उपेक्षा हुई। गांव के संबंधित चेयरमैन होने के बाद भी उस हिसाब से काम नहीं हुआ। जांडवाला सौत्र के पार्षद सुरजीत ओड के अलावा चेयरमैन राजेश कस्वां, सुनीता कस्वां है। वहीं जाडवाला सौत्र की ढाणियों में कमला भुक्कर का मायका है। जो वार्ड 6 से पार्षद एवं जिला परिषद की वाइस चेयरपर्सन है। उसके बाद भी पार्षदों ने अपने गांव में जिला परिषद के मद से सही से कार्य नहीं करवाए।

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6 मार्च को हुई बैठक के एजेंडे अभी अधूरे, नहीं हुई भ्रष्टाचार की जांच :

जिला परिषद की 6 मार्च को बैठक हुई थी। उसमें कई मुद्दे उठे थे। उनमें से मनरेगा घोटाला का प्रमुख मुद्दा था। चेयरमैन ने पार्षदों को आश्वास दिया था कि मनरेगा से हुए पक्के कार्यों की जांच श्रीराम लैब दिल्ली से करवाएंगे। लेकिन 9 महीनों के दौरान चेयरमैन ने मुद्दा दबा दिया। जांच तो दूर श्रीराम लैब को पत्र तक नहीं भेजा गया। रतिया के मनरेगा एपीओ पर भी भ्रष्टाचार की जांच करवाने के लिए कमेटी का गठन हुआ। लेकिन कमेटी ने जांच नहीं की। विदित रहे कि पिछली बैठक में 10 एजेंडे रखे गए थे। जिसमें पार्षद जगदीश ओड ने तो बताया कि जिला परिषद में आए बजट से कई गांवों बस क्यू शेल्टर बनाए गए। दो लाख रुपये में मात्र 6 फीट ऊंचा ही शेड बनाया गया है। जिसमें खूब भ्रष्टाचार हुआ है। उसकी जांच हो।

--------------------- 2 दिसंबर को सुबह 11 बजे जिला परिषद हॉल में जिला परिषद की विशेष बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में सभी जिप पार्षदों के अपने-अपने वार्डो से जुड़ी समस्याओं तथा अन्य मुद्दों पर विचार किया जाएगा। मैंने सभी संबंधित जिप पार्षदों, विभाग के अधिकारियों को 2 दिसंबर को सुबह 11 बजे जिला परिषद हॉल में आयोजित होने वाली बैठक में पहुंचने के लिए जिला परिषद के सीईओ के मार्फत पत्र भेजा है।

- राजेश कस्वां, चेयरमैन, जिला परिषद।


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