9 पीएचसी अब होंगी हेल्थ वेलनेस सेंटर, हर तरह के टेस्ट और मिलेंगीं दवाइयां
जागरण संवाददाता फतेहाबाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत सुधारने के लिए स्वास्थ्य विभाग न
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत सुधारने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कदम बढ़ाया है। अब इन्हें हेल्थ वेलनेस सेंटर में बदला जा रहा है। जिला अस्पतालों की तरह यहां पर दवाइयां और मेडिसिन की सुविधा उपलब्ध होगी। स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय ने जिला मुख्यालय से पीएचसी और सीएचसी की रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें से 9 पीएचसी को हेल्थ वेलनेस सेंटर में बदलने की मंजूरी मिली है। जिसमें 6 ग्रामीण तथा 3 शहरी पीएचसी शामिल हैं। जिसमें पीएचसी पीलीमंदोरी, नागपुर, बनगांव, भिरड़ाना, नहला और पिरथला व शहरी पीएचसी में फतेहाबाद, टोहाना और रतिया शामिल है। इन पीएचसी को आयुष्मान भारत योजना के तहत बजट उपलब्ध होगा। इसके अलावा यहां पर अतिरिक्त स्टाफ की डयूटी भी तैनात होगा।
गांवों में चल रहे पीएचसी सेंटरों की खस्ता हालत को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने दिल्ली की तर्ज पर मुहल्ला क्लीनिक की तरह इनकी हालत सुधारने के लिए हेल्थ वेलनेस सेंटर में तब्दील कर रहा है। अब तक इन पीएचसी पर नाममात्र टेस्ट और दवाइयों की सुविधा मिल रही है। इसके चलते विभाग ने पीएचसी और सीएचसी की रिपोर्ट मांगी थी। 19 पीएचसी में से विभाग ने फिलहाल 9 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को मंजूरी दी है।
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ये होगा फायदा :
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की माने तो इन हेल्थ वेलनेस सेंटरों को आयुष्मान भारत योजना के तहत बजट उपलब्ध होगा। इसके तहत इनका कायाकल्प भी होगा। गांव के मरीजों को जिला अस्पताल में आने की की जरूरत नहीं होगी, उन्हें हेल्थ वेलनेस सेंटर पर ही 67 तरह की मेडिसिन और 25 से 30 तरह के लैब टेस्ट की सुविधा मिल जाएगी।
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डाक्टरों का टोटा बना परेशानी :
पीएचसी और सीएचसी की हालत खस्ता होने के पीछे मुख्य कारण डाक्टरों की कमी है। अधिकतर पीएचसी और सीएचसी पर डाक्टर ही नहीं है। इस वजह से मरीज जिला मुख्यालयों की तरफ रूख कर रहे हैं। गांव में ही मरीजों को सुविधा मिल सके, इसलिए प्रथम चरण में 9 पीएचसी शामिल की गई हैं ताकि इनकी हालत को सुधारा जा सके।
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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों को हर तरह की सुविधा देने के लिए इन्हें हेल्थ वेलनेस सेंटर में बदला जा रहा है। यहां पर जिला मुख्यालय पर चल रहे अस्पताल की तरह टेस्ट और दवाइयां उपलब्ध होंगी। आयुष्मान भारत योजना के तहत इन्हें बजट मिलेगा।
- डा. सुनीता सोखी
उप सिविल सर्जन, फतेहाबाद