Move to Jagran APP

बदला मौसम का मिजाज, बढ़ी ठंड

पहाड़ी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी का असर बृहस्पतिवार को औद्योगिक जिले में भी पड़ा। सुबह से ही आसमान में बादल छाएं रहे पर बारिश नहीं हुई। दिन भर दिन सूर्य देवता के दर्शन नहीं हुए और अधिकतम तापमान में भी तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 07:40 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 06:12 AM (IST)
बदला मौसम का मिजाज, बढ़ी ठंड
बदला मौसम का मिजाज, बढ़ी ठंड

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : पहाड़ी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी का असर बृहस्पतिवार को औद्योगिक जिले में भी पड़ा। सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे, पर बारिश नहीं हुई। दिन भर सूर्य देवता के दर्शन नहीं हुए और अधिकतम तापमान में भी तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। दिन का अधिकतम तापमान 20 डिग्री व न्यूनतम 14 डिग्री दर्ज हुआ। बृहस्पतिवार को इस सर्दी का सबसे ठंडा दिन भी बताया जा रहा है। मौसम में ठंडक की चर्चा घर-दफ्तरों, बाजारों में होती रही। लोगों के तन पर गर्म कपड़े पहले से ज्यादा नजर आए। पहली बार तापमान आया 20 डिग्री पर

loksabha election banner

दिसंबर माह में पहली बार अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस पर आया है। दिसंबर माह की शुरुआत में तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था और न्यूनतम नौ डिग्री रहा था। इसके बाद के दिनों में एक या दो डिग्री तापमान कम बढ़ती होता रहा, पर 12 दिसंबर को अधिकतम तापमान में सीधे तीन डिग्री की गिरावट दर्ज हुई। जबकि न्यूनतम तापमान बढ़ा, यह 14 डिग्री दर्ज हुआ। जबकि एक दिन पहले यह आठ डिग्री था। पिछले साल 12 दिसंबर के दिन अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 13 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। सेहत पर दिखाई दे रहा मौसम में बदलाव का असर

इधर ठंड बढ़ने का असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी देखा गया। अस्पतालों में वायरल बुखार और जुकाम-खांसी से पीड़ित अच्छी संख्या में नजर आए। मौसम में बदलाव आने से बच्चों, बुजुर्गों और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। डॉक्टरों के अनुसार इस मौसम में लोगों को अपना विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। इसके अलावा नाक, कान, गले और पेट संबंधी समस्याएं भी बढ़ने की संभावना रहती है। सर्दी बढ़ने से हड्डी से जुड़ी पुरानी चोटों पर भी प्रभाव पड़ता है और पुराने जोड़ दर्द करते हैं। ऐसी परेशानियों से जुड़े लोग भी हड्डी रोग विशेषज्ञ के पास पहुंच रहे हैं। बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता कम होती है, जिसके कारण सर्दी के मौसम की मार का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर हो रहा है। मौसम में तेजी से हो रहे बदलाव के कारण बच्चों में ज्यादातर वायरल इंफेक्शन, सर्दी-जुकाम, बुखार उल्टी-दस्त और निमोनिया जैसी गंभीर मौसमी बीमारियां लगातार सामने आ रही है। इस मौसम में बच्चों के शरीर को पूरी तरह गरम कपड़ों से ढककर रखे, कपड़ों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। बच्चों में बुखार, खांसी-जुकाम, गले में खराश, दस्त एंव निमोनिया के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लें।

-डॉ.सुमित चक्रवर्ती, बाल रोग विशेषज्ञ, एशियन अस्पताल सर्दियों में कंधा जाम होने की समस्या बढ़ जाती है। कंधे की अकड़न आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होने वाली समस्या है। यह समस्या 40 से 60 वर्ष के बीच के लोगों को प्रभावित करती है और पुरुषों की तुलना में महिलाओं को सात गुना अधिक होने की संभावना होती है। डायबिटीज के लोगों को यह समस्या होने की संभावना ज्यादा होती है। इस समस्या में रोगी को कंधे में दर्द होता है अकड़न होती है धीरे-धीरे कंधा जाम हो जाता है। इसके लिए उचित समय पर ऑर्थोपेडिक्स डॉक्टर की सलाह लें। नियमित रूप से एक्सरसाइज करें जिससे कि कंधे की शक्ति और लचीलापन को बनाए रखने में मदद मिलती है और गर्म पानी से सिकाई करें

-डॉ.आशुतोष, हड्डी रोग विशेषज्ञ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.